भारतवंशी ममदानी ने न्यूयॉर्क मेयर का चुनाव जीता:50% से ज्यादा वोट मिले; 100 साल में सबसे युवा और पहले मुस्लिम मेयर होंगे

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भारतीय मूल के डेमोक्रेट पार्टी के उम्मीदवार जोहरान ममदानी ने अमेरिकी शहर न्यूयॉर्क के मेयर का चुनाव जीत लिया है। उन्हें 50% से ज्यादा वोट मिले हैं। ममदानी पिछले 100 सालों में न्यूयॉर्क के सबसे युवा, पहले भारतवंशी और पहले मुस्लिम मेयर होंगे। टेस्ला के CEO इलॉन मस्क और राष्ट्रपति ट्रम्प ने लगातार ममदानी के खिलाफ प्रचार किया था। ट्रम्प ने धमकी दी थी कि अगर ममदानी जीते तो वे न्यूयॉर्क की फंडिंग रोक देंगे, वहीं मस्क ने क्यूमो का सपोर्ट करते हुए सोशल मीडिया पर कैंपेन चला कर ममदानी का नाम गलत लिखा। वोटिंग डे पर जोहरान ममदानी की 3 तस्वीरें... जीतने के लिए 50% वोट जरूरी न्यूयॉर्क सिटी में रैंक चॉइस वोटिंग सिस्टम लागू है। इसमें वोटर तीनों उम्मीदवारों को पसंद के क्रम में रैंक कर सकता है (1, 2, 3)। अगर किसी को पहली पसंद में 50% वोट नहीं मिलते, तो सबसे कम वोट पाने वाला बाहर हो जाता है और उसके वोट दूसरी पसंद के आधार पर बांटे जाते हैं। यह तब तक चलता है जब तक कोई उम्मीदवार 50% से ज्यादा वोट नहीं पाता। न्यूयॉर्क मेयर पद के लिए 3 दावेदार ममदानी की जीत के रास्ते में 2 लोग खड़े थे। न्यूयॉर्क के पूर्व गवर्नर एंड्रू कुओमो खुद भी डेमोक्रेटिक पार्टी से हैं, लेकिन निर्दलीय चुनाव लड़ रहे थे। कुओमो का कहा था कि ममदानी की नीतियां इतनी खतरनाक हैं कि अगर वे जीते तो शहर में चल रहे बिजनेस तबाह हो जाएंगे। इसके जवाब में ममदानी उन्हें ‘ट्रम्प की कठपुतली’ करार दिया था। ममदानी के दूसरे विरोधी रिपब्लिकन उम्मीदवार कर्टिस स्लिवा था। वे ममदानी और कुओमो दोनों को शहर के विकास का विरोधी बता चुके हैं। पिछले महीने हुई डिबेट में सिल्वा ने दोनों पर तंज कसा, “जोहरान तुम्हारा रिज्यूमे एक नैपकिन में समा जाएगा और एंड्रयू तुम्हारी नाकामियां इतनी हैं कि पूरी लाइब्रेरी भर जाएगी।” वर्जीनिया में ट्रम्प की पार्टी हारी, पहली बार महिला गवर्नर बनीं अमेरिकी राज्य वर्जीनिया में डेमोक्रेट उम्मीदवार अबीगेल स्पैनबर्गर ने गवर्नर चुनाव जीत लिया है। वह राज्य की पहली महिला गवर्नर बनी हैं। उनका मुकाबला रिपब्लिकन नेता विंसम अर्ल-सीयर्स से था। स्पैनबर्गर की जीत की पुष्टि मंगलवार रात मतदान खत्म होने के बाद हुई। वोटों की गिनती में शुरू से ही वे आगे रहीं। स्पैनबर्गर पूर्व CIA अधिकारी और तीन बार की कांग्रेस सदस्य हैं। वे अगले साल जनवरी में पद संभालेंगी और वर्जीनिया की पहली महिला गवर्नर बनेंगी। अब तक 74 पुरुष इस पद पर रह चुके हैं। स्पैनबर्गर का प्रचार पूरी तरह ट्रम्प विरोधी रहा। उन्होंने वादा किया कि वर्जीनिया को ट्रम्प प्रशासन की