अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर भारत-पाकिस्तान के बीच मई में तनाव कम करके न्यूक्लियर वॅार को रोकने का दावा किया है। व्हाइट हाउस में बुधवार को कैबिनेट बैठक के दौरान ट्रम्प ने कहा कि उन्होंने भारत को भारी टैरिफ लगाने की धमकी दी थी। साथ ही उन्होंने व्यापार समझौते को रोकने की बात कही, जब तक कि दोनों देशों के बीच विवाद सुलझ नहीं जाता। ट्रम्प ने दावा किया कि उनकी बातचीत के पांच घंटे बाद ही दोनों देश पीछे हट गए। हालांकि, भारत हमेशा से ट्रम्प के बातचीत और मध्यस्थता के दावों को खारिज करता आया है। इसके बाद अमेरिका ने भारत पर 25% एक्स्ट्रा टैरिफ लगा दिया था। जो आज से लागू हो गया है। इससे पहले ट्रम्प जुलाई में भारत पर 25% टैरिफ लगा चुके हैं, अब भारत पर कुल टैरिफ 50% हो गया है। 15 करोड़ डॉलर के 7 जेट गिराने का दावा किया ट्रम्प ने कहा, 'मैंने मोदी से बात की, जो बहुत शानदार इंसान हैं। मैंने पूछा कि भारत और पाकिस्तान के बीच क्या हो रहा है। दोनों के बीच बहुत नफरत थी। यह विवाद लंबे समय से, चल रहा है।' उन्होंने कहा, 'यह मामला सुलझ गया। अब शायद यह फिर शुरू हो, मुझे नहीं पता। लेकिन अगर ऐसा हुआ, तो मैं इसे फिर रोकूंगा। हम ऐसी चीजें नहीं होने दे सकते।' ट्रम्प ने यह भी दावा किया कि इस तनाव में कई जेट गिराए गए। उन्होंने कहा, 'यह अच्छा नहीं है। 15 करोड़ डॉलर के विमान गिराए गए, शायद सात या इससे भी ज्यादा, असली संख्या कभी बताई नहीं गई।' हालांकि, उन्होंने इसके लिए कोई सबूत या आधिकारिक स्रोत नहीं दिया। रूस-यूक्रेन जंग से भारत-पाकिस्तान विवाद की तुलना ट्रम्प ने रूस-यूक्रेन युद्ध से तुलना करते हुए कहा कि भारत-पाकिस्तान का विवाद भी वैश्विक संकट में बदल सकता था। उन्होंने कहा, 'जैसे रूस और यूक्रेन का युद्ध दुनिया को विश्व युद्ध में खींच सकता था, वैसे ही भारत और पाकिस्तान का विवाद परमाणु युद्ध में बदल सकता था।' ट्रम्प पहले भी ऐसे दावे कर चुके हैं कि उनकी मध्यस्थता ने भारत-पाकिस्तान के बीच बड़े युद्ध को रोका। हालांकि, भारत ने बार-बार किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता से इनकार किया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि युद्धविराम भारत के अपने रणनीतिक फैसलों का नतीजा था और इसमें कोई बाहरी दबाव नहीं था। पीएम मोदी ने भी पिछले महीने संसद में साफ कहा था कि किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता नहीं हुई। विदेश मंत्री एस जयशंकर और गृह मंत्री अमित शाह ने भी यही बात दोहराई है। भारत पर एक्स्ट्रा 25% टैरिफ आज से लागू वहीं, ट्रम्प ने भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाया है, जो 27 अगस्त यानी आज से लागू हो गया है। अमेरिका ने इस टैरिफ के पीछे की वजह रूसी तेल खरीदने को बताया था। इससे पहले ट्रम्प जुलाई में भारत पर 25% टैरिफ लगा चुके हैं, अब से भारतीय सामान के आयात पर अमेरिका में 50% टैरिफ देना होगा। जेडी वेंस बोले- टैरिफ जंग रोकने की रणनीति ट्रम्प ने कहा कि अमेरिका ने ट्रिलियन डॉलर की कमाई टैरिफ से की और इसी रणनीति से जंग भी रोके। ट्रम्प से पहले अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने कहा था कि भारत पर लगाए सेकेंडरी टैरिफ भी वॉशिंगटन की उसी रणनीति का हिस्सा हैं। NBC न्यूज के कार्यक्रम 'मीट द प्रेस' से बात करते हुए वेंस ने कहा था कि ट्रम्प प्रशासन भारत पर टैरिफ लगाने सहित दूसरे उपायों के जरिए रूस के लिए अपनी तेल अर्थव्यवस्था से लाभ कमाना कठिन बना रहा है। फिजी पीएम बोले- मोदी चुनौतियों का सामना करने में समर्थ अमेरिका के भारतीय सामानों पर 50% टैरिफ लगाने के फैसले के बाद, फिजी के प्रधानमंत्री सितिवेनी लिगामामदा राबुका ने मंगलवार को कहा कि पीएम मोदी में ऐसी चुनौतियों का सामना करने की ताकत है। राबुका ने कहा, "अमेरिका के टैरिफ की हालिया घोषणा के बाद मैंने पीएम मोदी से कहा था कि कोई आपसे खुश नहीं है, लेकिन आप इन परेशानियों को झेलने के लिए काफी मजबूत हैं" राबुका ने यह नई दिल्ली में भारतीय विश्व मामलों की परिषद के 'ओशन ऑफ पीस' व्याख्यान के बाद कहा। सितिवेनी रविवार को चार दिवसीय यात्रा पर भारत आए हैं। ----------------------------- ये खबर भी पढ़ें... रूस से ट्रेड करना चाहता है अमेरिका: प्रतिबंध हटाने पर विचार कर रहा; रूसी न्यूक्लियर एनर्जी शिप्स खरीदने की भी तैयारी भारत पर रूसी तेल खरीदने की वजह से 25% एक्स्ट्रा टैरिफ लगाने वाला अमेरिका खुद रूस से एनर्जी डील करने की कोशिश कर रहा है। रॉयटर्स न्यूज एजेंसी के मुताबिक, ट्रम्प और पुतिन के बीच 15 अगस्त को अलास्का में हुई मुलाकात के दौरान इस डील पर बातचीत हुई थी। पूरी खबर पढ़ें...