मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की एकलपीठ ने दुष्कर्म और गर्भपात से जुड़े एक मामले में महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा है कि प्रजनन व्यक्तिगत अधिकार है, जिस पर कोई भी अतिक्रमण नहीं कर सकता। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रजनन स्वतंत्रता संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मौलिक अधिकार के रूप में संरक्षित है।