हरियाणा से पुराने डीजल वाहनों की दिल्ली में नो एंट्री:आज से BS-III, BS-IV व्हीकलों पर रोक; सोनीपत में बॉर्डर पर अभी सख्ती नहीं

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बढ़ते एयर पॉल्यूशन को देखते हुए दिल्ली-NCR में आज से BS-III और BS-IV डीजल वाहनों पर रोक है। सिर्फ BS-VI, CNG, LNG, इलेक्ट्रिक व्हीकलों को ही दिल्ली में एंट्री मिल पाएगी। दिल्ली पुलिस और टांसपोर्ट डिपार्टमेंट की संयुक्त टीमें दिल्ली से सटे बॉर्डर पर निगरानी करेंगी। हरियाणा की तरफ से आने वाले पुराने वाहनों को बॉर्डर से ही लौटा दिया जाएगा। सिर्फ जरूरी सामान लाने-ले जाने वाले गैर BS-VI वाहनों को जाने की परमिशन मिलेगी। इन वाहनों को यह छूट 31 अक्टूबर 2026 तक दी गई है। हालांकि सोनीपत में दिल्ली बॉर्डर पर अभी वाहनों को नहीं रोका जा रहा। हरियाणा में BS-6 से कम के मानकों वाले वाहनों की NCR में रोक को लेकर एक पब्लिक नोटिस जारी किया गया। हरियाणा ट्रांसपोर्ट कमिश्नर की ओर से जारी पब्लिक नोटिस में गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) के 23 अप्रैल 2025 को जारी आदेशों को पॉइंटवार लिखा है। नीचे 4 लाइन में एडवाइजरी लिखी है। जिसमें लिखा है- सभी स्टेक होल्डर्स, व्हीकल मालिक, ट्रांसपोर्टर ऑपरेटर, लॉजिस्टिक एजेंसी व इन्फोर्समेंट अथॉरिटीज को सलाह दी जाती है कि ऊपर दिए गए निर्देश की अनुपालना सुनिश्चित करें। टाइमलाइन का सख्ती से पालन हो। NCR में पड़ने वाले 14 जिलों में इन आदेशों को कैसे लागू करवाया जाना है, वाहनों पर रोक के क्या इंतजाम किए गए हैं, इसे लेकर सरकार की ओर से कोई आदेश जारी नहीं हुआ है। हरियाणा के ट्रांसपोर्ट कमिश्नर अतुल द्विवेदी का कहना है कि राज्य सरकार की और से केंद्र के द्वारा जारी डायरेक्शन को फॉलो करने के लिए ये व्यवस्था की गई है। इसे हम सख्ती से लागू करेंगे। अब जानिए दिल्ली से सटे हरियाणा के जिलों में क्या... गुरुग्राम DTO का दावा- हरियाणा के NCR जिलों में भी लागूगुरुग्राम के जिला परिवहन अधिकारी (DTO) और रीजनल ट्रांसपोर्ट अथॉरिटी (RTA) के सचिव परमजीत चहल का कहना है कि एक नवंबर यानी आज से दिल्ली में BS-VI से नीचे सभी परिवहन एवं कॉमर्शियल वाहनों (हल्के, मध्यम और भारी वाहनों) को एंट्री नहीं मिलेगी। यह प्रतिबंध दिल्ली के साथ-साथ अब हरियाणा के NCR में आने वाले जिलों में भी लागू कर दिया गया है। इसलिए शनिवार से ही इसकी निगरानी के लिए टीमें तैनात रहेंगी। हालांकि आवश्यक वस्तुएं जैसे दूध, सब्जियां, दवाइयां आदि एवं आवश्यक सेवाएं देने वाले गैर BS-VI वाहनों को 31 अक्टूबर 2026 तक अस्थायी छूट दी गई है। सभी वाहन मालिकों, परिवहन संचालकों, लॉजिस्टिक्स एजेंसियों और इन्फोर्समेंट