सवाल- मैं लखनऊ से हूं। मेरा 5 साल का बेटा बहुत सवाल पूछता है। दिनभर किसी न किसी चीज को लेकर उत्सुक रहता है। जैसेकि ‘आसमान नीला क्यों है?‘, ‘चींटियां लाइन में क्यों चलती हैं?‘, ‘पापा ऑफिस क्यों जाते हैं?‘। शुरू में मुझे उसकी जिज्ञासा प्यारी लगती थी, लेकिन अब वह बार-बार वही सवाल दोहराता है और तुरंत जवाब न मिलने पर नाराज हो जाता है। मैं उसकी सीखने की इच्छा को दबाना नहीं चाहती, लेकिन कभी-कभी मैं जवाब देते-देते थक जाती हूं और गुस्से से डांट देती हूं। इससे वह चुप तो हो जाता है, लेकिन मैं उसे कैसे प्रोत्साहित करूं कि वह खुद भी जवाब ढूंढे? कृपया बताएं कि मैं उसकी जिज्ञासा को संतुलित ढंग से कैसे मैनेज करूं। एक्सपर्ट: डॉ. अमिता श्रृंगी, साइकोलॉजिस्ट, फैमिली एंड चाइल्ड काउंसलर, जयपुर जवाब- मैं आपकी परेशानी समझ सकती हूं, लेकिन अगर आप बच्चे के सवाल पूछने से परेशान हो रही हैं। इसका मतलब है कि आप कमजोर हैं, आपकी बॉडी में जरूरी न्यूट्रिएंट्स की कमी हो सकती है, आप अनहैप्पी हो सकती हैं, आपके ऊपर बहुत ज्यादा काम का प्रेशर हो सकता है। आप इतना ज्यादा ड्रेन्ड हैं कि बच्चे के सवाल का जवाब देने के लिए आपके पास एनर्जी नहीं बची है। यह दर्शाता है कि आपको अपनी फिजिकल और मेंटल हेल्थ पर ध्यान देने की जरूरत है। आपको ये समझने की जरूरत है कि जिज्ञासा ही बच्चों में सीखने और सोचने की नींव रखती है। बार-बार सवाल पूछना इसी का संकेत है। ऐसे बच्चे ऑब्जर्वेंट और जिज्ञासु होते हैं, लेकिन अगर पेरेंट्स थकान या झुंझलाहट दिखा दें तो धीरे-धीरे उनकी क्यूरियोसिटी दबने लगती है। इसलिए सबसे पहले ये समझना जरूरी है कि यह कोई प्रॉब्लम नहीं, बल्कि सीखने का नेचुरल प्रोसेस है। बच्चे के सवाल पूछने पर परेशान होने के संभावित कारण आपने सवाल में अपना बैकग्राउंड तो नहीं बताया है, लेकिन हो सकता है कि आपके पास वर्कलोड ज्यादा हो, कोई इमोशनल सपोर्ट न हो। इस वजह से बच्चे के सवालों के जवाब देने में झुंझला जाती हैं। हर पेरेंट हमेशा धैर्यवान या एनर्जेटिक नहीं रह सकता है। अगर आपको लगता है कि बच्चे के लगातार सवालों से आप थक जाती हैं या झुंझला जाती हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि आप बुरी पेरेंट हैं। यह आपकी थकान, ओवरलोड वर्क या इमोशनल गैप का संकेत हो सकता है। कई बार हम बच्चे के सवालों पर गुस्सा करते हैं, जबकि असल में हम खुद को हैंडल नहीं पा रहे होते हैं। ऐसे में सबसे पहले तो उन कारणों को आइडेंटिफाई करें कि आखिर बच्चे के सवालों पर आपको इरिटेशन क्यों होता है। इन कारणों को समझने के बाद आप इस समस्या को आसानी से हल कर सकती हैं। बच्चे सवाल क्यों पूछते हैं? कई स्टडीज बताती हैं कि 4 साल के बच्चे एक दिन में करीब 200 से 300 सवाल पूछते हैं। अमेरिकन लेखक वॉरेन बर्गर अपनी किताब ‘ए