कार्तिक पूर्णिमा शुभ मुहूर्त के दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का संहार किया था। इस विजय से प्रसन्न होकर देवताओं ने उनकी स्तुति की और भगवान विष्णु ने उन्हें ‘त्रिपुरारी’ नाम से संबोधित किया।