नोबेल पीस प्राइज नहीं मिलने पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक बार फिर रिएक्शन दिया है। व्हॉइट हाउस की तरफ से सोमवार को जारी एक ऑडियो क्लिप में ट्रम्प कहते हैं कि, मैंने अब तक 8 युद्ध रुकवाए हैं। ऐसा करना सम्मान की बात है। मैंने लाखों लोगों की जान बचाई। ट्रम्प आगे कहते हैं कि, अभी जो नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया यह 2024 के लिए चुना गया था। लेकिन कुछ लोग कह रहे थे कि मैं अपवाद बन सकता हूं क्योंकि मैंने जो जंग रुकवाई हैं वो सभी इस साल यानी 2025 के घटनाक्रम हैं, फिर भी मैंने यह नोबेल के लिए नहीं किया। मैंने यह जीवन बचाने के लिए किया। यही नहीं ट्रम्प ने आगे कहा, 'मैंने सुना है कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच भी युद्ध चल रहा है। मैंने कहा, उन्हें मेरे वापस आने तक इंतजार करना होगा। क्योंकि मैं युद्ध सुलझाने में माहिर हूं। दरअसल ट्रम्प गाजा सीजफायर समझौते के पहले चरण के तहत इजराइल गए हैं। वहां से मिस्र जाएंगे। रॉयटर्स के मुताबिक यह बैठक रेड सी के पास शर्म अल-शेख में होगी। इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प समेत 20 देशों के नेता शामिल होंगे। गाजा से 2 साल बाद इजराइली सैनिकों की वापसी गाजा सीजफायर समझौते के पहले चरण के तहत इजराइल की आर्मी आज 2 साल बाद गाजा से पीछे हटना शुरू करेगी। इसके बदले हमास सभी 48 इजराइली बंधकों को रिहा करेगा। इनमें 20 जीवित व्यक्ति और 28 शव शामिल हैं। उधर, मिस्र में आज गाजा युद्ध खत्म करने के समझौते पर चर्चा होगी। रॉयटर्स के मुताबिक यह बैठक रेड सी के पास शर्म अल-शेख में होगी। इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प समेत 20 देशों के नेता शामिल होंगे। इजराइली सेना ने शुक्रवार दोपहर तक गाजा से अपनी प्रारंभिक वापसी पूरी कर ली थी, जिसके बाद हमास को 72 घंटे का समय दिया गया है। यह सारी प्रोसेस ट्रम्प के 20 सूत्री सीजफायर प्लान के तहत हो रही है। इजराइली आर्मी दो स्टेज में पीछे हटेगी... भारत की ओर से विदेश राज्य मंत्री समिट में शामिल होंगे भारत की ओर से विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह (केवीएस) इस समिट में शामिल होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसके लिए निमंत्रण मिला था। अमेरिकी विदेश विभाग ने शिखर सम्मेलन के लिए कई देशों से संपर्क किया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका ने स्पेन, जापान, अजरबैजान, आर्मेनिया, हंगरी, अल सल्वाडोर, साइप्रस, ग्रीस, बहरीन, कुवैत और कनाडा सहित कई प्रमुख अंतरराष्ट्रीय साझेदारों को निमंत्रण भेजा है। ईरान को भी आमंत्रित किया गया है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ सोमवार को मिस्र में होने वाले इस शिखर सम्मेलन में भाग लेंगे। हमास हथियार छोड़ने को राजी नहीं हमास ने कहा कि गाजा का प्रशासन किसी फिलिस्तीनी समूह को सौंपने को तैयार है। इसका गठन फिलिस्तीन लोगों की सहमति और अरब-इस्लामिक देशों के समर्थन से किया जाएगा। हमास ने साफ किया है कि वह फिलिस्तीनी लोगों के भविष्य पर होने वाली चर्चा में शामिल होना चाहता है। संगठन ने कहा कि जनता के अधिकारों से जुड़े मुद्दे पर बहस हो। हमास के पोलित ब्यूरो मेंबर मूसा अबू मरजुक ने अल जजीरा से कहा कि जब तक गाजा पर इजराइली कब्जा खत्म नहीं हो जाता, वह हथियार नहीं छोड़ेगा। उन्होंने कहा कि हथियार के मुद्दे पर एक बार फिर से बातचीत होनी चाहिए। उन्होंने कहा, 'हम अपने हथियार भविष्य के फिलिस्तीनी राज्य को सौंप देंगे और जो भी गाजा पर शासन करेगा, उसके हाथ में हमारे हथियार होंगे।' गाजा की 98% खेती की जमीन बंजर दो सालों में गाजा की 98% खेती की जमीन बंजर हो गई है। अब सिर्फ 232 हेक्टेयर जमीन ही उपजाऊ बची है। यहां फिर से खेती शुरू करने में 25 साल लगेंगे। जंग की वजह से गाजा के 23 लाख लोगों में से 90% बेघर हो गए हैं। ये बिना पानी-बिजली के तंबुओं में रह रहे हैं और आधे से ज्यादा भुखमरी झेल रहे हैं। 80% इलाका मिलिट्री जोन बन चुका है। UN की रिपोर्ट के मुताबिक, गाजा में जमा 510 लाख टन मलबा हटाने में 10 साल और 1.2 ट्रिलियन डॉलर लग सकते हैं। 80% इमारतें तबाह हो गई हैं, जिससे 4.5 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है। 7 अक्टूबर 2023 को युद्ध शुरू हुआ था 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजराइल पर हमला किया, जिसमें 1,200 लोग मारे गए और 251 बंधक बना लिए गए। इजराइल ने जवाबी कार्रवाई में गाजा पर हमला किया, जिसमें 67,000 से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे गए। दो साल में लाखों लोग बेघर हुए, भुखमरी फैली। पहले दो सीजफायर हुए– 2023 में 70 बंधक छूटे और 2025 की शुरुआत में 33 इजराइली व 5 थाई बंधक। लेकिन युद्ध रुका नहीं।