हार्ट हमारे शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग है। यह बिना थके लगातार ब्लड पंप करता है। परेशानियां होने पर कभी-कभी कुछ चेतावनी भी देता है। अगर इन्हें इग्नोर किया तो किसी दिन अचानक हार्ट अटैक हो सकता है। अगर हार्ट अटैक के समय अकेले हैं तो यह ज्यादा खतरनाक हो सकता है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के मुताबिक, भारत समेत दुनिया भर में लगभग 50% अचानक कार्डियक मौतें तब हुईं, जब मरीज अकेला था और एम्बुलेंस पहुंचने में देरी हुई। ज्यादातर लोग शुरुआती संकेतों को थकान या गैस समझकर इग्नोर कर देते हैं। अगर शुरुआती 90 मिनट में सही इलाज मिल जाए तो 80% चांस होते हैं कि व्यक्ति का जीवन बच जाएगा। इसलिए ‘फिजिकल हेल्थ’ में जानेंगे कि अगर हार्ट अटैक के समय अकेले हैं तो क्या करें। साथ ही जानेंगे कि- सवाल- हार्ट अटैक के समय अकेले होना इतना खतरनाक क्यों है? जवाब- हार्ट की आर्टरीज ब्लॉक हो जाती हैं तो खून का बहाव रुक जाता है। हर मिनट लगभग 10 लाख हार्ट सेल्स मरने लगती हैं। अगर आप अकेले हैं तो खुद की मदद कर पाना और सही कदम उठाना मुश्किल होता है। कई बार एंबुलेंस भी नहीं बुला पाते हैं। ज्यादातर मामलों में लोग इसके संकेत नहीं समझ पाते हैं। इसलिए उन्हें सही समय पर इलाज नहीं मिल पाता है। सवाल- हार्ट अटैक के शुरुआती संकेतों की पहचान कैसे करें? जवाब- ज्यादातर लोगों ने फिल्मों में देखा होगा कि अचानक हार्ट अटैक आने पर लोग गिर पड़ते हैं। लेकिन असल जिंदगी में ऐसा नहीं होता है, ये धीरे-धीरे शुरू होता है। ज्यादातर लोग 1-2 घंटे पहले ही संकेत महसूस करते हैं, लेकिन लोग इसे कॉमन समस्या समझकर इग्नोर कर देते हैं। अगर दो या इससे ज्यादा संकेत दिखें तो तुरंत एक्शन लें। सवाल- हार्ट अटैक के समय अकेले होने पर क्या करें? जवाब- अब सबसे मुख्य बात, अगर हार्ट अटैक के संकेत महसूस हों तो घबराएं नहीं। ये 10 आसान कदम फॉलो करें। ये सभी शुरुआती कदम 5 मिनट में पूरे हो जाएंगे। सभी जरूरी कदम विस्तार से समझें कदम 1: तुरंत 108 पर कॉल करें सबसे पहले फोन उठाएं और 108 डायल करें। संकोच न करें, भले ही हार्ट अटैक का शक हो। बाकी आपको ऑपरेटर गाइड करेगा। इस दौरान दरवाजा अनलॉक करके छोड़ दें। अपार्टमेंट में सिक्योरिटी को फोन करके अपनी स्थित बताएं। यह सब तुरंत करें, क्योंकि हर मिनट की देरी से बचने के 10% चांस कम हो जाते हैं। कदम 2: पैनिक बटन दबाएं अगर घर में अक्सर अकेले रहते हैं तो पैनिक बटन लगवाकर रखें। ऐसी किसी भी इमरजेंसी कंडीशन में पैनिक बटन दबाएं। इससे आप तक मदद पहुंच जाएगी। आजकल मार्केट में पैनिक बैंड भी मिलता है। पैनिक बैंड हमेशा अपने हाथ में पहनकर रखें। नई सोसायटीज में भी यह सुविधा उपलब्ध है। अगर आपके घर में यह नहीं है तो आप खुद भी इंतजाम कर सकते हैं। कदम 3: इमरजेंसी कोड हो तो भेजें अपने दोस्तों और फैमिली के लिए एक इमरजेंसी कोड बनाएं। जैसेकि लेटर A या 1। फैमिली में सबको पता होना चाहिए कि ये इमरजेंसी कोड है। अगर किसी की तरफ से ये मैसेज आता है तो यह इस बात का संकेत है कि सामने वाला खतरे में है, उसे तुरंत मदद की जरूरत है। कदम 4: एस्पिरिन चबाएं, खून पतला होगा अगर घर में 300 mg एस्पिरिन है तो एक गोली चबा लें। इसे निगलें नहीं, धीरे-धीरे चबाएं। ये क्लॉट को बढ़ने से रोकेगा। अगर इससे एलर्जी हो तो न लें। डॉक्टर को फोन पर बात बताएं। एस्प्रिन से 25% तक खतरा कम हो जाता है। कदम 5: शांत होकर सीधे बैठें, बहुत चलें-फिरें नहीं कहीं बैठकर पीठ टिकाएं, पैर जमीन पर रखें। इस दौरान लेटना या घूमना खतरनाक हो सकता है। शांत होकर बैठने से दिल पर लोड कम होता है। पैनिक