संजय पाठक ने सन् 2004 से 2017 तक अपनी खदानों में तय सीमा से ज्यादा उत्खनन किया। इसकी जानकारी न तो जबलपुर खनिज विभाग को लगी और न ही भोपाल में बैठे अधिकारियों को। करीब 13 साल तक विधायक ने अपनी स्वीकृत खदानों से तय मात्रा से ज्यादा उत्खनन किया, लेकिन कागजों पर तय सीमा में ही उत्खनन दिखाया गया।