ममदानी की जीत से मुश्किल में न्यूयॉर्क के अरबपति:8 लाख लोग शहर छोड़ सकते हैं; टेक्सास गवर्नर की धमकी- यहां आए तो 100% टैरिफ वसूलेंगे

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न्यूयॉर्क मेयर चुनाव में भारतीय मूल के जोहरान ममदानी की जीत से शहर के अरबपतियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। जे.एल. पार्टनर्स सर्वे के मुताबिक, न्यूयॉर्क के 9% यानी करीब 7.65 लाख लोग शहर छोड़ सकते हैं। इसकी बड़ी वजह ममदानी की अमीरों पर एक्स्ट्रा टैक्स लगाने की पॉलिसी है। उन्होंने चुनाव से पहले वादा किया था कि वे अमीरों और बड़ी कंपनियों पर नए टैक्स लगाकर 9 अरब डॉलर जुटाएंगे। उधर, टेक्सास के रिपब्लिकन गवर्नर ग्रेग एबॉट ने चुनाव से पहले धमकी दी थी कि ममदानी के जीतने के बाद अगर न्यूयॉर्क से लोग टेक्सास आए तो उन पर 100% टैरिफ लगेगा। जोहरान ममदानी ने बुधवार को मेयर चुनाव में पूर्व गवर्नर एंड्रयू क्यूमो को हराया। ममदानी पिछले 100 सालों में न्यूयॉर्क के सबसे युवा, पहले भारतवंशी और पहले मुस्लिम मेयर होंगे। 21 लाख लोग शहर छोड़ने पर विचार कर रहे सर्वे में यह भी सामने आया था कि ममदानी की जीत के बाद करीब 25% यानी करीब 21 लाख लोग शहर छोड़ने की विचार कर सकते हैं। यह आंकड़ा अगर सच साबित हुआ तो ये अमेरिकी इतिहास का सबसे बड़ा शहरी पलायन होगा। न्यूयॉर्क की कुल आबादी करीब 84 लाख है। सर्वे की प्रमुख बातें... पोलस्टर जेम्स जॉनसन के मुताबिक, अगर इतने लोग शहर छोड़ गए तो इसका आर्थिक असर पूरे अमेरिका में भूकंप जैसा होगा। अरबपतियों को टेनेसी राज्य आने का न्योता टेक्सास गवर्नर ने भले ही 100% टैक्स लगाने की धमकी दी हो, लेकिन कानूनी रूप से ऐसा टैक्स लगाना मुमकिन नहीं है। माना जा रहा है कि उन्होंने ये बयान सिर्फ इसलिए दिया था ताकि न्यूयॉर्क के लोग दहशत में आ जाएं और ममदानी को वोट न करें। दूसरी तरफ, टेनेसी गवर्नर बिल ली ने ममदानी की जीत के बाद न्यूयॉर्क के बिजनेस मालिकों से अपील की है कि वे टेनेसी में निवेश करें। सोशल मीडिया पोस्ट में उन्होंने कहा – टेनेसी देश में बिजनेस करने के लिए सबसे अच्छा राज्य है। अगर आप न्यूयॉर्क से खुश नहीं हैं, तो हमारे यहां आ जाइए। हमारे यहां टैक्स कम हैं, अर्थव्यवस्था मजबूत है और सरकार आपके रास्ते में नहीं आती। टेनेसी में कानून व्यवस्था मजबूत है और यहां आने वाली कंपनियों को राज्य सरकार की पूरी मदद मिलेगी। न्यूयॉर्क पुलिस को फ्लोरिडा आने का न्योता फ्लोरिडा गवर्नर रॉन डीसैंटिस ने कहा कि वे न्यूयॉर्क पुलिस विभाग (NYPD) के उन अधिकारियों का स्वागत करेंगे जो ममदानी की नीतियों से असहमत हैं। सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा कि- जब मेयर आपको पसंद नहीं करता और आपके डिपार्टमेंट की जरूरत पर ही सवाल उठाता है, तो अपनी जान जोखिम में डालने की क्या जरूरत है? फ्लोरिडा में आने वाले नए पुलिस अधिकारियों को हम 5,000 डॉलर का बोनस देते हैं। डीसैंटिस ने कहा कि यह योजना उन पुलिसकर्मियों के लिए है जो डेमोक्रेटिक राज्यों में बदसलूकी झेल रहे हैं। उन्होंने पहले ही भविष्यवाणी की थी कि अगर न्यूयॉर्क ने 'एंटी-लॉ एन्फोर्समेंट' मेयर चुना तो बहुत से पुलिसकर्मी फ्लोरिडा आना चाहेंगे। कहां जाएंगे