डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगा दिया है. अमेरिकी राष्ट्रपति के इस फैसले ने वैश्विक स्तर पर हलचल मचा दी है. इस फैसले से भारत के दो तिहाई एक्सपोर्ट पर असर पड़ सकता है. इसी बीच अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के नाम पर एक बार फिर राजनीतिक बहस तेज हो गई है. ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठता है कि क्या उन्हें वास्तव में पद से बर्खास्त किया जा सकता है. चलिए जानें कि अमेरिका के संविधान में इस प्रक्रिया को स्पष्ट रूप से कैसे परिभाषित किया गया है.कैसे हटाए जा सकते हैं ट्रंपसंयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान की धारा II के सेक्शन 4 के अनुसार राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और सभी सिविल अधिकारी को उनके पद से हटाया जा सकता है, अगर वे राजद्रोह, भ्रष्टाचार या अन्य गंभीर अपराध और कदाचार के लिए दोषी पाए जाते हैं तो. हम इसे आम भाषा में महाभियोग यानी इम्पीचमेंट कहते हैं. महाभियोग की प्रक्रिया दो चरणों में होती है. सबसे पहले प्रतिनिधि सभा यानी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में जांच होती है और प्रस्ताव पारित किया जाता है. यदि हाउस में बहुमत समर्थन देता है, तो मामला सीनेट यानी अमेरिकी सर्वोच्च संस्था में जाता है.राजनीतिक समर्थन है जरूरीसीनेट में मामला जाने के बाद वहां इसकी सुनवाई होती है और यहां पर दो-तिहाई बहुमत से निर्णय लिया जाता है. यदि दो-तिहाई सांसद ट्रंप को दोषी पाते हैं, तो राष्ट्रपति पद से बर्खास्त हो सकते हैं. महाभियोग प्रक्रिया बेहद राजनीतिक होती है और इसमें केवल कानूनी तथ्य ही नहीं बल्कि राजनीतिक समर्थन भी अहम भूमिका निभाता है.अमेरिका में तीन राष्ट्रपति कर चुके महाभियोग का सामनाइतिहास में अमेरिका में तीन राष्ट्रपति महाभियोग की प्रक्रिया का सामना कर चुके हैं. सबसे पहले एंड्रयू जॉनसन, बिल क्लिंटन और डोनाल्ड ट्रंप (दो बार) के खिलाफ प्रतिनिधि सभा ने महाभियोग प्रस्ताव पारित किया था, लेकिन किसी को भी सीनेट में दो-तिहाई बहुमत नहीं मिला, इसलिए उन्हें पद से हटाया नहीं जा सका. इसका मतलब यह है कि महाभियोग आसान प्रक्रिया नहीं है और इसे पूरी तरह से लागू करने के लिए राजनीतिक और कानूनी समर्थन दोनों जरूरी हैं.सीधे शब्दों में देखा जाए तो, अमेरिका में ट्रंप को बर्खास्त करना संभव है, लेकिन इसके लिए संविधान में तय किए गए सख्त नियमों का पालन करना और सीनेट में दो-तिहाई बहुमत हासिल करना जरूरी है. महाभियोग की प्रक्रिया न केवल कानून पर आधारित होती है, बल्कि इसमें राजनीतिक गठजोड़ और जनता की राय भी निर्णायक भूमिका निभाती है.यह भी पढ़ें: अमेरिका 50% तो भारत कितना लगाता है US पर टैरिफ, क्या इसे बढ़ा भी सकता है?