बांग्लादेश ने पाकिस्तान से 1971 में हुए जनसंहार के लिए माफी मांगने को कहा है। दरअसल, PAK उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मोहम्मद इशाक डार बांग्लादेश दौरे पर गए थे। यहां उन्होंने कहा था कि बांग्लादेश के साथ 1971 का विवाद हल निकल चुका है। हालांकि बांग्लादेश ने पाकिस्तान के दावे को खारिज कर दिया है। विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन ने साफ कहा कि पुराने मुद्दों को सुलझाकर ही दोनों देशों के बीच मजबूत रिश्ते बनाए जा सकते हैं। दरअसल, 1971 की जंग में पाकिस्तानी सेना पर हजारों बांग्लादेशी महिलाओं के साथ रेप, हत्या और आगजनी का आरोप लगा था। इसे लेकर इशाक डार ने कहा कि पाकिस्तान ने बांग्लादेश से 2 बार माफी भी मांग चुका है। डार ने बांग्लादेश से संबंध बेहतर करने के लिए इस्लाम की दुहाई भी दी। उन्होंने पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में कहा- इस्लाम भी हमें अपने दिलों को शुद्ध करने के लिए कहता है। बांग्लादेश ने पाकिस्तान के दावे को गलत बताया इशाक डार 23 और 24 अगस्त को बांग्लादेश की दो दिवसीय यात्रा पर थे। उन्होंने ढाका में बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस और विदेश सलाहकार से मुलाकात की। इसके बाद पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए पाकिस्तानी मंत्री ने कहा कि ये मुद्दे 1974 में और फिर 2000 में परवेज मुशर्रफ के दौरे के दौरान हल हो चुके थे। डार ने कहा कि उस समय (1974) के ऐतिहासिक दस्तावेज हैं जो दोनों देशों के पास उपलब्ध हैं। डार ने कहा कि अब दोनों देशों को नए सिरे से शुरुआत करनी चाहिए और एक परिवार की तरह साथ मिलकर काम करना चाहिए। हालांकि बांग्लादेशी विदेश सलाहकार ने इससे साफ इनकार किया। उन्होंने साफ कहा कि वे पाकिस्तानी मंत्री के दावे को सही नहीं मानते। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा हुआ होता तो दोनों देशों के बीच विवाद का निपटारा हो चुका होता। बांग्लादेश की पाकिस्तान से 4 मांगें बांग्लादेश ने बयान जारी कर पाकिस्तान से अपनी पुरानी मांगे दोहराईं। इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान को साल 1971 के नरसंहार की माफी, बंटवारे के समय की संपत्ति का उचित बंटवारा, 1970 के चक्रवात पीड़ितों के लिए दी गई विदेशी सहायता का हस्तांतरण और बांग्लादेश में फंसे पाकिस्तानी नागरिकों की वापसी जैसे पुराने और ऐतिहासिक मुद्दों का हल किया जाना चाहिए। बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक 1974 में जुल्फिकार अली भुट्टो ढाका गए थे और वहां उन्होंने बांग्लादेश के लोगों से खेद जताया था, लेकिन पाकिस्तान ने कभी पूरी तरह औपचारिक माफी नहीं मांगी। 2002 में मुशर्रफ ने भी दौरे के दौरान अफसोस जताया था लेकिन उन्होंने भी कभी औपचारिक माफी नहीं मांगी। वहीं बंटवारे के बाद की संपत्ति को लेकर पाकिस्तान का रुख हमेशा टालमटोल वाला रहा। यही वजह है कि बांग्लादेश आज भी इन मुद्दों को अनसुलझा मानता है। रविवार को भी स्थिति वही रही। पाकिस्तान ने कहा कि पुराने मामले निपट चुके हैं, जबकि बांग्लादेश का कहना है कि जब तक जनसंहार की जिम्मेदारी और बकाया संपत्ति का मामला सुलझ नहीं जाता, तब तक इन विवादों को खत्म नहीं माना जा सकता। 1 साल में 3 बार बांग्लादेश गए पाकिस्तानी मंत्री हुसैन ने कहा कि बांग्लादेश का रुख बिल्कुल साफ है और इन मुद्दों पर समझौता नहीं हो सकता। उन्होंने यह भी बताया कि रविवार की बैठक में दोनों देशों के बीच 1 समझौते और 5 ज्ञापनों पर हस्ताक्षर हुए, लेकिन अनसुलझे मुद्दों पर कोई ठोस प्रगति नहीं हुई। तौहीद हुसैन ने माना कि बस इतनी बात तय हुई है कि बातचीत जारी रखी जाएगी ताकि ये विवाद दोनों देशों के रिश्तों में बाधा न बनें। उन्होंने माना कि 1971 के मुद्दों को एक दिन में हल नहीं किया जा सकता। पिछले साल बांग्लादेश में शेख हसीना के तख्तापलट के बाद अब तक 3 PAK मंत्री बांग्लादेश का दौरा कर चुके हैं। इशाक डार से पहले 21 अगस्त को वाणिज्य मंत्री कमाल जमा खान और उससे पहले जुलाई में रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ढाका पहुंचे थे। इन यात्राओं का मकसद दोनों देशों के बीच संबंध बेहतर करना है। दरअसल, बांग्लादेश ने 1971 के युद्ध अपराधों के लिए जमात नेता अब्दुल कादिर मुल्ला को 2013 में फांसी दी थी। पाकिस्तान ने इसकी आलोचना की थी जिसके बाद दोनों देशों के संबंध खराब हो गए थे।