मोर ब्यूटीफुल क्वेश्चन’ में बताते हैं कि 2 से 5 साल की उम्र के बीच बच्चे औसतन 40,000 सवाल पूछते हैं। बर्गर ने यह भी बताया है कि जैसे-जैसे बच्चे स्कूल जाने लगते हैं, उनके सवाल पूछने की संख्या घटने लगती है। हालांकि सवाल पूछना सीखने की प्रक्रिया का जरूरी हिस्सा है। यह वह चीज है, जो बच्चे स्वाभाविक रूप से करते हैं। इसके कई बेनिफिट्स भी होते हैं। बच्चों के सवालों के जवाब न देने के नुकसान कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी की एक स्टडी बताती है कि जो बच्चे खुलकर सवाल पूछते हैं, उनमें क्रिटिकल थिंकिंग, क्रिएटिविटी और प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स तेजी से डेवलप होते हैं। वहीं जब पेरेंट्स बच्चे के सवालों के जवाब नहीं देते तो इससे बच्चे को नुकसान होता है। ऐसा बार-बार होने पर वह सवाल पूछना बंद कर देता है, खुद में सिमट जाता है या दूसरों से वैलिडेशन ढूंढने लगता है। यह आत्मविश्वास, इमोशनल सिक्योरिटी और सीखने की इच्छा तीनों को कमजोर कर देता है। इसके कई और नुकसान भी हो सकते हैं। खुद के लिए भी समय निकालना जरूरी कभी-कभी बच्चे के सवाल, उनकी आवाजें, उनका ध्यान खींचने का तरीका बहुत ओवरवेल्मिंग लग सकता है। इसका मतलब यह नहीं कि आप बुरी मां हैं। इसका मतलब है कि आप थक चुकी हैं और आपको रुककर खुद को संभालने की जरूरत है। आप भी इंसान हैं, आपके भी इमोशन, थकान और सीमाएं हैं। तो पहले खुद को रिस्टोर करें, तभी आप बच्चे के दिल तक पहुंच पाएंगी। इस समय आपको कुछ चीजों की जरूरत है। अंत में यही कहूंगी कि जब आपका बच्चा बार-बार सवाल पूछता है तो वह सिर्फ जवाब नहीं, बल्कि दुनिया को समझने का रास्ता खोज रहा होता है। हर क्या और क्यों के पीछे उसकी सीखने की जिज्ञासा और सोचने की क्षमता छिपी होती है। अगर आप उसे डांटकर या नजरअंदाज करके रोक देते हैं तो उसकी सोच सीमित हो जाती है। वहीं अगर आप उसे सुनते हैं, दिशा देते हैं और थोड़ा धैर्य दिखाते हैं तो वही सवाल उसकी कल्पना, आत्मविश्वास और समझ की उड़ान बन जाते हैं। याद रखिए सारे काम को छोड़कर बच्चे के सवालों के हमेशा समुचित जवाब दें। थोड़ा धैर्य यही उसे जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा। .......................... पेरेंटिंग से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए पेरेंटिंग- 5 साल का बेटा रात में सोता नहीं: 12 बजे तक जागता रहता है, दिख रही थकान, चिड़चिड़ाहट, उसका स्लीप साइकल कैसे सुधारें इस उम्र में बच्चे फिजिकली और मेंटली दोनों रूप से बहुत तेजी से ग्रोथ कर रहे होते हैं। पर्याप्त नींद न मिलने से बच्चे के मूड, अटेंशन और इम्यून सिस्टम पर नेगेटिव प्रभाव पड़ता है। इस समस्या के समाधान को जानने से पहले इसके कारणों को आइडेंटिफाई करें। पूरी खबर पढ़िए...