किताब: द बुक ऑफ मिस्टेक्स लेखक: स्किप प्रिचर्ड अनुवाद: जयजीत अकलेचा प्रकाशक: मंजुल प्रकाशन मूल्य: 299 रुपये जिंदगी में हम सब गलतियां करते हैं। कभी-कभी ये गलतियां इतनी बार दोहराई जाती हैं कि हमें लगने लगता है कि सफलता शायद हमसे कोसों दूर है। लगभग हर कोई ऐसा महसूस करता है। जब आपके हाथ में स्किप प्रिचर्ड की किताब द बुक ऑफ मिस्टेक्स आएगी तो आपको एक नई उम्मीद दिखेगी। यह किताब न सिर्फ आपको आपकी गलतियों से रूबरू कराती है, बल्कि यह भी सिखाती है कि उनसे सीखकर आप अपनी जिंदगी को कैसे बदल सकते हैं। स्किप प्रिचर्ड एक सफल सीईओ और मोटिवेशनल स्पीकर हैं, जिन्होंने अपने अनुभवों को इस किताब में पिरोया है। यह किताब महज 200 पेज से भी कम की है, जिसे आप कुछ ही घंटों में पढ़ सकते हैं। फिर भी, यह छोटी-सी किताब जिंदगी के बड़े सबक सिखाती है। किताब किस बारे में है? द बुक ऑफ मिस्टेक्स एक सेल्फ-हेल्प किताब है, जो दो समानांतर कहानियों के जरिए आपको असफलता की 9 सबसे बड़ी गलतियां बताती है। पहली कहानी आज के समय की है, जिसमें एक युवक डेविड, जो अपनी जिंदगी में फंसा हुआ महसूस करता है, एक बूढ़े आदमी से मिलता है। यह बूढ़ा आदमी एक खास किताब, द बुक ऑफ मिस्टेक्स, की रखवाली कर रहा है, जिसमें असफल लोगों की 9 गलतियां लिखी हैं। बूढ़ा आदमी डेविड को एक यात्रा पर भेजता है, जहां वह अलग-अलग लोगों से मिलता है, और हर व्यक्ति उसे इन गलतियों में से एक के बारे में सिखाता है। दूसरी कहानी अमेरिकी क्रांति के समय की है, जिसमें एक युवती एरिया को इसी किताब को दुश्मनों से बचाने की जिम्मेदारी मिलती है। उसकी यह यात्रा मुश्किलों से भरी है, लेकिन वह दृढ़ संकल्प के साथ किताब की रक्षा करती है, ताकि इसकी शिक्षाएं आने वाली पीढ़ियों तक पहुंच सकें। दोनों कहानियां, एक-दूसरे से जुड़ी हैं और यह संदेश देती हैं कि गलतियां करना कोई गलत बात नहीं है, बल्कि उनसे सीखना ही हमें बेहतर बनाता है। किताब का मकसद इस किताब का उद्देश्य आपको यह समझाना है कि सफलता कोई जादू या किस्मत नहीं है। यह आपकी सोच, आपके फैसलों और गलतियों से सीखने की क्षमता पर निर्भर करती है। लेखक चाहते हैं कि आप अपनी गलतियों को एक बोझ की तरह न देखें, बल्कि उन्हें एक मौके की तरह लें, खुद को बेहतर बनाने के मौके की तरह देखें। यह किताब आपको प्रेरित करती है कि आप अपनी सोच को बदलें और अपने सपनों की ओर बढ़ें। किताब क्या सिखाती है? किताब में 9 ऐसी गलतियों का जिक्र है, जो हमें असफल बनाती हैं। ये गलतियां कोई रहस्य नहीं हैं, ये हमारे रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़ी हैं, जैसे खुद पर भरोसा न करना, दूसरों से तुलना करना, या असफलता से डरना। लेखक ने इन्हें कहानी के जरिए इतने आसान तरीके से समझाया है कि आप तुरंत इनसे जुड़ाव महसूस करते हैं। इन गलतियों को जानने के लिए आपको किताब पढ़नी होगी, लेकिन इतना समझिए कि ये आपको अपनी जिंदगी पर सोचने के लिए