उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 1 से 30 सितंबर तक यूपी के सभी जिलों में विशेष सड़क सुरक्षा अभियान नो हेल्मेट नो फ्यूल चलाने जा रही है. ये अभियान सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए चलाया जाएगा. ऐसे में चलिए जानते हैं कि बिना हेल्मेट पेट्रोल लेने पर पुलिस क्या कार्रवाई कर सकती है और क्या इस नियम के उल्लंघन में जेल हो सकती है.क्या कार्रवाई कर सकती है पुलिस'नो हेलमेट, नो फ्यूल' नियम का मकसद है सड़क दुर्घटनाओं को कम करना और हेलमेट के इस्तेमाल को बढ़ावा देना है. अब सवाल है कि अगर कोई बिना हेलमेट पेट्रोल लेता है तो क्या पुलिस गिरफ्तारी कर सकती है? तो आपको बता दें कि सामान्य तौर पर बिना हेलमेट पेट्रोल लेने की कोशिश करने पर चालक का चालान काटा जाता है. मोटर वाहन अधिनियम की धारा 129 के उल्लंघन पर 500 से 1000 रुपये तक का जुर्माना, वाहन जप्त और ड्राइविंग लाइसेंस के सस्पेंशन के साथ तीन महीने की जेल भी हो सकती है. लेकिन अगर चालक पेट्रोल पंप पर कर्मचारियों के साथ मारपीट, गाली-गलौज या हिंसक व्यवहार करता है, तो पुलिस गंभीर धाराओं के तहत केस दर्ज कर सकती है. प्रशासन ने की सहयोग की मांगप्रशासन का कहना है कि यह नियम सड़क सुरक्षा के लिए है और इसमें सभी का सहयोग जरूरी है. पेट्रोल पंप संचालकों ने भी प्रशासन से सुरक्षा की मांग की है, ताकि वे बिना डर के नियम लागू कर सकें. उत्तर प्रदेश में 1 सितंबर 2025 से पूरे महीने 'नो हेलमेट, नो फ्यूल' अभियान चलाया जाएगा, जिसमें नियम तोड़ने वालों पर सख्ती की जाएगी.हेलमेट ना लगाने से होती है ज्यादा मौतेंआंकड़ों की मानें तो हेलमेट पहनने से सड़क हादसों में सिर की चोट का खतरा 70% तक कम हो जाता है और मृत्यु दर में 40% की कमी आती है. उत्तर प्रदेश में हर साल सड़क हादसों में हजारों लोग अपनी जान गंवाते हैं, जिनमें से ज्यादातर दोपहिया वाहन चालक होते हैं. सड़क दुर्घटनाओं में सिर की चोटें सबसे घातक होती हैं और हेलमेट इस खतरे को काफी हद तक कम कर सकता है. इस अभियान के जरिए सरकार का लक्ष्य है कि लोग हेलमेट को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं और सड़क पर अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता दें.इसे भी पढ़ें-यूपी में लागू होगी 'नो हेलमेट नो फ्यूल' पॉलिसी, पाकिस्तान के शहरों में क्या है नियम?