बस्तर के अबूझमाड़ क्षेत्र में माओवादियों का आतंक खत्म होने के बाद भी प्रशासन मूलभूत सुविधायों प्रदान नहीं कर रहा था। ग्रामाणी इलाके में सड़क की मांग कर रहे थे, लेकिन सरकारी स्तर पर सुनवाई नहीं हुई। ऐसे में 3 ग्राम पंचायतों के ग्रामीण स्वयं सड़क बनाने निकल पड़े और 12 किमी लंबी सड़क बनाने में जुट गए हैं।