मजबूर कर देंगी। मिसाल के तौर पर, एक गलती यह है कि हम अक्सर अपनी काबिलियत को कम आंकते हैं। किताब पढ़ते वक्त हमें अपने बारे में सोचने का मौका मिलता है- हर कोई कितनी बार खुद को कमजोर समझता है, जबकि वे उससे कहीं अधिक हासिल कर सकते हैं। किताब की खामियां यह किताब प्रेरणादायक है, लेकिन इसमें कुछ कमियां भी हैं। यह आपको बताती है कि क्या नहीं करना चाहिए, लेकिन कैसे नहीं करना चाहिए, इसके बारे में ज्यादा नहीं बताया गया है। मिसाल के तौर पर, अगर आप दूसरों से तुलना करना छोड़ना चाहते हैं तो इसके लिए कोई ठोस सलाह नहीं मिलती है। साथ ही, इसमें बताई गई कहानियां कुछ लोगों को थोड़ी बचकानी लग सकती हैं। फिर भी ये कमियां किताब के जबरदस्त मैसेज को कमजोर नहीं करती हैं। कमाल की लेखन शैली स्किप प्रिचर्ड की लेखन शैली बेहद सरल और सहज है। जयजीत अकलेचा ने उतने ही सुंदर ढंग से अनुवाद किया है। कहानियों के जरिए संदेश देना इस किताब को और रोचक बनाता है। यह किताब इतनी छोटी है कि आप इसे एक शाम में खत्म कर सकते हैं और फिर भी इसके सबक आपके साथ लंबे वक्त तक रहते हैं। वेक-अप कॉल है बुक इस किताब को पढ़ते वक्त मुझे अपनी जिंदगी पर गहराई से सोचने का मौका मिला। मैंने महसूस किया कि मैंने भी कई बार वही गलतियां की हैं, जो डेविड ने की हैं। लेकिन इस किताब ने मुझे हिम्मत दी कि मैं अभी भी बदल सकता हूं। यह मेरे लिए एक वेक-अप कॉल थी। गलतियां आपका अंत नहीं हैं द बुक ऑफ मिस्टेक्स सिर्फ एक किताब नहीं, बल्कि एक मार्गदर्शक है। यह आपको सिखाती है कि गलतियां आपका अंत नहीं हैं, बल्कि आपकी शुरुआत हैं। अगर आप अपनी सोच को बदलना चाहते हैं, खुद को बेहतर बनाना चाहते हैं, और सफलता की ओर बढ़ना चाहते हैं, तो यह किताब आपके लिए है। इसे पढ़ें, अपनी गलतियों को गले लगाएं, और देखें कि जिंदगी कैसे बदलती है। यह किताब किसके लिए है? खासतौर पर यह किताब मिलेनियल्स और जेन वाई के लिए उपयोगी है, जो अभी जिंदगी के सबक सीख रहे हैं। लेकिन उम्र चाहे जो हो, अगर आप सीखना चाहते हैं, तो यह किताब आपके लिए है। क्यों पढ़ें? यह किताब आपको यह एहसास दिलाती है कि गलतियां जिंदगी का हिस्सा हैं और उनसे डरने की बजाय उन्हें गले लगाना चाहिए। यह आपको प्रेरित करती है कि आप अपनी कमियों को देखें, उन्हें सुधारें और अपने सपनों की ओर बढ़ें। यह किताब एक दोस्त की तरह है, बार-बार हौसला देती है कि तुम कर सकते हो, बस कोशिश करते रहो। ...................... ये खबर भी पढ़ें बुक रिव्यू- हम जैसा सोचेंगे, वैसे ही बनेंगे: पहचानें सबकॉन्शस माइंड की ताकत, खुद से हमेशा अफर्मेटिव वाक्य बोलें- ‘आई कैन डू इट’ 'द पावर ऑफ योर कॉन्शियस माइंड' जोसेफ मर्फी द्वारा लिखी गई एक विश्व-प्रसिद्ध सेल्फ-हेल्प किताब है। मर्फी एक मनोवैज्ञानिक लेखक थे और अध्यात्म में भी उनकी गहरी रुचि थी। अध्यात्म को समझने के लिए वे भारत आए और लंबे समय तक साधु-संतों के साथ रहे। पूरी खबर पढ़िए...