प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छत्तीसगढ़ के नए विधानसभा भवन के उद्घाटन के दौरान अपने भाषण में मुरिया दरबार का जिक्र किया। इस परंपरा की शुरुआत आज से 150 साल पहले हुई थी। आजादी से पहले रियासतकालीन बस्तर में दरबार लगता था, जिसमें आदिवासी समुदायों के मुखिया राजा के सामने अपनी समस्याएं रखते थे।