सद्गुरु कहते हैं कि अस्तित्व के स्तर पर हम हमेशा 'इसी पल' में होते हैं, लेकिन सामाजिक रूप से नए वर्ष का विशेष महत्व है। यह वह समय है जब हमें पीछे मुड़कर देखना चाहिए कि हमने पिछले एक वर्ष में स्वयं के साथ...