अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने गुरुवार को 'ट्रम्प गोल्ड कार्ड' लॉन्च कर दिया। कार्ड की कीमत 1 मिलियन डॉलर (करीब 8.97 करोड़ रुपए) रखी गई है। हालांकि कंपनियों को 2 मिलियन डॉलर देना होगा। ट्रम्प ने इसी साल फरवरी में ‘गोल्ड कार्ड’ नाम से एक नए वीजा प्रोग्राम को शुरू करने का ऐलान किया था। हालांकि उस वक्त उन्होंने इसकी कीमत 5 मिलियन डॉलर (44 करोड़ भारतीय रुपए) रखी थी। बाद में इसे घटाकर 1 मिलियन डॉलर किया गया। गुरुवार को कार्ड लॉन्च करते हुए ट्रम्प ने कहा- मेरे और देश के लिए बहुत खुशी की बात है कि हमने अभी-अभी ट्रम्प गोल्ड कार्ड लॉन्च किया है। साइट लगभग 30 मिनट में लाइव हो जाएगी। सारा पैसा यूनाइटेड स्टेट्स सरकार के पास जाएगा। यह हमारे देश में किसी बेहतरीन व्यक्ति को लाने का एक तोहफा है। दूसरी बात यह है कि इससे सरकारी खजाने में अरबों डॉलर रुपए आएंगे। ग्रीन कार्ड के जैसे स्पेशल राइट मिलेंगे गोल्ड वीजा कार्ड नागरिकों को ग्रीन कार्ड जैसा स्पेशल राइट देगा। अमेरिका में स्थायी तौर पर रहने के लिए ग्रीन कार्ड की जरूरत होती है। इसके लिए EB-1, EB-2, EB-3, EB-4 वीजा प्रोग्राम हैं, लेकिन EB-5 वीजा प्रोग्राम सबसे ज्यादा बेहतर है। यह 1990 से लागू है। इसमें शख्स किसी रोजगार देने वाले नियोक्ता से नहीं बंधे होते हैं और अमेरिका में कहीं भी रहकर काम या फिर पढ़ाई कर सकते हैं। इसे हासिल करने में 4 से 6 महीने लगते हैं। EB-4 वीजा प्रोग्राम का मकसद विदेशी निवेश हासिल करना है। इसमें लोगों को किसी ऐसे बिजनेस में 1 मिलियन डॉलर का निवेश करना होता है, जो कम से कम 10 नौकरियां पैदा करता हो। यह वीजा प्रोग्राम निवेशक, उसकी पति या पत्नी और 21 साल के कम उम्र के बच्चों को अमेरिकी स्थायी नागरिकता देते हैं। ट्रम्प गोल्ड कार्ड से जुड़े सवाल-जवाब... गोल्ड कार्ड क्या है?गोल्ड कार्ड एक नया वीजा / रेसिडेंसी प्रोग्राम है, जिसे डोनाल्ड ट्रम्प ने पेश किया है। यह अमेरिका में लंबे समय तक रहने, काम करने और नागरिकता (US citizenship) पाने का एक विकल्प है। यह कार्ड किसको मिलेगा?पारंपरिक वीजा या “ग्रीन कार्ड” (Green Card) से अलग यह प्रोग्राम खासतौर से अमीरों, इन्वेस्टर्स, बिजनेसमैन या टैलेंटेड प्रोफेशनल के लिए बनाया गया है। कार्ड की कितनी फीस देनी होगी?इंडिविजुअल के लिए $1 मिलियन और कंपनियों के लिए $2 मिलियन की फीस तय की गई है। इसके अतिरिक्त, आवेदन-प्रक्रिया के दौरान अलग से फीस देनी होगी। गोल्ड कार्ड से क्या फायदा होगा?इस प्रोग्राम की सबसे बड़ी 'बिक्री पॉइंट' यह है कि फीस के बदले आवेदनकर्ता को अमेरिका में नागरिकता का मौका मिलेगा। ग्रीन कार्ड से कितना अलग है?जैसा कि अमेरिका में ग्रीन कार्ड पाने की प्रक्रिया (कागजी कार्रवाई, पात्रता, इंतजार आदि) काफी लंबी होती है। गोल्ड कार्ड में सबकुछ आसान है। भारतीयों को क्या फायदा मिलेगा?अमेरिका का ग्रीन कार्ड पाना भारतीयों के लिए सबसे मुश्किल और लंबी प्रक्रिया है। कई बार 10–15 साल तक इंतजार करना होता है। गोल्ड कार्ड में आसान प्रक्रिया है। ---------------- ये खबर भी पढ़ें... AI तय करेगा कौन जिंदा रहेगा, कौन मरेगा: अमेरिका-चीन की AI रेस से दुनिया खतरे में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की मुलाकात के दौरान एक अजीब घटना हुई। लंच के बाद जब दोनों नेता उठकर जाने लगे, तो जिनपिंग के एक करीबी अधिकारी ने उनके बॉडीगार्ड को इशारा किया। बॉडीगार्ड ने अपनी जेब से एक छोटी बोतल निकाली और तेजी से उन सभी चीजों पर स्प्रे कर दिया जिन्हें जिनपिंग ने छुआ था। पूरी खबर पढ़ें