साल 2012 में जब ख़ालिदा ज़िया तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिली थीं, तो उन्होंने मनमोहन सिंह से कहा था कि वो खुले दिमाग़ के साथ भारत आईं हैं और उनकी यात्रा का उद्देश्य पुरानी कड़वाहट और ज़ख़्मों पर मरहम लगाना है.