हमारी आंखें सिर्फ दुनिया के तमाम रंग देखने का जरिया नहीं हैं, ये हमारे शरीर के अंदर की कंडीशन का आईना भी होती हैं। आंखों का रंग बदलना, धुंधलापन, उनका बार-बार फड़कना या मैल बढ़ना। ये सभी संकेत बता सकते हैं कि शरीर में कहां पर क्या समस्या चल रही है। कई बार ये लक्षण डायबिटीज, थायरॉइड, लिवर या नर्वस सिस्टम से जुड़ी बीमारियों का शुरुआती संकेत होते हैं। अक्सर हम इन्हें थकान या मौसम का असर समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। इसलिए आंखों में होने वाले बदलावों को समझना और समय रहते कदम उठाना जरूरी है। इसलिए आज फिजिकल हेल्थ में जानेंगे कि हमारी आंखें सेहत के बारे में क्या बताती हैं। साथ ही जानेंगे कि- सवाल- क्या हमारी आंखें ओवरऑल हेल्थ का इंडिकेटर होती हैं? जवाब- हां, हमारी आंखें सिर्फ देखने के लिए ही नहीं होती हैं, बल्कि शरीर की कई अंदरूनी स्थितियों और बीमारियों के संकेत भी देती हैं। आंखों में आने वाले बदलाव हमें बता सकते हैं कि ब्लड शुगर बढ़ रहा है, थायरॉइड गड़बड़ है या लिवर कमजोर हो रहा है। इसलिए आंखों में दिखने वाले संकेतों को हल्के में नहीं लेना चाहिए। ग्राफिक में देखिए, कौन से लक्षण किस बीमारी का संकेत हैं। अब ग्राफिक में दिए सभी लक्षणों को एक-एक करके समझते हैं अचानक धुंधला दिखना अगर अचानक आपकी आंखों के सामने सबकुछ धुंधला होने लगे, तो ये ब्लड फ्लो में गड़बड़ी का संकेत हो सकता है। कभी-कभी यह स्ट्रोक या माइग्रेन की शुरुआत का संकेत भी होता है। क्या करें: अगर ऐसा लक्षण कुछ मिनटों के लिए भी दिखे, तो इसे हल्के में न लें। तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करें। आंखों में उभार आना जब आंखें आगे की ओर उभरी हुई दिखाई देने लगती हैं, तो यह अक्सर थायरॉइड डिजीज का संकेत होता है। इसमें शरीर में थायरॉइड हॉर्मोन ज्यादा बनने लगता है, जिससे आंखों की मसल्स और टिश्यू में सूजन हो जाती है। इसके साथ वेट लॉस, हाथ कांपना, घबराहट, पसीना आना और दस्त जैसे लक्षण भी दिख सकते हैं। क्या करें: अगर आंखों का उभार बढ़ता जाए या आंखों में दर्द, सूखापन या डबल विजन हो तो एंडोक्रोनोलॉजिस्ट और आई स्पेशलिस्ट दोनों से जांच कराएं। थायरॉइड टेस्ट समय पर करवाना जरूरी है। इलाज में देरी करने से आंखों की रोशनी जा सकती है। लगातार धुंधला दिखना अगर आंखों से हमेशा धुंधला दिखता रहे, तो यह डायबिटीज का संकेत हो सकता है। लंबे समय तक हाई शुगर लेवल आंखों की छोटी ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचाता है, जिससे डायबिटिक रेटिनोपैथी हो सकती है। इसमें धीरे-धीरे नजर कमजोर होने लगती है। क्या करें: अगर डायबिटीज है और नजर में बदलाव महसूस हो रहा है, तो आंखों की जांच जरूर कराएं। ब्लड शुगर कंट्रोल में रखें। अचानक विजन कम हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। कॉर्निया के चारों ओर घेरा कॉर्निया के चारों ओर सफेद या ग्रे रंग का घेरा दिखने का मतलब कॉर्नियल आर्कस है। यह आंखों में फैट जमा होने से बनता है। 