साइबर क्रिमिनल्स लोगों को ठगने के लिए अक्सर नए-नए हथकंडे अपनाते रहते हैं। ताजा मामला उत्तराखंड की राजधानी देहरादून का है, जहां दर्जनों लोगों को ‘RTO चालान’ के नाम पर एक खतरनाक स्कैम का शिकार बनाया गया। इस स्कैम में ठग लोगों के वॉट्सएप पर ‘RTO e-Challan.apk’ नाम की एक नकली फाइल भेजते हैं। जैसे ही कोई व्यक्ति इस फाइल पर क्लिक करता है, उसके फोन में मालवेयर इंस्टॉल हो जाता है। इसके जरिए वे बैंकिंग डिटेल्स तक पहुंच बना लेते हैं। कई लोग इसे असली आरटीओ चालान समझकर डाउनलोड कर लेते हैं और अनजाने में इस स्कैम का शिकार हो जाते हैं। तो चलिए, आज साइबर लिटरेसी कॉलम में हम ‘RTO चालान स्कैम’ के बारे में विस्तार से बात करेंगे। साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट: राहुल मिश्रा, साइबर सिक्योरिटी एडवाइजर, उत्तर प्रदेश पुलिस सवाल- RTO चालान स्कैम क्या है? जवाब- यह साइबर फ्रॉड का एक नया तरीका है। इसमें हैकर्स किसी परिचित के वॉट्सएप अकाउंट से ‘RTO e-Challan.apk’ नाम की एक नकली APK फाइल भेजते हैं। ये फाइल देखने में बिल्कुल असली ट्रैफिक चालान जैसी लगती है, जिससे लोग आसानी से धोखा खा जाते हैं। जैसे ही कोई यूजर इस फाइल को डाउनलोड या ओपन करता है, उसका फोन हैक हो जाता है। इस स्कैम का टारगेट एंड्रॉयड यूजर हैं क्योंकि .apk फाइलें केवल एंड्रॉयड में चलती हैं। सवाल- स्कैमर्स कैसे इस फ्रॉड को अंजाम देते हैं? जवाब- साइबर ठग इस फ्रॉड को अंजाम देने के लिए किसी भरोसेमंद कॉन्टैक्ट का वॉट्सएप पहले हैक करते हैं। फिर उसके अकाउंट से फाइल भेजते हैं। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- सवाल- RTO चालान जान-पहचान वाले व्यक्ति के नाम से आए तो क्या कदम उठाएं? जवाब- सबसे पहले तो आप ये बात स्पष्ट रूप से समझ लीजिए कि RTO चालान हो या किसी भी सरकारी विभाग का मैसेज ये किसी दोस्त या जान पहचान वाला व्यक्ति आपको नहीं भेजता है। इससे बचने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखें। सवाल- लोग क्यों आसानी से इस फ्रॉड के झांसे में आ जाते हैं? जवाब- इसके पीछे कई कारण हैं। जैसेकि- सवाल- असली और नकली चालान को कैसे पहचानें? जवाब- असली और नकली चालान में फर्क समझना जरूरी है क्योंकि साइबर ठग असली जैसे दिखने वाले फेक लिंक और फाइल से लोगों को फंसाते हैं। हालांकि कुछ छोटी-छोटी बातें ध्यान में रखकर आप असानी से ऐसे फ्रॉड से बच सकते हैं। सवाल- RTO चालान स्कैम से बचने के लिए क्या करें? जवाब- साइबर सिक्योरिटी एडवाइजर राहुल मिश्रा बताते हैं कि थोड़ी सी सतर्कता और सावधानी से इस स्कैम से बचा जा सकता है। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- सवाल- अगर स्कैम का शिकार हो जाएं तो तुरंत क्या करना चाहिए? जवाब- सबसे पहले घबराएं नहीं और तुरंत कुछ जरूरी कदम उठाएं। सबसे पहले अपने फोन से उस फेक फाइल को डिलीट करें और मोबाइल को एंटीवायरस स्कैन से चेक करें। इसके बाद वॉट्सएप को तुरंत री-इंस्टॉल करें। अपने अकाउंट में टू-स्टेप वेरिफिकेशन ऑन करें ताकि हैकर्स होने से बचाया जा सके। अगर आपको बैंक से जुड़े OTP या ट्रांजैक्शन अलर्ट आने लगे तो तुरंत अपने बैंक को सूचित करें। अस्थायी रूप से इंटरनेट बैंकिंग को ब्लॉक करवाएं। सवाल- RTO चालान स्कैम की शिकायत किससे करें? जवाब- इसके लिए साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 या www.cybercrime.gov.in वेबसाइट पर मामले की शिकायत करें। सवाल- स्कैमर्स APK फाइल भेजकर लोगों को ठगते हैं। APK फाइल क्या है और इसे कैसे पहचानें? जवाब- APK फाइल का मतलब ‘एंड्रायड पैकेज किट’ है, जो किसी एंड्रॉयड एप को फोन में इंस्टॉल करने के लिए इस्तेमाल होता है। ये वही फाइल है, जिससे एप गूगल प्ले स्टोर पर डाउनलोड किया जाता है। लेकिन जब यही फाइल वॉट्सएप या किसी लिंक से सीधे भेजी जाती है तो यह असली नहीं होती है। ऐसी फाइलों को पहचानने का आसान तरीका है कि इनका नाम हमेशा “.apk” से खत्म होता है। जैसे RTO_eChallan.apk। असली सरकारी फाइलें कभी भी APK फॉर्मेट में नहीं आतीं हैं। अगर कोई APK फाइल WhatsApp, SMS या ईमेल अटैचमेंट के रूप में आए तो उसे कभी डाउनलोड या ओपन न करें। इससे हैकर्स आपके फोन का डेटा, वॉट्सएप और बैंकिंग एप्स तक एक्सेस पा सकते हैं। ........................... साइबर लिटरेसी से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए साइबर लिटरेसी- एक लापरवाही से वॉट्सएप हो सकता है हैक: फ्रॉड होने का रिस्क, वॉट्सएप को ऐसे रखें सिक्योर, न करें ये 6 गलतियां साल 2024 के पहले तीन महीनों में वॉट्सएप के माध्यम से साइबर स्कैम को लेकर कुल 43,797 शिकायतें दर्ज हुईं। इसके बाद टेलीग्राम के खिलाफ 22,680 और इंस्टाग्राम के खिलाफ 19,800 शिकायतें मिलीं। इसलिए वॉट्सएप यूजर्स को सतर्कता बरतने की ज्यादा जरूरत है। पूरी खबर पढ़िए...