नीतियों से होने वाले नुकसान से बचाया जाएगा। उन्होंने कहा था, मैं वाशिंगटन से आने वाली अव्यवस्था के बीच वर्जीनिया के लिए मजबूती से खड़ी रहूंगी। उनकी विरोधी सीयर्स ने खुद को ट्रम्प समर्थक दिखाने की कोशिश की, लेकिन उन्हें ज्यादा फंडिंग या समर्थन नहीं मिला। चुनाव के अंतिम दिनों में ट्रम्प ने सिर्फ मामूली समर्थन दिया। म्यूजिक ने रिबेल बनाया, फिर राजनीति में उतरे ममदानी ममदानी राजनीति में आने से पहले हिप-हॉप रैपर थे। उनका सबसे मशहूर गाना 'कांडा' था, जो युगांडा में वायरल हुआ। इस गाने में युगांडा की राजधानी कम्पाला की जिंदगी और युवाओं की चुनौतियों को दिखाया गया था। ममदानी कहते हैं कि संगीत के जरिए उन्होंने पहली बार महसूस किया कि समाज में असमानता और पहचान की राजनीति पर आवाज उठाना जरूरी है। कॉलेज से निकलने के बाद ममदानी क्वींस चले गए। यहां उन्होंने प्रवासियों, किराएदारों और ब्लैक लाइव्स मैटर जैसे आंदोलनों में हिस्सा लिया। इसी दौरान साल 2017 में ममदानी ने डेमोक्रेटिक पार्टी के साथ अपनी राजनीति की शुरुआत की। 2020 में वो न्यूयॉर्क स्टेट असेंबली के लिए चुने गए। 2022 और 2024 में उन्हें निर्विरोध जीत मिली। अपने कार्यकाल के दौरान ममदानी ने ऐसे मुद्दे उठाए जो सीधे आम लोगों से जुड़े थे। इससे उन्हें खूब पॉपुलैरिटी मिली। उन्होंने किफायती आवास को न्यूयॉर्क के हर लोगों का अधिकार बताया। पब्लिक ट्रांसपोर्ट को मुफ्त करने की मांग की और न्यूनतम वेतन को 30 डॉलर प्रति घंटा (करीब ₹2,578) करने का प्रस्ताव रखा। अब तक ममदानी ने विधानसभा में 20 विधेयकों का समर्थन किया है, जिनमें से 3 कानून के रूप में पारित हो चुके हैं। इनमें से एक बिल किराए पर रोक (रेंट कैप) को लेकर था, जिसने शहर के मध्यवर्गीय और प्रवासी इलाकों में उन्हें काफी लोकप्रिय बना दिया। इस साल की शुरुआत में उन्होंने सीरियाई-अमेरिकी कलाकार रमा दुवाजी से शादी की। दोनों की मुलाकात डेटिंग एप हिंज पर हुई थी। ममदानी के 4 बड़े चुनावी वादे 1. घरों का किराया फ्रीज करना, ताकि किराएदारों पर महंगाई का बोझ न बढ़े। 2. सभी के लिए फ्री बस सर्विस, कामकाजी तबका और छात्रों को राहत मिले। 3. सरकारी किराना दुकानें खोलना, ताकि जरूरी चीजें किफायती दामों पर मिलें। 4. बच्चों के लिए मुफ्त डे-केयर सुविधा, जिससे कामकाजी परिवारों को राहत मिले। ममदानी को पागल कम्युनिस्ट बता चुके ट्रम्प ममदानी का चुनावी एजेंडा सीधा आम लोगों की जेब और उनके रोजमर्रा के जीवन से जुड़ा है। वे वादा कर रहे हैं कि न्यूयॉर्क को ऐसा शहर बनाया जाएगा जहां हर व्यक्ति सम्मानजनक और सुरक्षित जीवन जी सके। ममदानी का कहना है कि इन योजनाओं के लिए फंडिंग बड़े कॉर्पोरेशंस और शहर के अमीर तबके पर नए टैक्स लगाकर की जाएगी। उनका अनुमान है कि इससे करीब 9 अरब डॉलर जुटाए जा सकते