अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दोबारा चुने जाने को 5 नवंबर को एक साल पूरा होने जा रहा है। लेकिन उससे एक दिन पहले यानी 4 नवंबर 2025 को उनके लिए अब तक का सबसे बड़ा लिटमस टेस्ट होने वाला है। इसी दिन न्यूयॉर्क सिटी अपने नए मेयर का चुनाव करेगी और साथ ही वर्जीनिया और न्यूजर्सी राज्य में गवर्नर और विधानसभा चुनाव होंगे। पिछले एक साल में ट्रम्प ने अपनी आर्थिक और आव्रजन नीतियों से रिपब्लिकन समर्थकों को जोड़े रखा है, लेकिन आम जनता में असंतोष बढ़ा है। उनकी नेट अप्रूवल रेटिंग नवंबर की शुरुआत में -18% तक गिर चुकी है, जो ओबामा और बाइडेन दोनों के पहले वर्ष से काफी नीचे है। ओबामा के पहले वर्ष के अंत में यह -3% और बाइडेन के कार्यकाल में -7% रही थी। विश्लेषकों का मानना है कि टैरिफ, महंगाई और आव्रजन पर सख्त रुख ने मध्यवर्गीय और शहरी वर्ग को दूर किया है। अब ट्रम्प के सामने चुनौती यह है कि क्या यह लोकल इलेक्शन ‘नेशनल मूड’ का संकेत देंगे या फिर स्थानीय मुद्दे बाजी मार लेंगे। वॉशिंगटन से लेकर वर्जीनिया और न्यूयॉर्क तक नजरें इस मंगलवार पर टिकी हैं, क्योंकि वही तय करेगा- ट्रम्प का दूसरा कार्यकाल जनता की उम्मीदों पर खरा उतर रहा है या नहीं। रिपब्लिकन इसे नीतिगत मजबूती का सबूत मान रहे हैं, जबकि डेमोक्रेट्स इसे ‘मिनी रेफरेंडम’ कह रहे हैं। न्यूयॉर्क: सबसे हाई-प्रोफाइल मुकाबले में भारतवंशी ममदानी 14 अंक आगे जोहरान ममदानी: भारतीय मूल के युवा नेता हैं, जो 33 वर्ष के हैं और न्यूयॉर्क स्टेट असेंबली के सदस्य भी हैं। जोहरान युगांडा के लेखक महमूद ममदानी और फिल्म निर्माता मीरा नायर के बेटे हैं। एंड्रयू कूमो: 67 वर्ष के पूर्व गवर्नर हैं, जो 4 साल पहले यौन उत्पीड़न के आरोपों के कारण इस्तीफा दे चुके हैं। वे स्वतंत्र प्रत्याशी के रूप में भाग लिया है। उन्हें रिपब्लिकन और सेंट्रिस्ट का समर्थन पा रहे हैं। 2 राज्यों के गवर्नर चुनाव: वर्जीनिया और न्यूजर्सी में डेमोक्रेट आगे, यहां शटडाइन बड़ा मुद्दा बना न्यूयॉर्क मेयर के साथ दो डेमोक्रेट राज्यों वर्जीनिया और न्यूजर्सी में गवर्नर के भी चुनाव हो रहे हैं। वर्जीनिया में डेमोक्रेट अबीगेल स्पैंबरगर 7 प्वाइंट से रिपब्लिकन विन्सम सीयर्स से आगे चल रही हैं। सरकारी कामकाज बंद होने (शटडाउन) का असर यहां बड़ा मुद्दा है। वहीं, न्यूजर्सी में डेमोक्रेट मिक्की शेरिल 3 प्वाइंट की बढ़त के साथ रिपब्लिकन जैक सियाटरेली से आगे हैं। उन्होंने खुद को ‘ट्रम्प ऑफ ट्रेंटन’ कहे जाने पर पलटवार करते हुए ट्रम्प नीतियों टैरिफ और शटडाउन को मुख्य मुद्दा बना दिया है। ट्रम्प का दांव उल्टा पड़ा: वोटिंग के बीच प्रवासी इलाकों में आईसीई के छापों से आक्रोश भड़क रहान्यूजर्सी-वर्जीनिया में आईसीई (इमिग्रेशन) की कार्रवाई में तेजी से प्रवासी लैटिन समुदाय में गुस्सा बढ़ा है। फेडरल एजेंटों की मौजूदगी और छापों ने स्थानीय लोगों को वोट देने से रोकने की कोशिश की है। आईसीई का दावा है कि छापों की कार्रवाई केवल आपराधिक संदिग्धों पर केंद्रित है। जबकि डेमोक्रेट्स का आरोप है कि ये लैटिन वोटर टर्नआउट को दबाने की साजिश है। जानकारों का मानना है कि दोनों राज्यों में कई जगह यह तनाव ट्रम्प की डराने की कोशिश के खिलाफ वोट में बदल रहा है।