से हार्ट रेट बढ़ जाती है। कदम 6: दरवाजा खुला रखें सुरक्षित तरीके से दरवाजा अनलॉक करें। व्हाट्सएप पर फैमिली को मैसेज करें कि हार्ट अटैक का शक है, 108 पर कॉल किया है। ग्रुप में लिख दें कि आप कहां हैं। ये भी आपके कुछ मिनट बचा सकता है। कदम 7: पड़ोसी को वॉयस मैसेज भेजें आपकी मदद के लिए सबसे पहले पड़ोसी पहुंच सकता है। इसलिए उसे वॉयस मैसेज भेजें। उसे बहुत कम शब्दों में इमरजेंसी बताएं। कदम 8: धीरे सांस लें ऐसी कंडीशन में बहुत आराम से धीरे-धीरे सांस लें। तेज सांस लेने से पहले से ही परेशानी से जूझ रहे हार्ट पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। कदम 9: खुद ड्राइव न करें, एम्बुलेंस बेस्ट ऑप्शन कई लोग खुद गाड़ी लेकर हॉस्पिटल भागते हैं, लेकिन रास्ते में बेहोश हो जाते हैं। इससे मेजर एक्सीडेंट हो सकता है। एम्बुलेंस में ऑक्सीजन और दवा उपलब्ध होती है तो इससे काफी राहत मिल जाती है। कदम 10: एनर्जी बचाएं, बात न करें अगर कोई मदद के लिए पहुंचता है तो सिर्फ जरूरी बात बताएं। बहुत बात न करें। इस दौरान जितनी अधिक एनर्जी बचाकर रखेंगे। आपके काम आएगी। सवाल- अगर शुरुआती संकेत नजरअंदाज किए तो क्या हो सकता है? जवाब- अगर इमरजेंसी कॉल करने में 5 मिनट देरी हो तो जान बचने के 50% चांस कम हो सकते हैं। एस्पिरिन नहीं लेने पर ब्लड क्लॉटिंग का खतरा होता है। अगर बहुत चल-फिर रहे हैं तो दिल पर बोझ पड़ता है। चूंकि 70% मामलों में हार्ट अटैक के पेशेंट्स देरी के कारण मरते हैं। इसलिए देरी न करें। अगर पहले से ही हार्ट पेशेंट हैं तो कुछ और तैयारियां करके रखें- हार्ट अटैक से जुड़े कुछ कॉमन सवाल और जवाब सवाल: हार्ट अटैक के संकेत दिख रहे हैं, पर श्योर नहीं हैं तो क्या करें? जवाब: अगर शक हो तो भी 108 पर कॉल करें। इसके दो मुख्य संकेत हैं, सीने में दर्द और सांस फूलना। ऐसे 90% मामलों में हार्ट अटैक होता है। इंतजार न करें, यह घातक हो सकता है। सवाल: एस्पिरिन नहीं है तो क्या करें? जवाब: अगर आपके पास एस्पिरिन नहीं है तो एंबुलेंस का इंतजार करें। किसी और को कभी दी गई कोई दवा न लें। आमतौर पर एंबुलेंस ऑपरेटर के पास एस्पिरिन होती है। सवाल: अगर बेहोशी आ रही है तो क्या करें? जवाब: जब तक होश है, सबसे पहले 108 पर कॉल करें। पड़ोसी को कॉल करें या वॉयस मैसेज भेजें। बहुत कम शब्दों में अपनी बात कहें। इससे यह होगा कि आपके बेहोश होने के बाद भी आप तक मदद पहुंच जाएगी। सवाल: युवाओं में हार्ट अटैक के मामले क्यों बढ़ रहे हैं? जवाब: बहुत स्ट्रेस लेने से, ज्यादा तला-भुना और फास्ट फूड खाने से, देर तक मोबाइल लेकर बैठे रहने से कार्डियोवस्कुलर डिजीज का जोखिम बढ़ रहा है। ICMR के मुताबिक, हर साल 35 साल से अधिक उम्र के लोगों में 30-35% हार्ट अटैक के केस बढ़ रहे हैं। शुरुआती 90 मिनट याद रखें अगर घर पर अकेले हैं और हार्ट अटैक आता है तो ये काफी डरावना हो सकता है। हालांकि शुरुआती 8-10 कदम आपके सबसे मजबूत हथियार हैं। अगर स्वस्थ हैं तो जिंदगी की भागदौड़ में दिल की सेहत के लिए भी थोड़ा वक्त दें। रोज थोड़ी सी सावधानी से सालों तक हेल्दी रहें। छोटे संकेत पकड़ें, तुरंत एक्शन लें। आपकी जिंदगी कीमती है, इसे बचाना आपका हक है। आज से ही शुरू करें। हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करें। ……………… ये खबर भी पढ़िए फिजिकल हेल्थ- चाय के साथ सिगरेट है खतरनाक कॉम्बिनेशन:ये राहत नहीं, बीमारियों को दावत, शूट हो सकता है बीपी, बता रहे हैं डॉक्टर चाय का कप और सिगरेट का कश। गर्म चाय के साथ सिगरेट पीने से एसिड रिफ्लेक्स, कैंसर और क्रॉनिक लंग्स डिजीज का रिस्क कई गुना बढ़ जाता है।। पूरी खबर पढ़िए...