जरूरत की खबर- बोरवेल से आ रहा है गंदा पानी:इन 7 तरीकों से घर पर करें साफ, जानें कौन सा पानी पीने के लिए उपयुक्त

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आजकल बहुत से घरों में बोरवेल से निकलने वाला पानी ही पीने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये पानी हमेशा डायरेक्ट पीने के लिए सुरक्षित नहीं होता है। इस पानी में आर्सेनिक, लेड और आयरन जैसे हैवी मेटल्स, हाई TDS (टोटल डिसॉल्व्ड सॉलिड्स), हार्ड वाटर सॉल्ट्स (कैल्शियम, मैग्नीशियम) और बैक्टीरिया, वायरस हो सकते हैं। लंबे समय तक ये पानी पीने से किडनी स्टोन, पेट में इन्फेक्शन, स्किन प्रॉब्लम और यहां तक कि कैंसर जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के मुताबिक, साल 2022 में अशुद्ध पेयजल और खराब हाइजीन के कारण दुनिया भर में 14 लाख लोगों की मौत हुई थी। इसमें अधिकांश लोग कम और मीडियम इनकम वाले देशों में रहते थे। दूषित पानी से होने वाली बीमारियों जैसे डायरिया, हैजा और टाइफाइड के कारण सालाना लाखों लोग अपनी जान गंवाते हैं। कुल मिलाकर साफ पानी ही जीवन का आधार है, लेकिन कई बार बोरवेल से बहुत गंदा पानी आने लगता है। ऐसे में पीने के लिए शुद्ध पानी निकालना चैलेंजिंग होता है। हालांकि बोरवेल के पानी को घर पर आसानी से शुद्ध किया जा सकता है। RO (रिवर्स ऑस्मोसिस) सिस्टम से लेकर उबालने तक, इसके कई तरीके हैं। तो चलिए, आज जरूरत की खबर में हम बात करेंगे कि बोरवेल के पानी को घर पर कैसे साफ किया जा सकता है। साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट: डॉ. अरविंद अग्रवाल, डायरेक्टर, इंटरनल मेडिसिन एंड इनफेक्शियस डिजीज, श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट, दिल्ली सागर गौड़, CEO, रियल वाटर सॉल्यूशंस, कानपुर (वाटर ट्रीटमेंट एक्सपर्ट) सवाल- बोरवेल से निकलने वाले पानी को शुद्ध करना क्यों जरूरी है? जवाब- दिल्ली के श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट में इंटरनल मेडिसिन एंड इनफेक्शियस डिजीज के डायरेक्टर डॉ. अरविंद अग्रवाल बताते हैं कि बोरवेल पानी भूमिगत जल का स्रोत है। ये मिट्टी, चट्टानों और प्रदूषित सतहों से होकर गुजरता है, जिसके कारण इसमें हाई टीडीएस, हैवी मेटल्स, हार्ड सॉल्ट्स और बैक्टीरिया जमा हो जाते हैं। WHO के मुताबिक, 300 ppm (पार्ट्स पर मिलियन) से ज्यादा TDS वाला पानी सेहत के लिए नुकसानदायक है। वहीं ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS) भी 500 ppm से अधिक TDS लेवल को असुरक्षित मानता है। ऐसे में बिना प्यूरिफिकेशन के यह पानी किडनी स्टोन और हाई ब्लड प्रेशर जैसी कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है। नीचे दिए ग्राफिक से अशुद्ध पानी पीने के हेल्थ रिस्क को समझिए- सवाल- बोरवेल के पानी की क्वालिटी का पता कैसे लगाया जा सकता है? जवाब- वाटर ट्रीटमेंट एक्सपर्ट सागर गौड़ बताते हैं कि सबसे पहले एक टीडीएस मीटर खरीदें। यह 250-500 रुपए में आसानी से मिल जाता है। अब साफ गिलास में बोरवेल का पानी लें। इसमें मीटर डुबोएं, फिर रीडिंग नोट करें। अगर टीडीएस 500 ppm से ज्यादा हो तो ये पीने के लिए सुरक्षित नहीं है। इसके अलावा माइक्रोबियल टेस्ट के लिए किसी प्रोफेशनल की मदद लें। सवाल- बोरवेल के गंदे पानी को घर पर कैसे साफ किया जा सकता है? जवाब- कुछ आसान तरीके हैं, जिनसे आसानी से घर पर गंदे पानी को साफ किया जा सकता है, लेकिन ध्यान रखें ये पानी पीने लायक नहीं होता, जब तक कि इसे उबाला या डिसइन्फेक्ट न किया जाए। नीचे दिए ग्राफिक से बोरवेल के गंदे पानी को साफ करने के आसान तरीकों को समझिए- आइए, अब इन तरीकों को विस्तार से समझते हैं। उबालकर एक बड़े भगोने में पानी लेकर कम-से-कम 10 मिनट तक रोलिंग बॉइल आने दें। अगर आप पहाड़ी इलाके में रहते हैं तो औसतन ज्यादा देर तक उबालें। इससे पानी में मौजूद वायरस और बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं। ब्लीच से प्यूरिफिकेशन 1 गैलन (लगभग 4 लीटर) पानी में 8 बूंद बिना खुशबू वाली ब्लीच डालें। इसे 30 मिनट तक ढककर छोड़ दें और फिर इस्तेमाल करें। यह तरीका इमरजेंसी में या कभी-कभी इस्तेमाल किया जा सकता है। सोलर प्यूरिफिकेशन साफ पानी को बाल्टी में भरकर धूप में करीब 5-6 घंटे तक रखें। सूरज की किरणों की अल्ट्रावायलेट एनर्जी से पानी में मौजूद बैक्टीरिया खुद-ब-खुद नष्ट हो जाते हैं। मल्टी-लेयर फिल्टर एक खाली प्लास्टिक बोतल का नीचे का हिस्सा काटें और उसके मुंह पर साफ कपड़ा या कॉफी फिल्टर लगाएं। नीचे से ऊपर की ओर क्रम से मोटे कंकड़, मोटी रेत, बारीक रेत और चाहें तो एक्टिवेटेड चारकोल भरें। ऊपर से गंदा पानी डालें। नीचे से साफ दिखने वाला पानी निकलेगा। फिटकरी या मोरिंगा बीज पाउडर से अगर पानी धुंधला है तो नेचुरल कोएगुलेंट का इस्तेमाल करें। फिटकरी का छोटा टुकड़ा धागे से बांधकर पानी में घुमाएं और 2–3 घंटे तक छोड़ दें ताकि गंदगी नीचे बैठ जाए। इसके अलावा मोरिंगा बीज पाउडर भी पानी को नेचुरली साफ करता है। इसे पानी में डालें। कुछ देर बाद गंदगी नीचे बैठ जाएगी। अब ऊपर से साफ पानी धीरे-धीरे नए बर्तन में निकालें। पोटेशियम परमैंगनेट पानी में पोटेशियम परमैंगनेट की एक गोली डाल दें। यह केमिकल शरीर के लिए नुकसानदायक नहीं होता और इससे पानी की सारी अशुद्धियां दूर हो जाती हैं, बैक्टीरिया मर जाते हैं। हालांकि यह पानी पीने के लिए उपयुक्त नहीं है। सवाल- बोरवेल के पानी को पीने लायक बनाने के लिए RO फिल्ट्रेशन क्यों बेस्ट है? जवाब- RO मशीन पानी की 95-99% अशुद्धियों को साफ कर सकती है। सागर गौड़ बताते हैं कि RO से पानी का टीडीएस 50-150 ppm तक हो जाता है, जो पीने के लिए आइडियल है। हालांकि इसके ज्यादा यूज से मिनरल्स कम हो सकते हैं, इसलिए RO में मिनरल कार्ट्रिज लगवाएं। यह RO प्रक्रिया के दौरान हटाए गए मिनरल्स को वापस एड करता है। इससे पानी का स्वाद भी बेहतर होता है। सवाल- किन संकेतों से समझें कि घर में RO लगवाना जरूरी है? जवाब- अगर घर के पानी में कुछ असामान्य लक्षण दिखाई दें तो समझिए अब RO वाटर प्यूरिफायर लगवाने का समय आ गया है। जैसेकि- TDS 500 PPM से ज्यादा यह दर्शाता है कि पानी में घुले मिनरल्स और साल्ट्स की मात्रा अधिक है, जो लंबे समय में किडनी या पाचन संबंधी समस्याएं दे सकते हैं। पानी में बदबू या अजीब स्वाद यह संकेत है कि पानी में बैक्टीरिया, आयरन या क्लोरीन जैसे तत्व मौजूद हैं। बर्तन या टाइल्स पर सफेद दाग अगर अक्सर बर्तनों या घर की टाइल्स में पानी से सफेद दाग दिखाई दें तो यह हार्ड वॉटर का संकेत है, जिसमें कैल्शियम-मैग्नीशियम जैसे हार्ड सॉल्ट्स ज्यादा होते हैं। अक्सर पेट या स्किन से जुड़ी परेशानी हो इसका मतलब पानी में बैक्टीरिया या वायरस का संक्रमण हो सकता है। पानी का रंग हल्का पीला या धुंधला दिखे इससे संकेत मिलता है कि पानी में गाद, जंग या मेटल्स (जैसे लेड, आर्सेनिक) मिले हो सकते हैं। अगर पानी बोरवेल से आता है बोरवेल के पानी में आमतौर पर टीडीएस और मेटल्स की मात्रा ज्यादा होती है। सवाल- RO मशीन के इस्तेमाल के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? जवाब- पानी की शुद्धता बनाए रखने के लिए सिर्फ मशीन लगाना ही काफी नहीं, उसकी नियमित देखभाल भी जरूरी है। इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखें। जैसेकि- ........................ जरूरत की ये खबर भी पढ़िए... जरूरत की खबर- क्या आपका पीने का पानी शुद्ध है: डॉक्टर से जानें TDS क्या है, ये क्यों जरूरी, कैसे करें चेक, कितनी मात्रा है सही पानी की गुणवत्ता की जांच के लिए TDS की जांच की जाती है। यह स्वास्थ्य, स्वाद और पानी की क्वालिटी, तीनों को प्रभावित करता है। इसी से यह पता चलता है कि पानी पीने योग्य है या नहीं। TDS की मात्रा कम या ज्यादा होना, दोनों सेहत के लिए नुकसानदायक है। पूरी खबर पढ़िए...