Artificial Intelligence: आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) दुनिया की सबसे चर्चित तकनीक बन चुकी है. मोबाइल से लेकर मेडिकल साइंस, शिक्षा से लेकर युद्धक्षेत्र हर जगह AI के बिना कोई काम पूरा नहीं होता. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस सुपर स्मार्ट तकनीक की शुरुआत आखिर कहां से हुई? और आने वाले दस सालों में यह हमारी दुनिया को किस हद तक बदल देगी? यह कहानी सिर्फ मशीनों की नहीं है, यह कहानी इंसानों की उन कोशिशों की है जिन्होंने कंप्यूटर को सोचना, सीखना और फैसले लेना सिखाया.AI की शुरुआत कब और कैसे हुई?AI की जड़ें 1950 के दशक में मिलती हैं. यह वो दौर था जब दुनिया कंप्यूटर को एक साधारण मशीन मानती थी लेकिन कुछ वैज्ञानिक मानवीय दिमाग जैसी क्षमता मशीनों को देने का सपना देख रहे थे. एलन ट्यूरिंग के साथ शुरुआत. AI का पहला बीज 1950 में तब पड़ा जब ब्रिटिश गणितज्ञ एलन ट्यूरिंग ने एक सवाल पूछा “क्या मशीन सोच सकती है?” यही सवाल AI के इतिहास की सबसे बड़ी नींव बना. ट्यूरिंग ने ट्यूरिंग टेस्ट बनाया जिसमें यह जांचा जाता था कि मशीन इंसान जैसी बातचीत कर सकती है या नहीं.1956 – AI का जन्म वर्ष1956 में अमेरिका के डार्टमाउथ कॉलेज में एक वर्कशॉप हुई जहां Artificial Intelligence शब्द का इस्तेमाल पहली बार किया गया. यही कार्यक्रम AI के जन्म का आधिकारिक पल माना जाता है. वैज्ञानिकों को विश्वास था कि कुछ ही वर्षों में मशीनें इंसानों की तरह सीख पाएंगी लेकिन असल रास्ता इतना आसान नहीं था.शुरुआती दशकों में संघर्ष1960–1980 के बीच AI की प्रगति धीमी पड़ी. कंप्यूटर कमजोर थे, डेटा कम था और तकनीक महंगी थी. इसे AI विंटर भी कहा गया यानी वो समय जब उम्मीदें कम और चुनौतियां ज्यादा थीं.इंटरनेट, तेज प्रोसेसर, बिग डेटा और क्लाउड कंप्यूटिंग के आने के बाद AI अचानक तेज़ी से आगे बढ़ा. 2012 में डीप लर्निंग की खोज ने AI को नए युग में पहुंचा दिया. अब कंप्यूटर तस्वीरें पहचानने, भाषा समझने और अपने आप सीखने में सक्षम हो गया. आज ChatGPT, Google Gemini, Meta AI, OpenAI GPT मॉडल्स, सेल्फ-ड्राइविंग कारें, मेडिकल रोबोट्स, और स्मार्टफोन असिस्टेंट ये सब AI विकास की ही देन हैं.AI हमारी जिंदगी कैसे बदल रही है?AI अब सिर्फ किसी साइंस-फिक्शन फिल्म का हिस्सा नहीं बल्कि हमारी दिनचर्या का अहम हिस्सा बन चुकी है. मोबाइल पर autocorrect और फेस अनलॉक, YouTube और Instagram के सुझाव, बैंकिंग में फ्रॉड डिटेक्शन, अस्पतालों में AI डायग्नोसिस, किसानों के लिए मौसम और फसल सलाह और शिक्षा में स्मार्ट क्लास और पर्सनलाइज्ड लर्निंग. AI इंसानों की क्षमता को बढ़ाने में मदद कर रही है न कि उन्हें बदलने में.आने वाले 10 वर्षों में AI दुनिया को कैसे बदल देगी?