अधिकारियों से अपील की है कि वे इन नियमों का सख्ती से पालन करें, ताकि NCR क्षेत्र में वायु गुणवत्ता में सुधार लाया जा सके और नागरिकों को स्वच्छ वायु का वातावरण मिल सके। इस संबंध में गुरुग्राम के सभी बड़े ट्रांसपोर्टरों को जानकारी भिजवाई जा रही है। सोनीपत में वाहन चालकों-ट्रांसपोर्टरों को जागरूक करने के निर्देशसोनीपत पुलिस ने भी दिल्ली में पुराने डीजल वाहनों की एंट्री पर रोक को लेकर प्रेस नोट जारी किया। सोनीपत पुलिस के प्रवक्ता ASI रविंद्र सिंह ने बताया कि इस संबंध में वाहन चालकों और ट्रांसपोर्टरों को जागरूक करने के निर्देश जारी किए हैं। सोनीपत ट्रैफिक पुलिस ने सभी थाना और ट्रैफिक इकाइयों को निर्देश दिए हैं कि वे इस आदेश की जानकारी ट्रांसपोर्टरों, ड्राइवरों और संबंधित संस्थाओं तक पहुंचाएं। इसका उद्देश्य आदेश का सख्ती से पालन सुनिश्चित करना है। आदेश का उल्लंघन करने वाले वाहनों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। आम जनता और वाहन मालिकों से अपील की गई है कि वे समय रहते अपने वाहनों को निर्धारित मानकों के अनुरूप कर लें ताकि किसी भी असुविधा से बचा जा सके। बहादुरगढ़ में प्रशासन ने कोई निर्देश जारी नहीं किएदिल्ली से सटे झज्जर जिले के बहादुरगढ़ में लोकल प्रशासन ने फिलहाल इसे लेकर कोई निर्देश जारी नहीं किए हैं। बहादुरगढ़ की फुटवियर इंडस्ट्रीज मशहूर हैं। यहां दिल्ली के कई कारोबारियों ने अपनी फैक्ट्रियां लगाई हुई हैं। इसके अलावा देश के अलग-अलग हिस्सों में यहां से माल सप्लाई होता है। बहादुरगढ़ में लगभग 10 ट्रांसपोर्ट यूनियनें हैं, जिनके पास करीब 7,000 माल ढोने वाली गाड़ियां हैं। इनमें से 25% BS -VI, 70% BS -IV और लगभग 5% BS -III गाड़ियां हैं। हरे कृष्णा ट्रेलर यूनियन के प्रधान राजेश दलाल के मुताबिक, पूरे प्रदेश में लगभग 8 लाख माल ढोने वाली गाड़ियां हैं, जिनमें 20% BS -3, 30% BS -4 और 50% BS -6 गाड़ियां हैं। नए नियम लागू होने से प्रदेश की लगभग 20% और बहादुरगढ़ की लगभग 5% गाड़ियों पर सीधा असर पड़ेगा। क्यों लिया गया फैसलादिल्ली में दिवाली से पहले 19 अक्टूबर को ग्रैप 2 की पाबंदियां लागू कर दी गई थीं। हर दिन हजारों ट्रक व कॉमर्शियल गाड़ियां दिल्ली NCR में सामान लेकर आती-जाती हैं। इनमें से करीब 40 प्रतिशत गाड़ियां जरूरी चीजें जैसे सब्जी, फल, दूध, अनाज व अन्य वस्तुएं लेकर आती हैं, लेकिन इनमें से ज्यादातर पुराने इंजन वाले ट्रक हैं जो काफी धुआं और प्रदूषण फैलाते हैं। बॉर्डर पर चेकिंग के दौरान इन गाड़ियों की वजह से लंबा ट्रैफिक जाम लग जाता है और ट्रक इंजन चलते रहने से धुएं का स्तर बढ़ जाता है। यही वजह है कि अब BS-VI से नीचे डीजल वाहनों पर प्रतिबंध लगाया गया है।