दुनियाभर में मालवेयर और दूसरे तरीकों से मोबाइल अटैक की घटनाएं बढ़ी हैं और भारत इस मामले में शीर्ष पर बना हुआ है. एक ताजा रिपोर्ट में सामने आया है कि दुनियाभर में होने वाले मोबाइल अटैक्स में 26 प्रतिशत अकेले भारत में होते हैं. IoT (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) पर होने वाले साइबर हमलों की बात करें तो इस मामले में अमेरिका टॉप पर है और दुनियाभर में आधे से ज्यादा ऐसे हमले यहीं होते हैं. रिपोर्ट से पता चला है कि दुनियाभर में मालवेयर और स्पाईवेयर से मोबाइल को निशाना बनाने की घटनाएं सालाना आधार पर 67 प्रतिशत बढ़ी हैं. भारत पर पिछले साल की तुलना में 38 प्रतिशत अधिक अटैक- रिपोर्टZscaler की ThreatLabz 2025 Mobile, IoT, and OT Threat Report के अनुसार, भारत में सालाना आधार पर मोबाइल अटैक्स की संख्या में 38 प्रतिशत का उछाल आया है और यहां दुनिया में सबसे ज्यादा मोबाइल अटैक्स होते हैं. साइबर अपराधी अब कार्ड की बजाय मोबाइल पेमेंट के जरिए होने वाले फ्रॉड ज्यादा कर रहे हैं. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि साइबर अटैकर्स सबसे ज्यादा एनर्जी सेक्टर को निशाना बना रहे हैं. इस सेक्टर पर पिछले साल की तुलना में होने वाले साइबर अटैक्स की घटनाएं 387 प्रतिशत बढ़ी हैं. इसके अलावा मैन्युफैक्चरिंग और ट्रांसपोर्टेशन सेक्टर में होने वाले साइबर हमले भी तेजी से बढ़े हैं. करोड़ों बार डाउनलोड हुईं फर्जी ऐप्सरिपोर्ट के मुताबिक, गूगल प्ले स्टोर पर 200 से अधिक मलेशियस ऐप्स पाई गईं, जिन्हें 4.2 करोड़ से अधिक बार डाउनलोड किया गया था. खुद को प्रोडक्टिविटी और वर्कफ्लो यूटिलिटी ऐप्स के तौर पेश करने वाली ये ऐप्स टूल्स कैटेगरी में लिस्टेड थीं. इन ऐप्स को दुनियाभर में करोड़ों बार डाउनलोड किया गया. बता दें कि फर्जी ऐप्स को प्ले स्टोर पर लिस्ट होने से रोकने की गूगल की तमाम कोशिशों के बाद भी साइबर अपराधी इन्हें लिस्ट करने में कामयाब रहते हैं. इन ऐप्स को यूजर्स का डेटा चुराने, मालवेयर या रैंसमवेयर इंस्टॉल करने के इरादे से बनाया जाता है.ये भी पढ़ें-तबाही ला सकती है सुपरइंटेलीजेंस, OpenAI ने दी AI की अगली स्टेज को लेकर कड़ी वार्निंग