मेंटल हेल्थ– बॉस टॉक्सिक है– ‘आय हेट माय जॉब’:रोज दिल करता है नौकरी छोड़ दूं, लेकिन जॉब की सख्त जरूरत भी है, मैं क्या करूं

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सवाल– मेरी उम्र 27 साल है और मैं दिल्ली में एक प्राइवेट डेटा फर्म में काम करती हूं। मेरी प्रॉब्लम ये है कि "आय हेट माय जॉब।" रोज सुबह उठकर ऑफिस जाना किसी वॉर जोन में जाने की तरह होता है। मेरा बॉस बहुत टॉक्सिक और मैनिपुलेटिव इंसान है। उसकी वजह से पूरे ऑफिस का माहौल भी बहुत टॉक्सिक होता है। मैं रोज सोचती हूं कि जॉब छोड़ दूं, लेकिन हिम्मत नहीं होती। मैं घर से फाइनेंशियली मजबूत नहीं हूं और जॉब मेरे लिए बहुत जरूरी है। लेकिन रोज-रोज इतने टॉक्सिक माहौल में काम करने से मेरी मेंटल हेल्थ पर भी बुरा असर पड़ रहा है। मैं बहुत डिप्रेस्ड और लो फील करती हूं। मैं क्या करूं? एक्सपर्ट– डॉ. द्रोण शर्मा, कंसल्टेंट साइकेट्रिस्ट, आयरलैंड, यूके। यूके, आयरिश और जिब्राल्टर मेडिकल काउंसिल के मेंबर। सवाल पूछने के लिए शुक्रिया। आपका सवाल बिल्कुल वाजिब है। वर्कप्लेस का माहौल हेल्दी होना हमारी मेंटल और फिजिकल हेल्थ के लिए बहुत क्रिटिकल या यूं कह लें कि एकदम बुनियादी है। हम अपनी जिंदगी का एक बड़ा हिस्सा दफ्तर में गुजारते हैं। ऐसे में अगर हम वहां सुरक्षित महसूस नहीं करते, हमें नहीं लगता कि हमारे काम की सराहना हो रही है, हम लगातार तनाव में रहते हैं तो लॉन्ग टर्म में ये स्थितियां मानिसक स्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंचा सकती हैं। तो चलिए, हम आपकी स्थिति को समझने के साथ-साथ इस पर विचार करते हैं कि अपनी मदद कैसे की जाए। 1. समस्या की पहचान आपने अपने सवाल में जो लक्षण बताए हैं, उसका अर्थ सिर्फ ये नहीं है कि मुझे अपना ऑफिस या काम पसंद नहीं है। यह "वर्कप्लेस बर्नआउट" या "एडजेस्टमेंट डिसऑर्डर विद डिप्रेस्ड मूड" का संकेत हो सकता ह। इसका अर्थ है कि जब कोई व्यक्ति निरंतर नकारात्मक या अपमानजनक माहौल में रहने के कारण भावनात्मक रूप से थक जाता है। 2. टॉक्सिक वर्क एनवायर्नमेंट क्या है? टॉक्सिक वर्कप्लेस वो है, जहां लगातार नकारात्मकता, डर, पक्षपात और असम्मान का माहौल रहता है। यहां बॉस या कुछ सहकर्मी दूसरों को कंट्रोल करते हैं और आलोचना के जरिए उन पर अपना दबदबा बनाकर रखते हैं। एक ऐसा वर्कप्लेस, जहां हर कोई समानता और बराबरी का अनुभव नहीं करता। उन्हें हमेशा यह महसूस होता है कि उनके साथ पक्षपात और मैनिपुलेशन हो रहा है। ऐसे माहौल में व्यक्ति धीरे-धीरे अपनी आवाज खो देता है। उसका आत्मविश्वास घटता है और हर दिन एक मानसिक युद्ध जैसा लगने लगता है। जैसाकि आपने भी अपने सवाल में कहा है कि आपके लिए ऑफिस जाना रोज किसी वॉर जोन में जाने की तरह है। इस तरह का माहौल “साइकोलॉजिकल हेजार्ड” कहलाता है और यह मानसिक स्वास्थ्य पर सीधा असर डालता है। लंबे समय तक ऐसा तनाव एंग्जाइटी, डिप्रेशन, इंसोम्निया, बर्नआउट और कई शारीरिक समस्याओं का कारण बन सकता है। 