छत्तीसगढ़ में सत्ता से बाहर होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का सरगुजा दौरा कांग्रेस की अंदरूनी गुटबाजी को फिर उजागर कर गया। अंबिकापुर, उदयपुर और लखनपुर में टीएस सिंहदेव समर्थक कांग्रेस नेताओं की गैरमौजूदगी ने पार्टी की एकजुटता के दावों पर सवाल खड़े कर दिए। अमरजीत भगत गुट सक्रिय दिखा, लेकिन संगठनात्मक दूरी साफ नजर आई। अब सभी की निगाहें सूरजपुर जिला सम्मेलन पर टिकी हैं।