अगले दस साल AI क्रांति के लिए सबसे बड़े साबित होंगे. जानिए किस तरह हमारी दुनिया पूरी तरह बदल जाएगी.हर जगह होंगी AI असिस्टेंट मशीनेंअभी हम Siri, Google Assistant या ChatGPT का प्रयोग करते हैं लेकिन आने वाले समय में हर घर में हाई-इंटेलिजेंट AI असिस्टेंट होंगे. यह असिस्टेंट आपकी आवाज़ ही नहीं, आपकी भावनाएं, पसंद और सोच को भी समझेंगे.खाना पकाने का सुझावहेल्थ मॉनिटरिंगबच्चे की पढ़ाईघर की सिक्योरिटीबुजुर्गों की देखभालAI आपका एक डिजिटल पार्टनर बन जाएगी.नौकरी की दुनिया में बड़ा बदलावAI कई तरह की नौकरियों को आसान या खुद से पूरा कर देगी लेकिन इसके साथ कई लाख नए रोजगार भी पैदा होंगे.जो नौकरियां घटेंगीडेटा एंट्रीबेसिक कस्टमर सपोर्टट्रांसलेशनदोहराए जाने वाले औद्योगिक कामजो नौकरियां बढ़ेंगी:AI ट्रेनरप्रॉम्प्ट इंजीनियररोबोटिक सुपरवाइजरसाइबर सिक्योरिटी विशेषज्ञडेटा साइंटिस्टआने वाला समय AI के साथ काम करने वालों का होगा.डॉक्टरों का सबसे बड़ा सहायक बनेगा AIAI स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांति ला देगी.कैंसर का शुरुआती पताहार्ट अटैक की भविष्यवाणीAI सर्जरीपर्सनलाइज्ड मेडिसिनमरीज की फाइल का ऑटोमैटिक विश्लेषणग्रामीण भारत और दूर-दराज़ क्षेत्रों में AI डॉक्टर जैसी मदद करेगा.शिक्षा होगी 100% पर्सनलाइज्डअब हर बच्चे को उसकी क्षमता के हिसाब से पढ़ाई मिलेगी. AIकमजोर विषयों को पहचानेगीउसके लिए खास कोर्स तैयार करेगीउसकी सीखने की स्पीड के मुताबिक पढ़ाएगीइससे शिक्षा का स्तर कई गुना बढ़ जाएगा.स्मार्ट शहर और स्मार्ट ट्रांसपोर्टअगले 10 सालों में AI आधारित शहर आम बात बन जाएंगे.ट्रैफिक का ऑटो कंट्रोलAI से पार्किंग मैनेजमेंटऑटोमैटिक पुलिस मॉनिटरिंगपब्लिक ट्रांसपोर्ट का रीयल-टाइम प्रबंधनइलेक्ट्रिक और सेल्फ-ड्राइविंग कारें भी तेज़ी से मुख्य सड़क पर दिखाई देने लगेंगी.साइबर सुरक्षा की नई चुनौतीजैसे-जैसे AI बढ़ेगी, खतरे भी बढ़ेंगे.डीपफेकAI फ्रॉड कॉलऑटोमैटिक हैकिंग सिस्टमडेटा चोरीइसीलिए आने वाले दशक में साइबर सिक्योरिटी AI का सबसे बड़ा युद्धक्षेत्र बनेगी.क्या AI इंसानों के लिए खतरा है?बहुत से वैज्ञानिक मानते हैं कि AI का गलत इस्तेमाल दुनिया के लिए खतरा बन सकता है. गलत सूचनाएं, प्राइवेसी का खतरा, हथियारों में AI, बेरोजगारी की आशंका. लेकिन यही तकनीक इंसानों को अकल्पनीय स्तर पर मदद भी कर सकती है. अंतर बस इस्तेमाल का है.AI की शुरुआत एक सवाल से हुई क्या मशीन सोच सकती है?” और अब दुनिया इस मुकाम पर है जहां मशीनें न सिर्फ सोचती हैं बल्कि सीखती भी हैं अनुमान लगाती हैं और समस्याएं हल करती हैं. आने वाले दस साल AI को हमारी दुनिया का अभिन्न हिस्सा बना देंगे.यह भी पढ़ें:TECH EXPLAINED: मालवेयर क्या होते हैं और कैसे काम करते हैं? जानिए इसके टाइप और बचाव के तरीके