फिजिकल हेल्थ- सांईं बाबा फेम सुधीर दलवी को हुआ सेप्सिस:एक साल में 1.1 करोड़ मौतें, मामूली सा इंफेक्शन भी हो सकता है खतरनाक

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साईं बाबा फेम एक्टर सुधीर दलवी सेप्सिस नाम की गंभीर मेडिकल कंडीशन का सामना कर रहे हैं। इसमें किसी इंफेक्शन से लड़ने के लिए शरीर ओवररिएक्ट करने लगता है। जिसके कारण इंफ्लेमेशन बढ़ता है ऑर्गन फेल्योर का खतरा हो सकता है। इससे मौत भी हो सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, साल 2020 में पूरी दुनिया में सेप्सिस के कारण 1 करोड़ 10 लाख लोगों की मौत हो गई। जबकि भारत के आखिरी आंकड़े साल 2017 के हैं। भारत में साल भर में 29 लाख लोगों की मौत हुई थी। सेप्सिस के लक्षण अचानक गंभीर हो सकते हैं। इसलिए इसमें तुरंत लक्षण पहचानकर इलाज शुरू करने से ही पेशेंट की जान बच सकती है। इसलिए ‘फिजिकल हेल्थ’ में आज सेप्सिस की बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि- सवाल- सेप्सिस क्या है? जवाब- सेप्सिस एक ऐसी हेल्थ कंडीशन है, जिसमें हमारा इम्यून सिस्टम हमें प्रोटेक्ट करने की बजाय हमें ही डैमेज करने लगता है। नीचे पॉइंटर्स में समझिए कि आखिर ये क्या है और कैसे होता है। सवाल- इम्यून सिस्टम ओवररिएक्ट क्यों करता है? जवाब- इसका सरल जवाब ये है कि– सवाल- सेप्सिस क्यों होता है? जवाब- सेप्सिस किसी इंफेक्शन से शुरू होता है, जो पूरे शरीर में तेजी से फैल जाता है। फर्ज कीजिए किसी को बैक्टीरियल, वायरस, फंगस या पैरासाइट इंफेक्शन हुआ है। शरीर इस इंफेक्शन को पहचानकर इससे लड़ाई शुरू करता है। इम्यून सिस्टम इस बैक्टीरिया या वायरस को खत्म करने के लिए केमिकल्स छोड़ता है। सेप्सिस होने पर शरीर की यह प्रतिक्रिया नियंत्रण से बाहर हो जाती है और शरीर के हेल्दी टिश्यूज को भी नुकसान पहुंचाने लगती है। इससे ब्लड वेसल्स में इंफ्लेमेशन होता है और थक्के बनने लगते हैं, जिससे ऑक्सीजन और ब्लड फ्लो कम हो जाता है। इसे ऐसे समझें जैसे शरीर दुश्मन से लड़ते-लड़ते खुद को ही नुकसान पहुंचाने लगता है। सवाल- सेप्सिस के क्या लक्षण हैं? जवाब- सेप्सिस ज्यादातर मामलों में इतनी तेजी से रिएक्ट करता है कि इसके लक्षण भी अचानक गंभीर हो सकते हैं। आमतौर पर बुखार या बहुत कम बॉडी टेम्परेचर के साथ धड़कन तेज हो जाती है। कुछ लोगों में स्किन पर लाल या धब्बेदार रैश भी दिखता है। ब्लड प्रेशर गिरने से शरीर में ब्लड सप्लाई कम हो जाती है, जिससे मरीज की हालत तेजी से बिगड़ सकती है। ऐसे में तुरंत अस्पताल जाना जरूरी है, क्योंकि सेप्सिस मिनटों में गंभीर रूप ले सकता है। इसके सभी लक्षण ग्राफिक में देखिए- सवाल- किसे सेप्सिस का ज्यादा रिस्क है? जवाब- सेप्सिस किसी को भी हो सकता है, लेकिन कुछ लोगों में खतरा ज्यादा होता