सुपर्ण वर्मा की कोर्टरूम ड्रामा फिल्म, "हक़", 2025 की मच अवेटेड फिल्मों में से एक है. यह फिल्म 1985 के शाह बानो केस से इंस्पायर है. रेशु नाथ द्वारा लिखित, फिल्म "हक़" का निर्माण विशाल गुरनानी, जूही पारेख मेहता और हरमन बावेजा ने जंगली पिक्चर्स के बैनर तले इंसोम्निया फिल्म्स और बावेजा स्टूडियोज़ के सहयोग से किया है.फिल्म में यामी गौतम और इमरान हाशमी ने लीड रोल प्ले किया है जबकि सपोर्टिंग कलाकारों में शीबा चड्ढा, दानिश हुसैन और असीम हट्टंगडी जैसे कलाकार शामिल हैं.कितने करोड़ से ओपनिंग कर सकती है हकहक को लेकर काफी बज बना हुआ है. जिसके चलते फिल्म के अच्छी ओपनंग करने की उम्मीद है. कई ट्रेड एक्सपर्ट का कहना है कि ये फिल्म रिलीज के पहले दिन 3 से 4 करोड़ के कलेक्शन के साथ शुरुआत कर सकती है. इसके बाद वर्ड ऑफ माउथ की बदौलत इसकी कमाई में वीकेंड पर अच्छी-खासी तेजी आ सकती है.हक मूवी की रिलीज पर रोक की याचिका को कोर्ट ने किया खारिजबता दें कि बीते दिन मध्यप्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने शाहबानो की बेटी सिद्दीकी बेगम खान द्वारा दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया था. इस याचिका में फिल्म की रिलीज़ पर रोक लगाने की मांग की गई थी. दरअसल शाहबानो की बेटी सिद्दीकी बेगम का आरोप था कि फिल्म हक में उनकी मां शाहबानो के जीवन से जुड़े घटनाक्रम को बिना अनुमति और तथ्यों से परे दर्शाया गया है. उन्होंने अदालत से मांग की थी कि फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाई जाए.वहीं, फिल्म निर्माता जंगली पिक्चर्स की ओर से पेश हुए अधिवक्ता ऋतिक गुप्ता और अजय बगड़िया ने अदालत में दलील दी थी कि फिल्म एक काल्पनिक कथा पर आधारित है और इसका उद्देश्य किसी व्यक्ति या समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है. अदालत ने निर्माताओं के तर्कों से सहमति जताते हुए याचिका को खारिज कर दिया था. इस मामले में मंगलवार को सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था, जो बुधवार को सुनाया गया. हक की क्या है कहानीहक, शाह बानो बेगम से जुड़ी 1985 की कानूनी लड़ाई से इंस्पायर है. कहानी एक ऐसी महिला की है जो पति द्वारा त्यागे जाने के बाद गुजारा भत्ता न मिलने के बाद चुपचाप अन्याय स्वीकार करने से इनकार कर देती है. सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले पर आधारित, ‘हक़’ शाज़िया बानो की कहानी है, जिसकी शादी वकील अब्बास खान से होती है. हालांकि, शादी और तीन बच्चों के कई साल बाद, अब्बास दोबारा शादी कर लेता है और सायरा को घर ले आता है. एक दिन, वह तीन तलाक़ की घोषणा कर देता है और शाज़िया को छोड़ देता है. इसके बाद वह न्याय और अपने बच्चों की परवरिश के लिए भरण-पोषण के लिए संघर्ष करती है और वह केस जीत भी जाती है, जिससे यह भारतीय न्याय व्यवस्था के इतिहास में एक अनोखा मामला बन जाता है. उसने मुस्लिम महिलाओं के लिए आगे आकर अपने अधिकारों की मांग करने का मार्ग प्रशस्त किया.बता दें कि हक में शाज़िया बानो का किरदार यामी गौतम ने निभाया है. जबकि अब्बास खान के रोल में इमरान हाशमी हैं.