एक ओर नगर निगम प्रशासन शहर के उन व्यापारियों और नागरिकों पर सख्ती कर रहा है, जिन्होंने सड़कों पर बिल्डिंग मटेरियल फैला रखा है, ताकि वायु प्रदूषण पर नियंत्रण रखा जा सके। इनसे रोजाना लाखों रुपए का जुर्माना वसूल किया जा रहा है, लेकिन दूसरी ओर सरकारी एजेंसियों की लापरवाही पर प्रशासन आंख मूंदे बैठा है।