जरूरत की खबर- जल्दबाजी में खड़े-खड़े खाते हैं खाना:तो हो सकते हैं ये 9 नुकसान, डाइटीशियन से जानें हेल्दी ईटिंग के 12 नियम

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आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों के पास चैन से बैठकर खाना खाने तक का समय नहीं है। ऑफिस में जल्दबाजी में लंच ब्रेक, सड़क पर चलते-फिरते स्नैक्स या घर पर टीवी देखते हुए खड़े होकर नाश्ता करना, ये सब अब आम बात हो गई है। पिछले कुछ सालों में शादी और पार्टियों में भी खड़े होकर खाने का ट्रेंड तेजी से बढ़ा है, जिसे लोग सुविधा और स्टाइल दोनों का हिस्सा मानने लगे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि खाने की यह ‘स्टैंडिंग पोजिशन’ हमारे पाचन तंत्र और सेहत पर सीधा असर डाल सकती है। साल 2021 में, नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में पब्लिश एक रिव्यू एंड मेटा-एनालिसिस रिपोर्ट के मुताबिक, खड़े होकर खाने या तेज खाने की आदत मेटाबोलिक सिंड्रोम के जोखिम को 54% तक बढ़ा देती है। यह आदत इंसुलिन रेजिस्टेंस को बढ़ाती है, जिससे डायबिटीज, मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ता है। तो चलिए, आज की जरूरत की खबर में हम इस बारे में विस्तार से बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट: डॉ. पूनम तिवारी, सीनियर डाइटीशियन, डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ सवाल- खड़े होकर खाने से हमारी सेहत पर क्या असर पड़ता है? जवाब- सीनियर डाइटीशियन डॉ. पूनम तिवारी बताती हैं कि खड़े होकर खाने से भोजन तेजी से पेट में चला जाता है, जिससे पाचन एंजाइम्स को उसे तोड़ने का पर्याप्त समय नहीं मिलता और कभी-कभी गैस, एसिडिटी या ब्लोटिंग जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा खड़े होकर खाने के दौरान व्यक्ति अक्सर जल्दी-जल्दी और जरूरत से ज्यादा खा लेता है, जिससे ओवरईटिंग और अपच की संभावना बढ़ती है। अगर यह आदत लंबे समय तक बनी रहे तो आंतों पर दबाव बढ़ने और पोषक तत्वों के अवशोषण में कमी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। नीचे दिए गए ग्राफिक से खड़े होकर खाने के नुकसान को समझिए- सवाल- पाचन तंत्र सही रखने के लिए खाने के दौरान क्या सावधानियां बरतनी जरूरी हैं? जवाब- डॉ. पूनम तिवारी बताती हैं कि हम कब, क्या और कैसे खाते हैं, पाचन तंत्र को दुरुस्त रखने में इन तीनों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। सही समय, शांत माहौल और संतुलित मात्रा में भोजन करने से पाचन बेहतर होता है और शरीर पोषक तत्वों को ठीक से अवशोषित कर पाता है। नीचे दिए ग्राफिक से हेल्दी ईटिंग के कुछ आसान नियमों को समझिए- सवाल- क्या खाना खाते समय चलना सही है? जवाब- चलते हुए खाने पर शरीर का ध्यान भोजन पर पूरी तरह केंद्रित नहीं रहता है। इससे माइंडफुल ईटिंग नहीं हो पाती और ओवरईटिंग या अपच की समस्या हो सकती है। साथ ही चलने के दौरान शरीर की गति से पाचन एंजाइम्स का संतुलन बिगड़ता है, जिससे भोजन ठीक से पच नहीं पाता है। वहीं खाना खाने के कुछ देर बाद हल्की वॉक करना पाचन को बेहतर बनाने, ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल रखने और हार्ट हेल्थ के लिए फायदेमंद माना जाता है। सवाल- किस पोजिशन में भोजन करना सबसे बेहतर होता है? जवाब- डॉ. पूनम तिवारी बताती हैं कि बैठकर सीधी मुद्रा में भोजन करना सबसे सुरक्षित और पाचन के लिए बेस्ट तरीका है। इस स्थिति में पेट पर दबाव नहीं पड़ता, भोजन धीरे-धीरे पचता है और एंजाइम्स ठीक से काम करते हैं। फर्श पर पालथी मारकर या कुर्सी पर सीधा बैठकर खाना खाने से ब्लड सर्कुलेशन संतुलित रहता है, जिससे पाचन और पोषक तत्वों का अवशोषण बेहतर होता है। सवाल- खाना खाने के बाद अक्सर नींद क्यों आती है? जवाब- खाना खाने के बाद नींद आना एक आम अनुभव है, जिसे आमतौर पर ‘फूड कोमा’ कहा जाता है। इसके पीछे शरीर की कई चीजें जिम्मेदार होती हैं। जैसेकि- हैवी डाइट: अगर भोजन में कार्बोहाइड्रेट और फैट की मात्रा ज्यादा हो तो उसे पचाने में ज्यादा एनर्जी लगती है, जिससे शरीर थकान महसूस करता है और नींद आने लगती है। ब्लड सर्कुलेशन में बदलाव: खाने के बाद शरीर का ज्यादा ब्लड फ्लो पाचन तंत्र की ओर चला जाता है, जिससे ब्रेन को कम ऑक्सीजन और ऊर्जा मिलती है। इससे हल्की नींद महसूस होती है। हॉर्मोनल असर: भोजन के बाद शरीर में कुछ प्रोटीन और हाॅर्मोन (जैसे ट्रिप्टोफैन और सेरोटोनिन) एक्टिव हो जाते हैं, जो रिलैक्सेशन और नींद की भावना को बढ़ाते हैं। शुगर स्पाइक और क्रैश: भोजन के बाद ब्लड शुगर पहले तेजी से बढ़ता है और फिर अचानक गिरता है, जिससे सुस्ती और नींद का एहसास होता है। इसलिए डॉक्टर हमेशा भोजन हल्का और संतुलित मात्रा में करने की सलाह देते हैं। सवाल- आमतौर पर भोजन पचने में कितना समय लगता है? जवाब- आमतौर पर भोजन को पूरी तरह पचने में 6 से 8 घंटे का समय लगता है, लेकिन यह समय भोजन के प्रकार और व्यक्ति की पाचन क्षमता पर निर्भर करता है। हल्का भोजन (जैसे फल, सलाद, दाल-सूप आदि) लगभग 2 से 3 घंटे में पच जाता है। मीडियम भोजन (जैसे रोटी, सब्जी, चावल आदि) को 4 से 6 घंटे लगते हैं। वहीं हैवी या तला-भुना भोजन (जैसे नॉनवेज, फ्राइड या फैटी फूड) को पचने में 8 घंटे या उससे ज्यादा भी लग सकते हैं। इसलिए रात का खाना हल्का और सोने से कम-से-कम 3-4 घंटे पहले लेना, पाचन और नींद दोनों के लिए बेहतर माना जाता है। ....................... जरूरत की ये खबर भी पढ़िए जरूरत की खबर- सफेद या सेंधा नमक: सेहत के लिए क्या ज्यादा फायदेमंद, रोज कितना खाएं, किसे नहीं खाना चाहिए, बता रही हैं डाइटीशियन सेंधा नमक एक प्राकृतिक, अनप्रोसेस्ड नमक है, जिसमें कई जरूरी मिनरल्स पाए जाते हैं। यह शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स का संतुलन बनाए रखने, पाचन सुधारने और एनर्जी लेवल को स्थिर रखने में मदद करता है। पूरी खबर पढ़िए...