महाराष्ट्र में गोहत्या प्रतिबंध क़ानून को लागू हुए 10 साल पूरे हो गए हैं. लेकिन किसानों और व्यापारियों का दावा है कि यह क़ानून उनके उत्पीड़न की वजह बन गया है.