न्यूयॉर्कवासी? मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, न्यूयॉर्क के लोगों की फ्लोरिडा, कैरोलाइना और टेनेसी सबसे पसंदीदा जगह है। यहां टैक्स कम हैं और जीवनयापन सस्ता है। इन राज्यों के गवर्नर भी न्यूयॉर्कवासियों को खुला न्योता दे चुके हैं। वहीं राष्ट्रपति ट्रम्प ने भी धमकी दी थी कि अगर न्यूयॉर्क वालों ने एक ‘कम्युनिस्ट’ को चुना तो शहर की फंडिंग रोक दी जाएगी। ममदानी खुद को ‘डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट’ कहते हैं, यानी वे कॉर्पोरेट्स के बजाय आम लोगों की नीतियों के पक्षधर हैं। ममदानी डेमोक्रेटिक पार्टी के वामपंथी धड़े (DSA) से जुड़े हैं। यह गुट बड़ी कंपनियों, अरबपतियों और डेमोक्रेटिक पार्टी की पारंपरिक नीतियों का विरोधी है। न्यूयॉर्क: दुनिया का सबसे ताकतवर शहर न्यूयॉर्क सिटी को अमेरिका का दिल कहा जाता है। यहां का मेयर होना सिर्फ एक शहर का मुखिया बनना नहीं है, बल्कि यह अमेरिका की सबसे प्रभावशाली राजनीतिक कुर्सियों में से एक पर बैठने जैसा है। यही वजह है कि इस चुनाव पर दुनियाभर की निगाहें थीं। न्यूयॉर्क की सालाना GDP करीब 2.3 ट्रिलियन डॉलर है। यानी कि अकेला न्यूयॉर्क सिटी, पूरे भारत की GDP के लगभग आधे से भी ज्यादा है। न्यूयॉर्क का मेयर शहर के प्रशासन, पुलिस, ट्रांसपोर्ट, हाउसिंग, एजुकेशन और हेल्थ सिस्टम पर कंट्रोल रखता है। न्यूयॉर्क सिटी का अपना अलग बजट (100 अरब डॉलर से ज्यादा) और नियम-कानून हैं। मेयर तय करते हैं कि टैक्स का पैसा कहां खर्च होगा, कौन-सी नीतियां लागू होंगी, और शहर किस दिशा में बढ़ेगा। यानी कि यह एक मिनी-प्रधानमंत्री जैसा रोल है। न्यूयॉर्क सिटी को अमेरिका की आर्थिक राजधानी कहा जाता है। यहां वॉल स्ट्रीट है, दुनिया की मीडिया कंपनियां हैं और संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय भी यहीं है। इसलिए मेयर के फैसले सिर्फ शहर नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर असर डालते हैं। 400 साल पहले डचों ने बसाया, अंग्रेजों ने कब्जा कर नाम रखा न्यूयॉर्क न्यूयॉर्क को साल 1609 में सबसे पहले डचों ने खोजा था। साल 1624 में यहां उन्होंने अपनी व्यापारिक कॉलोनी बसाई और इसका नाम नीदरलैंड की राजधानी के नाम पर न्यू एम्सटर्डम रखा। 40 साल बाद 1664 में अंग्रेजों ने न्यू एम्सटर्डम को डचों से छीन लिया। इंग्लैंड के राजा किंग चार्ल्स ने अपने भाई ड्यूक ऑफ यार्क के नाम पर यहां का नाम न्यूयॉर्क रखा। अंग्रेजों ने शहर को कंट्रोल करने के लिए 1665 में पहली बार थॉमस विलेट को न्यूयॉर्क का मेयर बनाया। शुरुआत में शहर का मेयर कौन होगा, यह गवर्नर तय करते थे। फिर इसे चुनाव के जरिए चुना जाने लगा। साल 1834 से इसके लिए वोटिंग होने लगी। ----------------------- यह खबर भी पढ़ें... न्यूयॉर्क मेयर चुने गए ममदानी ने रजनीगंधा इलायची खाई:सोशल मीडिया पर लोग बोले- अब लगे असली इंडियन न्यूयॉर्क के नवनिर्वाचित मेयर जोहरान ममदानी का एक मजेदार वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इसमें वे सड़क किनारे दिए एक इंटरव्यू के दौरान जेब से रजनीगंधा सिल्वर पर्ल्स निकालकर खाने लगते हैं। उनका यह देसी अंदाज भारतीय यूजर्स को खूब पसंद आ रहा है। यहां पढ़ें पूरी खबर...