साइबर लिटरेसी- कॉल मर्ज से अकाउंट खाली कर रहे स्कैमर्स:5 स्टेप्स में समझें क्या है ये स्कैम, बचाव के लिए बरतें 8 सावधानियां

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साइबर स्कैमर रोज नए-नए तरीके अपनाकर लोगों के साथ स्कैम कर रहे हैं। 'कॉल मर्ज फ्रॉड' स्कैम का नया तरीका है। इसमें साइबर स्कैमर बड़ी चालाकी से कॉल को मर्ज करके यूजर को फंसाते हैं और उनके मोबाइल नंबर पर आया वॉयस ओटीपी (OTP) सुन लेते हैं। इससे वे बैंकिंग से लेकर सोशल मीडिया अकाउंट तक का एक्सेस हासिल कर सकते हैं। देखने में यह एक सामान्य कॉल लगती है, लेकिन मिनटों में आपका बैंक अकाउंट खाली हो सकता है। आज ‘साइबर लिटरेसी’ कॉलम में कॉल मर्ज फ्रॉड' की बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि- सवाल- कॉल मर्ज फ्रॉड क्या है? जवाब- कॉल मर्ज फ्रॉड साइबर ठगी का नया तरीका है। इसमें स्कैमर खुद को आपके किसी दोस्त या रिश्तेदार का परिचित बताकर भरोसा जीतता है। वह कहता है कि आपके दोस्त ने ही उसका नंबर दिया है और किसी जरूरी काम के लिए बात करनी है। बातचीत के दौरान फोन पर दूसरे नंबर से कॉल आता है और स्कैमर कहता है कि आपका दोस्त ही कॉल कर रहा है। वह दोनों कॉल मर्ज करने को कहता है ताकि तीनों बात कर सकें। लेकिन असल में वह कॉल वॉयस OTP कॉल होती है। जैसे ही कॉल मर्ज होती है, ठग OTP सुनकर बैंक ट्रांजैक्शन कर लेता है और आपके बैंक खाते से पैसा गायब हो जाता है। सवाल- वॉयस OTP कॉल कितना कॉमन है? जवाब- वॉयस OTP कॉल अब काफी कॉमन हो गई हैं। बैंकिंग, ई-कॉमर्स और हेल्थकेयर इंडस्ट्रीज में इसे सुरक्षित ऑथेंटिकेशन के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। अगर SMS नहीं डिलीवर हो रहा हो तो उसका आसान विकल्प बन गया है। यह खासतौर पर बुजुर्ग या कम तकनीकी जानकारी वाले लोगों के लिए यह अधिक उपयोगी है। जिन इलाकों में नेटवर्क कमजोर होते हैं, वहां ज्यादा मददगार है। स्कैमर इस तकनीक का गलत फायदा उठा रहे हैं। सवाल- साइबर स्कैम का यह तरीका इतना खतरनाक क्यों है? जवाब- साइबर स्कैम के इस तरीके की बुनियाद भरोसे पर टिकी है। कॉल मर्जिंग का फीचर हर फोन में मौजूद होता है। स्कैमर इसमें जरूरतमंद को पैसे या नौकरी का लालच देते हैं। ऐसी कंडीशन में कोई भी बहुत आसानी से इसका शिकार बन जाता है। वॉयस OTP कॉल भी सामान्य कॉल की तरह दिखती है। इसलिए ज्यादातर लोग इसे आम बातचीत का हिस्सा समझते हैं। इसके कारण ही स्कैम का शिकार हो जाते हैं। इससे बचने के लिए सतर्कता सबसे अहम हथियार है। सवाल- अगर गलती से कॉल मर्ज कर ली और OTP चला गया तो क्या करें? जवाब- अगर गलती से आपने कॉल मर्ज कर ली है और उस दौरान स्कैमर ने वॉयस OTP सुन लिया है, तो समय गंवाए बिना अपने बैंक की कस्टमर केयर या हेल्पलाइन नंबर पर तुरंत कॉल करें। उन्हें बताएं कि OTP अनजाने में किसी के साथ शेयर हो गया है। ट्रांजैक्शन को ब्लॉक या होल्ड करने की रिक्वेस्ट करें। इसके साथ इन बातों का ध्यान रखें- भविष्य में स्कैम से बचने के लिए करें ये काम UPI/बैंकिंग एप्स से लॉगआउट करें और पासवर्ड बदलें गूगल पे, फोन पे या पेटीएम जिस ऐप का भी OTP था, उसका पासवर्ड और UPI पिन तुरंत बदलें। डिवाइस से संदिग्ध एप्स हटाएं अगर स्कैमर ने किसी एप को इंस्टॉल करवाया था या लिंक भेजा था, तो उसे तुरंत अनइंस्टॉल करें। साइबर सेल में शिकायत करें नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर सेल में घटना की रिपोर्ट दर्ज कराएं। इसके अलावा राष्ट्रीय साइबर क्राइम पोर्टल www.cybercrime.gov.in पर ऑनलाइन शिकायत दर्ज करें। सभी OTP आधारित सर्विस चेक करें