दिल्ली पुलिस ने कुछ दिनों पहले एक अंतरराष्ट्रीय लॉटरी स्कैम गैंग को पकड़ा, जो लोगों को नकली लॉटरी और गिफ्ट के झांसे में फंसाकर लाखों रुपए ठग रहा था। इस गैंग में 6 आरोपी शामिल हैं, जिनमें 2 नाइजीरियन नागरिक भी हैं। पुलिस के मुताबिक, आरोपी लोगों को फर्जी लॉटरी जीतने का लालच देकर उनसे बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करवाते थे, लेकिन असल में कोई इनाम या गिफ्ट होता ही नहीं था। इसलिए आज साइबर लिटरेसी कॉलम में हम लॉटरी स्कैम से बचने के तरीकों की बात करेंगें। साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट: राहुल मिश्रा, साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट, उत्तर प्रदेश पुलिस सवाल- लॉटरी स्कैम क्या है? जवाब- लॉटरी स्कैम एक तरह की ठगी है, जिसमें स्कैमर बताते हैं कि आपने कोई बड़ी लॉटरी, गिफ्ट, या इनाम जीत लिया है। जीतने के नाम पर वो प्रोसेसिंग फीस, टैक्स, या रजिस्ट्रेशन चार्ज के नाम पर पैसे मांगते हैं। जब आप पैसे भेजते हैं तो वह स्कैमर के पास जाता है। इसके बाद वह रिस्पॉन्स करना बंद कर देते हैं। सवाल- स्कैमर लोगों को कैसे फंसाते हैं? जवाब- सबसे पहले वे SMS या वॉट्सएप पर मैसेज भेजते हैं कि आपने 25 लाख की लॉटरी जीती है। यह कोई भी अमाउंट हो सकता है। वे कॉल करके खुद को कंपनी का एजेंट, सरकारी अधिकारी, या विदेशी संस्था का कर्मचारी बताते हैं। फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया पर भी इनाम जीतने का दावा करते हैं। नकली वेबसाइट और मेल आईडी बनाकर प्रोफेशनल तरीके से बात करते हैं। आधार, पैन और फोटो मांगते हैं ताकि भरोसा हो जाए। इसके बाद किसी फर्जी बैंक अकाउंट में पैसा जमा करवाते हैं। सवाल- कैसे पहचानें कि कोई लॉटरी स्कैम कर रहा है? जवाब- अगर आपने कभी किसी लॉटरी में हिस्सा ही नहीं लिया, फिर भी लॉटरी में जीत का मैसेज आया है। ऐसे में सावधान होने की जरूरत है। अगर स्कैमर कह रहा है कि इनाम पाने के लिए पहले पैसे भेजने पड़ेंगे तो यह स्कैम है। इनकी कॉलर आईडी या मेल आईडी अजीब और संदिग्ध लगती है। इनकी लॉटरी की कोई ऑफिशियल वेबसाइट नहीं होती है या डॉक्यूमेंट वेरिफाई नहीं किया जा सकता है। ये अक्सर बहुत जल्दी फैसला लेने का दबाव बनाते हैं। सवाल- लॉटरी स्कैम में सबसे कॉमन गलती क्या होती है? जवाब- इसमें लोग लालच में आकर बिना जांच-पड़ताल किए पैसे भेज देते हैं। स्कैमर्स सबकुछ बहुत जल्दी करने का दबाव बनाते हैं, जिससे लोग बहुत समझदारी से डिसीजन नहीं ले पाते हैं। उन्हें लगता है कि पहले पैसे देकर लॉटरी का क्लेम करना जरूरी है। जबकि, असली इनाम में कभी भी पहले पैसे नहीं मांगे जाते हैं। सवाल- अगर स्कैमर को बैंक डिटेल्स या OTP दे दिया तो क्या करें? जवाब- सबसे पहले तुरंत बैंक की हेल्पलाइन पर कॉल करें और खाता ब्लॉक कराएं। पासवर्ड और UPI पिन बदलें। इसके बाद www.cybercrime.gov.in वेबसाइट पर रिपोर्ट दर्ज करवाएं। बैंक और सोशल मीडिया में 2-फैक्टर ऑथेंटिकेशन ऑन करें। इसके अलावा फोन से सभी अनजान एप्स और लिंक हटाएं। सवाल- क्या