उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 1 से 30 सितंबर तक यूपी के सभी जिलों में विशेष सड़क सुरक्षा अभियान 'नो हेल्मेट नो फ्यूल' चलाने जा रही है. इस अभियान के तहत बिना हेलमेट के दोपहिया वाहन चालकों को पेट्रोल पंपों पर ईंधन नहीं दिया जाएगा. यह कदम मोटर वाहन अधिनियम, 1988 की धारा 129 और 194D के तहत उठाया गया है जो हेलमेट को अनिवार्य बनाता है.क्या है नो हेममेट नो फ्यूल का उद्देश्यइस दौरान जिला सड़क सुरक्षा समिति, पुलिस, परिवहन और खाद्य एवं रसद विभाग मिलकर पेट्रोल पंपों पर निगरानी रखेंगे. सूचना विभाग के जरिए जागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा, जिसमें बैनर, पोस्टर और सोशल मीडिया का उपयोग होगा. आंकड़ों के मुताबिक हेलमेट पहनने से सड़क हादसों में सिर की चोट का खतरा 70% तक कम हो जाता है और यही इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है.पाकिस्तान में क्या है नियमपाकिस्तान में बिना हेलमेट बाइक चलाने पर अलग-अलग शहरों में अलग-अलग जुर्माना लगाया जाता है. पाकिस्तान के लाहौर या पंजाब प्रांत में बिना हेलमेट बाइक चलाने पर 2 हजार पाकिस्तानी रुपये का जुर्माना लगता है जो भारतीय रुपये में लगभग 600 रुपये है. वहीं कराची में हेलमेट ना पहनने पर 500 पाकिस्तानी रुपये यानि लगभग 150 भारतीय रुपये का चालान किया जाता है. खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में बिना हेलमेट के बाइक चलाने पर 100 पाकिस्तानी रुपये यानि 30 भारतीय रुपये का जुर्माना लगता है. हालांकि, ‘नो हेलमेट, नो फ्यूल’ जैसी नीति का व्यापक स्तर पर कोई आधिकारिक उल्लेख नहीं मिलता. पाकिस्तान में सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं, लेकिन इनका प्रभाव सीमित रहता है.हेलमेट ना लगाने से होती है ज्यादा मौतेंआंकड़ों की मानें तो हेलमेट पहनने से सड़क हादसों में सिर की चोट का खतरा 70% तक कम हो जाता है और मृत्यु दर में 40% की कमी आती है. उत्तर प्रदेश में हर साल सड़क हादसों में हजारों लोग अपनी जान गंवाते हैं, जिनमें से ज्यादातर दोपहिया वाहन चालक होते हैं. सड़क दुर्घटनाओं में सिर की चोटें सबसे घातक होती हैं और हेलमेट इस खतरे को काफी हद तक कम कर सकता है. इस अभियान के जरिए सरकार का लक्ष्य है कि लोग हेलमेट को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं और सड़क पर अपनी सुरक्षा को प्राथमिकता दें.इसे भी पढ़ें- एक लीटर पेट्रोल बेचकर कितना कमाती हैं ऑयल कंपनियां, आंकड़े देखकर उड़ जाएंगे होश