है। इनमें 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों को, गर्भवती महिलाओं को और नवजात शिशुओं को ज्यादा खतरा होता है। इसके सभी रिस्क फैक्टर्स ग्राफिक में देखिए- सवाल- इस बीमारी का पता कैसे चलता है? जवाब- सेप्सिस की पहचान डॉक्टर लक्षणों और जांचों के आधार पर करते हैं। सबसे पहले ब्लड प्रेशर, ब्रीदिंग रेट और कन्शसनेस को देखकर qSOFA स्कोर से जोखिम आंका जाता है। सवाल- सेप्सिस का इलाज क्या है? जवाब- सेप्सिस के पेशेंट्स को आमतौर पर ICU में रखा जाता है, ताकि लगातार निगरानी की जा सके। डॉक्टर एंटीबायोटिक्स देते हैं ताकि इंफेक्शन फैलने से रोका जा सके। IV फ्लूड्स और वैसोप्रेसर दवाएं ब्लड प्रेशर को सामान्य बनाए रखने में मदद करती हैं। अगर कोई ऑर्गन डैमेज हुआ हो तो वेंटिलेटर या डायलिसिस जैसी सपोर्ट थेरेपी दी जाती है। कुछ मामलों में संक्रमित टिश्यू निकालने के लिए सर्जरी भी की जाती है। सवाल- इससे बचाव के क्या उपाय हैं? जवाब- सेप्सिस से बचाव के लिए सफाई और जागरूकता सबसे जरूरी है। हाथ नियमित रूप से धोएं और घावों को साफ रखें। सभी उपाय ग्राफिक में देखिए- सेप्सिस से जुड़े 4 सवाल, जिनके जवाब हर किसी को जानने चाहिए सवाल- क्या हर इंफेक्शन से सेप्सिस हो सकता है? जवाब- अगर इम्यून सिस्टम कमजोर हो तो कई बार छोटा इंफेक्शन भी सेप्सिस की वजह बन सकता है। आमतौर पर संक्रमण गंभीर होने पर सेप्सिस में बदलता है। सवाल- सेप्सिस और ब्लड इंफेक्शन में क्या फर्क है? जवाब- ब्लड इंफेक्शन को सेप्टीसीमिया कहते हैं। इसमें बैक्टीरिया खून में मौजूद होते हैं। जबकि सेप्सिस में शरीर की प्रतिक्रिया से पूरे शरीर में सूजन हो जाती है और ऑर्गन फेलियर का खतरा होता है। सवाल- सेप्सिस की शुरुआती पहचान कैसे करें? जवाब- तेज बुखार हो, तेज सांसें चल रही हों, पेशाब कम आए, कन्फ्यूजन हो और ठंड लग रही हो तो तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करें। इस दौरान कुछ लोगों को शरीर में रैशेज भी दिख सकते हैं। सवाल- बुजुर्गों और ICU पेशेंट्स में सेप्सिस इतना कॉमन क्यों है? जवाब- इसका वजह ये है कि क्योंकि उनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है, शरीर के अंग पहले से स्ट्रेस में होते हैं और हॉस्पिटल में कैथेटर या ब्रीदिंग ट्यूब से बैक्टीरिया आसानी से शरीर में प्रवेश कर सकते हैं। यही कारण है कि सेप्सिस बुजुर्गों में और हॉस्पिटल में एडमिट लोगों में कॉमन है। ……………… ये खबर भी पढ़िए फिजिकल हेल्थ- चाय के साथ सिगरेट है खतरनाक कॉम्बिनेशन:ये राहत नहीं, बीमारियों को दावत, शूट हो सकता है बीपी, बता रहे हैं डॉक्टर चाय का कप और सिगरेट का कश। गर्म चाय के साथ सिगरेट पीने से एसिड रिफ्लेक्स, कैंसर और क्रॉनिक लंग्स डिजीज का रिस्क कई गुना बढ़ जाता है।। पूरी खबर पढ़िए...