हैं। इन टैक्सों के लिए ममदानी को न्यूयॉर्क स्टेट असेंबली और गवर्नर कैथी होचुल का समर्थन चाहिए होगा। गवर्नर ने उनका समर्थन तो किया है, लेकिन कहा है कि वे इनकम टैक्स बढ़ाने के पक्ष में नहीं हैं। हालांकि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प उनकी नीतियों से खुश नहीं दिखते। वे जोहरान ममदानी को पागल कम्युनिस्ट करार दे चुके हैं। वे कह चुके हैं कि अगर ममदानी जीते तो वे शहर की फंडिंग रोक देंगे। ममदानी के वादों से अमीर बिजनेसमैन परेशान ममदानी के वादों से शहर के कारोबारी भी परेशान हैं। जब जून में उन्होंने डेमोक्रेटिक प्राइमरी जीती, तो वॉल स्ट्रीट में चिंता बढ़ गई थी। कई कारोबारियों ने शहर छोड़ने की धमकी तक दे दी थी। कुछ बिजनेसमैन ने कहा था कि न्यूयॉर्क अब बर्बाद होने से बस एक कदम दूर है। ममदानी खुद को ‘डेमोक्रेटिक सोशलिस्ट’ कहते हैं, यानी वे कॉर्पोरेट्स के बजाय आम लोगों की नीतियों के पक्षधर हैं। ट्रम्प ने धमकी दी है कि अगर न्यूयॉर्क वालों ने एक ‘कम्युनिस्ट’ को चुना तो शहर की फंडिंग रोक दी जाएगी। ममदानी डेमोक्रेटिक पार्टी के वामपंथी धड़े (DSA) से जुड़े हैं। यह गुट बड़ी कंपनियों, अरबपतियों और डेमोक्रेटिक पार्टी की पारंपरिक नीतियों का विरोधी है। अगर ममदानी जीतते हैं तो यह सिस्टम के अंदर रहकर सिस्टम को चुनौती देने वाली जीत मानी जाएगी। दुनिया का सबसे ताकतवर शहर न्यूयॉर्क न्यूयॉर्क सिटी को अमेरिका का दिल कहा जाता है। यहां का मेयर होना सिर्फ एक शहर का मुखिया बनना नहीं है, बल्कि यह अमेरिका की सबसे प्रभावशाली राजनीतिक कुर्सियों में से एक पर बैठने जैसा है। यही वजह है कि इस चुनाव पर दुनियाभर की निगाहें हैं। न्यूयॉर्क की सालाना GDP करीब 2.3 ट्रिलियन डॉलर है। यानी कि अकेला न्यूयॉर्क सिटी, पूरे भारत की GDP के आधे से भी ज्यादा है। न्यूयॉर्क का मेयर शहर के प्रशासन, पुलिस, ट्रांसपोर्ट, हाउसिंग, एजुकेशन और हेल्थ सिस्टम पर कंट्रोल रखता है। चुनाव जीते तो शहर के 111वें मेयर होंगे ममदानी न्यूयॉर्क सिटी का अपना अलग बजट (100 अरब डॉलर से ज्यादा) और नियम-कानून हैं। मेयर तय करते हैं कि टैक्स का पैसा कहां खर्च होगा, कौन-सी नीतियां लागू होंगी, और शहर किस दिशा में बढ़ेगा। यानी कि यह एक मिनी-प्रधानमंत्री जैसा रोल है। न्यूयॉर्क सिटी को अमेरिका की आर्थिक राजधानी कहा जाता है। यहां वॉल स्ट्रीट है, दुनिया की मीडिया कंपनियां हैं और संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय भी यहीं है। इसलिए मेयर के फैसले सिर्फ शहर नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर असर डालते हैं। न्यूयॉर्क सिटी के मेयर अक्सर राष्ट्रीय राजनीति के बड़े चेहरे बन जाते हैं। माइकल ब्लूमबर्ग राष्ट्रपति पद तक पहुंचे और रूडी गिउलियानी 9/11 के बाद राष्ट्रीय नायक बने।