बैंक अकाउंट, सोशल मीडिया, ईमेल आदि में लॉगिन सेटिंग्स, रिकवरी ईमेल या नंबर और सिक्योरिटी अलर्ट्स की जांच करें और आवश्यक बदलाव करें। भविष्य में सतर्क रहें कभी भी नए नंबर के साथ कोई कॉल मर्ज न करें। इसके लिए पहली कॉल कट करें, तब नई कॉल रिसीव करें। सवाल- OTP के जरिए स्कैमर क्या-क्या कर सकता है? जवाब- OTP के जरिए स्कैमर आपके बैंक खाते से पैसे निकाल सकता है, आपके UPI अकाउंट का एक्सेस ले सकता है, ऑनलाइन खरीदारी कर सकता है या आपके सोशल मीडिया अकाउंट्स को हैक कर सकता है। यहां तक कि वह आपकी डिवाइस का एक्सेस ले सकता है। सवाल- अगर OTP जाने के बाद भी अकाउंट से पैसे नहीं कटे, तो क्या फिक्र नहीं करनी चाहिए? जवाब- OTP की वैधता सीमित समय की होती है, लेकिन हो सकता है कि स्कैमर ने OTP से सोशल मीडिया अकाउंट या डिवाइस हैक किया हो। ऐसे में वह आपके साथ बाद में फ्रॉड कर सकता है। इसलिए सावधानी बरतें, पासवर्ड और पिन तुरंत बदलें और बैंक को अलर्ट करें। सोशल मीडिया अकाउंट भी बदल दें। मोबाइल फोन को रीसेट कर लें। सवाल- क्या बैंक या कोई ऑफिशियल संस्था कॉल मर्ज करने को कहती है? जवाब- नहीं, कोई भी बैंक, RBI या सरकारी एजेंसी कभी भी आपको कॉल मर्ज करने, OTP बताने या किसी तीसरे व्यक्ति से कॉल मर्ज करने के लिए नहीं कहती है। अगर कोई ऐसा कहे, तो यह साफ तौर पर धोखाधड़ी है। सवाल- क्या कॉल मर्ज फ्रॉड को लेकर कोई जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है? जवाब- हां, कई राज्यों की साइबर सेल, भारत सरकार की एजेंसियां और I4C जैसे संगठन लगातार सोशल मीडिया, पोस्टर, रेडियो और टीवी के माध्यम से लोगों को इस स्कैम को लेकर सतर्क कर रहे हैं। ‘साइबर दोस्त’, ‘संचार साथी’ और ‘1930 हेल्पलाइन’ जैसे टूल्स इसी उद्देश्य से शुरू किए गए हैं। सवाल- क्या कॉल मर्ज फ्रॉड से सिर्फ स्मार्टफोन यूजर्स को निशाना बनाया जा रहा है? जवाब- हां, यह फ्रॉड मुख्य रूप से स्मार्टफोन यूजर्स को ही निशाना बनाता है, क्योंकि कॉल मर्ज फीचर अधिकतर स्मार्टफोन में ही उपलब्ध होता है। की-पैड या बेसिक फोन में यह सुविधा सीमित होती है। इसके अलावा, स्मार्टफोन यूजर आमतौर पर UPI, बैंकिंग और सोशल मीडिया एप्स ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, जिससे स्कैमर को ज्यादा फायदा होता है। सवाल- क्या WhatsApp या अन्य ऐप्स पर भी कॉल मर्ज करके फ्रॉड हो सकता है? जवाब- फिलहाल, WhatsApp जैसे एप्स पर कॉल मर्जिंग का फीचर सीमित या न के बराबर है, लेकिन स्कैमर ऐप के जरिए कॉल या चैट के दौरान फिशिंग लिंक भेजकर या वॉइस कॉल पर OTP सुनकर फ्रॉड कर सकते हैं। इसलिए सभी तरह की कॉल्स पर अलर्ट रहना जरूरी है, चाहे वह मोबाइल नेटवर्क से हो या इंटरनेट कॉलिंग के जरिए की गई हो। सवाल-कॉल मर्ज फ्रॉड से बचने के लिए बच्चों और बुजुर्गों को कैसे जागरूक करें? जवाब- बच्चों और बुजुर्गों को सरल भाषा में समझाएं कि अगर फोन कॉल पर कोई OTP मांगे, तो यह धोखा हो सकता है। उनके मोबाइल में कॉल मर्ज लिमिटेशन सेट करें और सुरक्षा जागरूकता वीडियो दिखाएं। अगर संभव हो तो बुजुर्गों के बैंकिंग कार्यों में फैमिली सपोर्ट रखें और उनके मोबाइल में OTP कॉल्स या SMS को पिन लॉक से सुरक्षित करें। ……………… ये खबर भी पढ़िए साइबर लिटरेसी- ‘क्रेडिट कार्ड से कैश’ के नाम पर ठगी:इस स्कैम को ऐसे दिया जा रहा अंजाम, इस साइबर फ्रॉड से बचने की 10 टिप्स हाल ही में मुंबई में ‘क्रेडिट कार्ड से कैश दिलाने’ के नाम पर ठगी का मामला सामने आया है। इस मामले में यूट्यूबर और भोजपुरी एक्टर दिलीप कुमार साहू पर 3.5 लाख रुपए की ठगी का आरोप लगा है। पूरी खबर पढ़िए...