कुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश विजय सिंह कावछा की अदालत ने अपने एक आदेश में साफ किया कि अपनी मर्जी से अलग रहने वाली पत्नी भरण-पोषण की हकदार नहीं है। जबलपुर निवासी संदीप यादव की ओर से अधिवक्ता अपूर्व त्रिवेदी ने पक्ष रखा।