कोई सरकारी संस्था लॉटरी स्कीम चलाती है? जवाब- भारत में कुछ राज्य सरकारें लॉटरी स्कीम चलाती हैं, लेकिन वो पूरी तरह वैध और ऑफलाइन होती हैं। सरकारी लॉटरी में कभी भी इनाम देने के लिए पैसे नहीं मांगे जाते हैं। अगर कोई खुद को सरकारी संस्था बताकर पैसे मांगता है तो यह स्कैम है। सवाल- क्या वॉट्सएप या फेसबुक पर मिले लॉटरी लिंक भरोसेमंद हो सकते हैं? जवाब- नहीं, बिल्कुल नहीं। सोशल मीडिया पर आने वाले लॉटरी लिंक अक्सर स्कैम होते हैं। ये फर्जी वेबसाइट या मालवेयर लिंक हो सकते हैं, जो फोन से डेटा चुरा सकते हैं या फाइनेंशियल फ्रॉड कर सकते हैं। सवाल- स्कैमर कैसे फर्जी अकाउंट और दस्तावेज बनाते हैं? जवाब- स्कैमर फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड और फर्जी पते का इस्तेमाल करके अलग-अलग बैंकों में कई अकाउंट खोलते हैं। कई बार ये नकली डॉक्यूमेंट्स, लोकल एजेंट या डेटा एंट्री करने वाले लोगों से पैसे देकर बनवाते हैं। इन अकाउंट्स में फ्रॉड के पैसे ट्रांसफर करवाए जाते हैं और तुरंत निकाल लिए जाते हैं। सवाल- स्कैमर ठगी के लिए किस तकनीक का इस्तेमाल करते हैं? जवाब- स्कैमर UPI ट्रांसफर, IMPS, मोबाइल वॉलेट या ATM के जरिए पैसे निकालते हैं। कई बार ये दूसरों के नाम पर फर्जी UPI ID बनाकर इसे मैसेज में भेजते हैं। इसमें अकाउंट का नाम और प्रोफाइल पिक्चर भी जानबूझकर असली लगने वाला रखा जाता है, ताकि लोग भरोसा कर लें। इनसे बचने का सबसे स्मार्ट तरीका अलर्टनेस है। सवाल- स्कैमर बच्चों या बुजुर्गों को कैसे निशाना बनाते हैं? जवाब- बुजुर्गों को सरकारी इनाम, पेंशन, बोनस या प्रधानमंत्री योजना के नाम पर झांसे में लिया जाता है। वहीं बच्चों को गेमिंग रिवार्ड्स, गिफ्ट कार्ड्स या यूट्यूब चैनल इनाम का लालच देकर लिंक या कॉल भेजे जाते हैं। इनसे जानकारी निकलवाकर बैंकिंग या सोशल मीडिया अकाउंट हैक किया जाता है। सवाल- क्या OTP शेयर किए बिना भी ठगी हो सकती है? जवाब- हां, कई बार स्कैमर मोबाइल या बैंक डिवाइस को रिमोट एक्सेस ऐप्स जैसे QuickSupport, AnyDesk से कनेक्ट करवा लेते हैं और फिर OTP आपके SMS से खुद ही पढ़ लेते हैं। इसलिए अगर कोई अजनबी कॉल पर ऐप इंस्टॉल करने या स्क्रीन शेयर करने के को कहता है तो तुरंत मना कर दें और सावधान हो जाएं। सवाल- OTP या बैंक फ्रॉड पर BNS की कौन-सी धारा लगती है? जवाब- अगर कोई व्यक्ति धोखे से आपका बैंक डेटा लेकर पैसा निकालता है तो उस पर BNS धारा 316 (1) लगाई जाएगी। इसमें 5 से 10 साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। ……………… ये खबर भी पढ़िए साइबर लिटरेसी- गूगल पर सर्च न करें कस्टमर केयर नंबर: हो सकते हैं साइबर फ्रॉड का शिकार, फेक कस्टमर केयर की ऐसे करें पहचान गूगल दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन है, जहां लगभग हर सवाल का जवाब मिल जाता है। अक्सर लोग बैंक, किसी कंपनी या विभाग से जुड़ी जानकारी के लिए कस्टमर केयर नंबर गूगल पर सर्च करते हैं, लेकिन इस प्रोसेस में फ्रॉड या फर्जी नंबर मिलने का खतरा रहता है। पूरी खबर पढ़िए...