3. TWE-S (टॉक्सिक वर्क एनवायर्नमेंट) टेस्ट यहां मैं आपको दो टेस्ट दे रहा हूं। नीचे दो ग्राफिक्स में दो अलग-अलग एसेसमेंट टेस्ट हैं। पहला है- TWE-S (टॉक्सिक वर्क एनवायर्नमेंट) टेस्ट और दूसरा है- वर्कप्लेस स्ट्रेस और मूड ट्रैकर टेस्ट। पहले टेस्ट में कुल 8 सवाल हैं। आपको इन सवालों को ध्यान से पढ़ना है और 0 से 3 के स्केल पर इसे रेट करना है। जैसेकि पहले सवाल का आपका जवाब अगर 'नहीं' है तो 0 नंबर दें और अगर आपका जवाब 'लगभग रोज' है तो 3 नंबर दें। अंत में अपने टोटल स्कोर की एनालिसिस करें। नंबर के हिसाब से उसका इंटरप्रिटेशन भी ग्राफिक में दिया है। जैसेकि अगर आपका टोटल स्कोर 19 से 24 के बीच है तो इसका मतलब है कि आपका वर्कप्लेस बहुत ज्यादा टॉक्सिक है और आपको तुरंत HR से बात करने और किसी प्रोफेशनल काउंसलर से हेल्प लेने की जरूरत है। 4. वर्कप्लेस स्ट्रेस और मूड ट्रैकर दूसरा ग्राफिक वर्कप्लेस स्ट्रेस और मूड ट्रैकर टेस्ट का है। पहले एसेसमेंट की तरह ही यहां भी ग्राफिक में चार सवाल दिए हैं, जिन्हें आपको 0 से 3 के स्केल पर रेट करना है और अंत में अपना स्कोर चेक करना है। आपको चार हफ्ते तक रोज इन सवालों का आपका स्कोर ट्रैक करना है। हमारा मकसद चार हफ्तों के भीतर इस स्कोर को 30% तक कम करना है। 5. चार हफ्ते का सेल्फ हेल्प प्लान (CBT आधारित) सप्ताह 1 समस्या को पहचानना और मन को थिर करना सप्ताह 2 सीमाएं तय करना सप्ताह 3 दोबारा कंट्रोल हासिल करना सप्ताह 4 पुनर्मूल्यांकन टॉक्सिक कुलीग को कैसे हैंडल करें? इस बीच ऑफिस में टॉक्सिक कुलीग के साथ डील करने के लिए नीचे दी गई रणनीति का पालन करें- रणनीति: सीमाएं तय करना उदाहरण: व्यक्तिगत बातें साझा न करें। कहें “हम बातचीत को प्रोफेशनल ही रखते हैं। सिर्फ काम से जुड़ी बात करिए।” रणनीति: रिकॉर्ड रखना उदाहरण: अनुचित व्यवहार की तारीख-समय नोट करें। HR को रिपोर्ट करने में ये सब काम आएगा। रणनीति: रिएक्शन कंट्रोल करना उदाहरण: जब बुरा लगे, गुस्सा आए तो गहरी सांस लें। 5 सेकेंड रुकें, फिर फैक्ट के आधार पर जवाब दें। रणनीति: सहयोगियों का नेटवर्क बनाना उदाहरण: दफ्तर में 1-2 ऐसे लोगों को आइडेंटिफाई करें, उनका नेटवर्क बनाएं, जो आपके शुभचिंतक हैं। रणनीति: ऑफिशियल रिपोर्ट करना उदाहरण: अपना साथ हो रहे बुरे व्यवहार के बारे में HR को ऑफिशियली रिपोर्ट करें। रणनीति: अपना ख्याल रखना उदाहरण: योग, नींद, पौष्टिक आहार और परिवार से बातचीत। इन बातों का ध्यान रखें। रणनीति: EXIT प्लान उदाहरण: नई नौकरी की दिशा में तैयारी शुरू करें। इससे आपको फील होगा कि कंट्रोल आपके हाथों में है। प्रोफेशनल हेल्प लेना कब जरूरी है नीचे ग्राफिक में दी चार स्थितियों में से कोई भी दिखे और सबसे महत्वपूर्ण बात ये कि अगर आपके मन में खुद को नुकसान पहुंचाने का ख्याल आए तो समझ जाइए कि प्रोफेशनल हेल्प लेना जरूरी है। तुरंत काउंसलर से संपर्क करिए। निष्कर्ष वर्कप्लेस पर सम्मान और सुरक्षा कोई लग्जरी नहीं है। बहुत बेसिक मानवीय जरूरत है। यह हर उस व्यक्ति को मिलनी चाहिए, जो किसी दफ्तर में जाकर अपना श्रम दे रहा है। ऑफिस का टॉक्सिक माहौल आपकी गलती नहीं है, लेकिन उससे बाहर निकलना या खुद को सुरक्षित रखने के लिए कदम उठाना पूरी तरह आपके नियंत्रण में है। याद रखिए, आपका मानसिक संतुलन किसी भी नौकरी से ज्यादा मूल्यवान है। ……………… ये खबर भी पढ़िए मेंटल हेल्थ– मैं किसी को NO नहीं बोल पाता: अपनी जरूरतें नहीं कह पाता, सब मुझे कंट्रोल और डॉमिनेट करते हैं, मैं क्या करूं छुटपन में आपने जो चीजें एक कोपिंग मैकेनिज्म की तरह एडॉप्ट कीं, अब वो एडल्ट लाइफ में इनर वायरिंग बन गई हैं। बड़े होने पर भी वही पैटर्न जारी है, जबकि अब आप न छोटे बच्चे हैं और न ही किसी एडल्ट पर निर्भर हैं। पूरी खबर पढ़िए...