जनगणना में सरकार पहली बार 75 विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों यानी पीवीटीजी की अलग से गणना करेगी. इनकी देश में कुल अनुमानित संख्या लगभग 47.5 लाख है.