सांसदजी, आपकी नहीं हमारी बात सुनाने को बुलाया है...जहर खाने तक के पैसे नहीं हैं, खूब सुनाई खरी-खोटी

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फसल बर्बाद होने से किसानों ने छह महीने से रुपये नहीं देखे। बच्चों की फीस से लेकर परिवार का लालन-पालन चुनौती बन गया है। कर्ज लेकर खरीफ की बुआई की थी, लेकिन लौटा नहीं पा रहे हैं। जहर खाने तक के पैसे नहीं हैं। हमें समस्याओं का समाधान चाहिए। आप हमारी बात मुख्यमंत्री या कृषि मंत्री से करवा दी दीजिए।