नगर निगम के भ्रष्ट तंत्र की मदद से दीपक एडवरटाइजर के संचालक दीपक जेठवानी ने 54 लाख रुपये का घोटाला किया। विज्ञापन की निविदा होने के बाद अनुबंध में फर्जीवाड़ा कर दो शर्तें खुद को लाभ पहुंचाने के लिए जोड़ी गईं। विज्ञापन का ठेका शौचालय के लिए मिला, लेकिन इसमें फर्जीवाड़ा करते हुए मूत्रालयों को भी शामिल कर लिया गया।