इन दोनों मामलों ने यह साबित कर दिया कि आधुनिक चिकित्सा केवल तकनीक का नाम नहीं है, बल्कि यह साहस, अनुभव और मानवीय संवेदना का संगम है। जहाँ असंभव भी संभव हो सकता है, यदि हाथों में विशेषज्ञता और दिल में जिम्मेदारी हो।