देशभर में डिजिटल अरेस्ट केस- सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई:पिछली सुनवाई में राज्यों से FIR की जानकारी मांगी थी, CBI जांच पर भी विचार

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सुप्रीम कोर्ट देशभर में डिजिटल अरेस्ट कर ठगी करने के मामलों में आज सुनवाई करेगा। 27 अक्टूबर को हुई पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि वह इन मामलों की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को देने पर विचार कर रहा है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने कहा था कि पूरा मामला सीबीआई को सौंपने से पहले वे राज्य सरकारों का पक्ष सुनेंगे। उन्होंने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नोटिस भेजकर अपने-अपने इलाकों में दर्ज डिजिटल अरेस्ट से जुड़ी FIR की जानकारी देने को कहा था। सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया था कि इस तरह के कई साइबर अपराध म्यांमार और थाईलैंड जैसे देशों से चल रहे हैं, जहां से अपराधी भारतीयों को टारगेट करते हैं। मेहता ने कहा था- कुछ लोगों को विदेश में नौकरी का लालच देकर ले जाया जाता है और वहां उनसे ऑनलाइन ठगी करवाकर पैसे कमाए जाते हैं। इन इलाकों को स्कैम कंपाउंड्स कहा जाता है, जहां लोग मानव दासों की तरह काम करने को मजबूर होते हैं। दरअसल, हरियाणा के अंबाला में एक बुजुर्ग दंपति से 1.05 करोड़ रुपए की ठगी के मामले के बाद की गई है। ठगों ने फर्जी कोर्ट और एजेंसी ऑर्डर दिखाकर दंपति को धमकाया और बैंक खातों से रकम निकलवा ली थी। सुप्रीम कोर्ट ने खुद ही इस मामले पर एक्शन लिया। CBI पहले से भी कुछ मामलों की जांच कर रही बेंच ने कहा था कि CBI पहले से ही कुछ ऐसे मामलों की जांच कर रही है और जल्द ही कोर्ट को अपनी जांच योजना सौंपेगी। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि क्या CBI के पास पर्याप्त तकनीकी और मानव संसाधन हैं ताकि वह सभी मामलों को संभाल सके। इससे पहले 17 अक्टूबर की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को लेकर केंद्र सरकार और CBI से जवाब मांगा था। कोर्ट ने कहा था कि यह कोई आम अपराध नहीं है। कोर्ट के नाम, मुहर और आदेशों की नकली कॉपी बनाना पूरी न्याय व्यवस्था पर सीधा हमला है। सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार व अंबाला साइबर क्राइम यूनिट को निर्देश दिया था कि अब तक की जांच की पूरी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें। कोर्ट ने कहा था कि ऐसे अपराधों का देशभर में फैलता नेटवर्क सामने आ रहा है। इसलिए सिर्फ एक मामले की जांच नहीं, बल्कि केंद्र और राज्य पुलिस को मिलकर राष्ट्रीय स्तर पर कार्रवाई करनी होगी। पूरी खबर पढ़ें... 2024 में 1100 करोड़ की साइबर ठगी हुई दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में 2025 में साइबर अपराधियों ने लोगों से करीब 1,000 करोड़ रुपए ठगे। इस साल इन्वेस्टमेंट स्कैम, डिजिटल अरेस्ट और बॉस स्कैम ठगी के सबसे ज्यादा आम तरीके बने। साल 2024 में दिल्ली के लोगों से करीब 1,100 करोड़ रुपए की साइबर ठगी हुई थी। उस समय पुलिस और बैंक ठगे गए पैसों में से करीब 10% रकम को ही फ्रीज कर पाए थे, लेकिन 2025 में दिल्ली पुलिस ने बैंकों के साथ मिलकर लगभग 20% ठगे गए पैसे को रोकने में सफलता पाई है। यानी, पिछले साल की तुलना में यह उपलब्धि दोगुनी है। धाराप्रवाह अंग्रेजी में बात, आईकार्ड-बैकग्राउंड लोगो भी दिखाते हैं ठग धाराप्रवाह अंग्रेजी में बात करते हैं। वीडियो कॉलिंग के दौरान आईडी कार्ड दिखाते हैं। जिस भी एजेंसी के अफसर को कॉल ट्रांसफर करते हैं, उसके बैकड्रॉप पर एजेंसी का लोगो दिखता है। कथित सुनवाई में प्रदर्शित सेटअप भी कोर्ट रूम का होता है, इसलिए लोग विश्वास कर लेते हैं। साइबर जांच से जुड़े एक अफसर बताते हैं कि बहुत पढ़े-लिखे, उच्च पदस्थ व रिटायर्ड लोग कानून का सम्मान ज्यादा करते हैं। वे इन साइ​बर अपराधियों को असली अफसर मान लेते हैं, जबकि देश में फोन पर ऐसी जांच और पैसे ट्रांसफर का कोई प्रावधान नहीं है। पुलिस की अपील- फौरन शिकायत करें, पैसा बच सकता है दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (IFSO) यूनिट के डीसीपी विनीत कुमार ने कहा- जैसे ही किसी को साइबर फ्रॉड का पता चले, तुरंत 1930 हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करें। अगर आप जल्दी रिपोर्ट करते हैं, तो हम बैंक खातों में पैसा फ्रीज करवा सकते हैं। उन्होंने बताया कि दिल्ली पुलिस ने 24 घंटे चालू रहने वाली 24 हेल्पलाइन लाइनों की व्यवस्था की है, ताकि लोग तुरंत अपनी शिकायत दर्ज करा सकें। ये मैसेज असली लगते हैं क्योंकि ये आधिकारिक आईडी या कंपनी नंबर जैसे दिखते हैं। इसलिए लोग धोखा खा जाते हैं। ---------------------------------- डिजिटल अरेस्ट से जुड़ी ये खबरें भी पढ़ें... 4 महीने में 400 करोड़ की ठगी, डॉक्टर-इंजीनियर, IIT प्रोफेसर को शिकार बना रहे, मास्टरमाइंड दुबई में बैठे देश में पिछले 4 माह में करीब 400 करोड़ रुपए ठगे जा चुके हैं। ताज्जुब ये है कि इसमें जो शिकार बने हैं, उनमें डॉक्टर, सॉफ्टवेयर इंजीनियर, सैन्य अफसर और आईआईटी प्रोफेसर जैसे उच्च शिक्षित लोग शामिल हैं। इसके पीछे दुबई में बैठे मास्टरमाइंड हैं। भास्कर की पड़ताल में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। पूरी खबर पढ़ें... गांधीनगर में देश का सबसे बड़ा डिजिटल अरेस्ट, डॉक्टर को 3 महीने अरेस्ट कर 19.24 करोड़ रुपए वसूले साइबर फ्रॉड ​​​​​: बताओ... अभी तुम कहां हो? महिला डॉक्टर: मैं दवा की दुकान पर हूं। वह मेरे घर के पास ही है। साइबर फ्रॉड ​​​​​:चलो... अभी घर जाओ और तुम्हें जो बैंक अकाउंट दिया है, उसमें दो करोड़ रुपए ट्रांसफर कर दो। महिला डॉक्टर: लेकिन मैं तुम्हें पहले ही 6 करोड़ दे चुकी हूं और कितने पैसे दूं? पूरी खबर पढ़ें...