बहादुरगढ़ में सेना क्यों बुलानी पड़ी:7 दिन से 5 हजार आबादी 3 फीट पानी से घिरी, विधायक गंदे पानी में उतरीं तो जागी सरकार

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हरियाणा के बहादुरगढ़ के छोटूराम नगर और विवेकानंद नगर में गंदे पानी से घिरे 5 हजार लोगों की मदद के लिए शुक्रवार को सेना बुलानी पड़ी। सोनीपत, दिल्ली व बहादुरगढ़ में बरसाती पानी की निकासी के लिए बनी मुंगेशपुर ड्रेन 7 दिन से ओवरफ्लो है। पिछले 4 दिन में हुई भारी बारिश ने हालात और बिगाड़ दिए। नौबत ये है कि 7 दिन करीब 5 हजार की आबादी 2 से 3 फीट तक बरसाती और नालों के गंदे पानी से घिरी है। लोग घरों में कैद हैं। काम-धंधे पर भी नहीं जा पा रहे। स्कूलों में छुट्टी है। गलियां पानी से डूबी हैं। लोग जुगाड़ की नाव बनाकर इधर-उधर जा रहे हैं। सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता इशान सिवाच बताते हैं कि मुंगेशपुर ड्रेन की क्षमता 2680 क्यूसिक है, जबकि इसमें 3500 क्यूसिक से ज्यादा पानी बहने से ओवरफ्लो हुई। बहादुरगढ़ में ड्रेन की लंबाई साढ़े 5 किलोमीटर है। बहादुरगढ़ के SDM नसीब कुमार बताते हैं कि सिंचाई विभाग व नगर परिषद के 100 से ज्यादा कर्मचारी, SDRF के 20 जवानों ने तीन दिन की मेहनत से वीरवार शाम को ड्रेन को बंधाई का काम किया, लेकिन यह नाकाफी रहा। अब सेना की एक कंपनी हिसार कैंट से बुलाई गई है। जल्द ही जलभराव की स्थिति से निपट लिया जाएगा। नफजगढ़ की विधायक खुद पानी में उतरींहरियाणा के बहादुरगढ़ से दिल्ली का नफजगढ़ विधानसभा क्षेत्र सटा है। मुंगेशपुर ड्रेन ओवरफ्लो होने से दिल्ली की गीतांजलि कॉलोनी व झाड़ौदा गांव भी पानी से घिरे हैं। 2 सितंबर को भाजपा की नजफगढ़ विधायक नीलम कृष्ण पहलवान खुद गंदे पानी में घुसीं। पानी उनकी वेस्ट हाइट से भी ऊपर तक पहुंच गया। तब क्षेत्र की समस्या सुर्खियों में आईं। दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने हरियाणा के सीएम नायब सैनी से बात की। तब एनडीआरएफ के 20 जवान यहां बुलाए गए। हालांकि वे स्थिति को कंट्रोल नहीं कर पाए। उसके बाद नगर परिषद व सिंचाई विभाग के 100 कर्मी लगाए गए। पानी निकासी के लिए पंप सेट चलाए। उसके बाद भी पानी नहीं उतरा। इस बीच दिल्ली में यमुना की बाढ़ के बीच राहत और बचाव कार्यों में सेना जुटी थी। उस सेना की एक कंपनी इस इलाके में भेजी गई। शुक्रवार को आर्मी के 80 जवान पहुंचे। अब यहां पानी निकासी के लिए 16 पंप लगा रखे हैं। आइए आपको दिखाते हैं क्या हालात बने इन इलाकों में लोग घरों में कैद, काम-धंधे चौपट दैनिक भास्कर एप की टीम गंदे पानी से होकर मौके तक जा रही थी। तभी एक ट्रैक्टर चालक ने लिफ्ट ऑफर की और सारा इलाका दिखाया। लोगों ने बताया कि एक सप्ताह से पूरी कॉलोनी में दो से तीन फीट पानी भरा है। काम धंधा पूरी तरह चौपट हो गया है। लोग घरों में कैद हैं। कुछ लोगों ने इधर-उधर जाने के लिए प्लास्टिक के ड्रम के ऊपर चारपाई बांधकर देसी नाव बनाई हैं। यही हालात रहे तो हम खाएंगे क्याछोटूराम नगर की गली नंबर 10 में दुकान चलाने वाली 46 साल की गीता देवी कहती हैं कि बारिश होने और ड्रेन ओवरफ्लो होने से सब ओर पानी है। किराना की दुकान पर कोई ग्राहक नहीं आ रहा। सामान खराब हो रहा है। ऐसे हालात रहे तो कुछ दिन बाद क्या खाएंगे। ऐसी ही चिंता यहां कई परिवारों की है। विवेकानंद नगर में पार्षद का घर भी डूबा वार्ड 18 के विवेकानंद नगर में पहुंचे तो यहां गलियों में 3 फीट पानी मिला। प्रशासन ने पंप सेट तो लगाए हैं, लेकिन कोई फायदा नहीं दिख रहा। वार्ड के पार्षद संदीप दहिया के मकान में भी पानी घुसने के कारण उनका पूरा परिवार पहली मंजिल पर शिफ्ट हो गया है। पार्षद कुछ वार्ड वासियों के साथ मिलकर ड्रेन से बह रहे पानी को रोकने के कार्य में लगे हुए हैं। उनका कहना है कि लोग घरों में कैद हो गए हैं। ड्यूटी पर जाने के लिए पानी से होकर गुजरना पड़ता है। कई ने छुट्टी ही कर रखी है। मधुबाला बोलीं- रोज पानी में 800 मीटर गुजर रहीं छोटूराम नगर नाम के हिसाब से तो एक ही नगर है, लेकिन तीन वार्डों में बंटा हुआ है। हम जब यहां पहुंचे तो ड्यूटी से लौट रहीं मधुबाला मिलीं। बोलीं-फैक्ट्री में काम करती हैं। तीन दिन से हर रोज सुबह-शाम करीब 800 मीटर तक गली में भरे पानी से होकर डयूटी पर जाना पड़ता है। अगर घर बैठ गए तो पेट कौन पालेगा। छुट्टी होने की वजह से बच्चे तो स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। नाजमा न तो खुद काम पर जा पा रही हैं और न उनके पति। नाजमा कहती हैं कि एक सप्ताह से घर में कैद हैं। घर से बाहर कदम रखते ही दो फीट पानी भरा है। यूपी से आई बबली और उनके पति भी परेशान हैं। पति कई दिनों से काम पर नहीं जा रहे हैं। बाहर आने-जाने के लिए ट्रैक्टर का सहाराट्रैक्टर चालक ने अपना परिचय हसनपुर परनाला निवासी सतीश राठी के रूप में दिया। राठी बताते हैं कि छोटूराम नगर में हमारे खेत हैं। एक मकान बना रखा है। यहां पर ट्रैक्टर के माध्यम से ही आता जाता हूं। जब भी आता जाता हूं तो जो लोग मिलते हैं उन्हें ट्रैक्टर पर बैठाकर छोड़ देता हूं। नाइट शिफ्ट करने के लिए ड्यूटी पर जा रहे नारायण गिरी, हीरालाल व कुछ अन्य वर्करों ने ट्रैक्टर में लिफ्ट ली। नारायण गिरी बताते हैं कि एक सप्ताह से परेशानी है। कोई पूछने वाला नहीं है। जो भी आते हैं वो वीडियो बनाकर ले जाते हैं