40 साल की उम्र के बाद यह कॉमन हो सकता है, लेकिन कम उम्र में दिखना कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का संकेत हो सकता है। क्या करें: अगर कम उम्र में यह रिंग दिखे, तो लिपिड प्रोफाइल (कोलेस्ट्रॉल जांच) जरूर कराएं। खानपान सुधारें और जरूरत पड़े तो डॉक्टर से कंसल्ट करके दवा लें। पलक झपकना अगर पलक पर कंट्रोल कम होने लगे और यह बार-बार झपकने लगे, तो यह मायस्थेनिया ग्रेविस नाम की ऑटोइम्यून बीमारी का संकेत हो सकता है। इसमें मसल्स जल्दी थक जाती हैं और आंखों के साथ चेहरे या गले की मसल्स भी कमजोर हो सकती हैं। क्या करें: अगर पलक झपकने के साथ बोलने, चबाने या निगलने में दिक्कत हो तो तुरंत न्यूरोलॉजिस्ट से मिलें। इसे उम्र या थकान समझकर नजरअंदाज न करें। आंखों का पीला होना आंखों और त्वचा का पीला पड़ना जॉन्डिस का संकेत हो सकता है। यह लिवर की खराबी, हेपेटाइटिस, इंफेक्शन या ज्यादा शराब सेवन की वजह से होता है। खून में बिलिरुबिन बढ़ने से यह रंग दिखता है। क्या करें: अगर आंखों का पीला रंग बढ़ता जाए, कमजोरी, उल्टी या पेट दर्द हो, तो तुरंत लिवर फंक्शन टेस्ट कराएं। शराब और तला-भुना खाना बंद करें। इलाज बीमारी की वजह पर निर्भर करता है। आंख फड़कना आंखों का फड़कना आमतौर पर थकान, स्ट्रेस, नींद की कमी, ज्यादा स्क्रीन टाइम या कैफीन लेने से होता है। ज्यादातर मामलों में यह खुद ही ठीक हो जाता है। क्या करें: पर्याप्त नींद लें, स्क्रीन टाइम कम करें और कैफीन सीमित रखें। अगर यह कंडीशन कई हफ्तों तक बनी रहे या चेहरे के अन्य हिस्सों में भी फैलने लगे, तो डॉक्टर से कंसल्ट करें। रात में देखने में दिक्कत कम रोशनी या अंधेरे में ठीक से न दिखना विटामिन A की कमी, मोतियाबिंद या नजर कमजोर होने का संकेत हो सकता है। बहुत कम मामलों में यह जेनेटिक आंखों की बीमारी से भी जुड़ा होता है। क्या करें: डाइट में विटामिन A से भरपूर चीजें शामिल करें। अगर समस्या बढ़ रही हो, तो आंखों की पूरी जांच कराएं। बिना सलाह के सप्लीमेंट न लें। आइब्रो का झड़ना आइब्रो का पतला होना या बाहरी हिस्से के बाल झड़ना थायरॉइड हॉर्मोन की कमी का संकेत हो सकता है। इसके साथ थकान, वजन बढ़ना और ठंड ज्यादा लगना जैसे लक्षण दिख सकते हैं। क्या करें: अगर आइब्रो के साथ सिर या शरीर के बाल भी झड़ रहे हों तो थायरॉइड और आयरन की जांच कराएं। सही इलाज से बाल झड़ना रोका जा सकता है। आंखों से ज्यादा मैल आना अगर आंखों से बहुत ज्यादा, चिपचिपी मैल आए और आंखें लाल हों या खुजली हो रही हो, तो यह कंजंक्टिवाइटिस, एलर्जी या बैक्टीरियल इंफेक्शन का संकेत है। क्या करें: आंखें न रगड़ें और साफ पानी से धोते रहें। डॉक्टर की सलाह के बिना आई ड्रॉप न डालें। अगर मैल कई दिन तक बनी रहे या दर्द हो, तो आई स्पेशलिस्ट से जरूर मिलें। आंखों को भी रखें सुरक्षित कई बार आंखें अपनी परेशानी का इशारा भी कर रही होती हैं। इन्हें सुरक्षित रखने के लिए अपनी लाइफस्टाइल में सुधार करना जरूरी है। हमें डेली लाइफ में क्या गलतियां नहीं करनी चाहिए, ग्राफिक में देखिए- आंखों को प्रोटेक्ट करने के लिए क्या करना चाहिए? आंखों को सुरक्षित रखने के लिए हर 6-12 महीने में आंखों की जांच कराएं। डाइट में विटामिन A, C, E और ओमेगा-3 फैटी एसिड्स से भरपूर भोजन लें। रोज 5-10 मिनट आई-एक्सरसाइज करें। रात में लेटकर फोन न चलाएं और नींद पूरी करें। काम करते समय आंखों और स्क्रीन के बीच 20-30 इंच यानी लगभग एक हाथ की दूरी रखें। ऐसे प्रोटेक्ट करें अपनी आंखें ……………… ये खबर भी पढ़िए यूरिन का रंग बताता है कितने हेल्दी हैं हम:जानें सफेद, भूरा या लाल रंग कितना खतरनाक, कौन सा रंग बीमारी का संकेत क्या आपने कभी अपने यूरिन का कलर नोटिस किया है? सवाल अटपटा लग सकता है, लेकिन इसके जवाब में हमारी सेहत के कई राज छिपे हैं। यूरिन का रंग हमारी सेहत का हाल बता सकता है। पूरी खबर पढ़िए...