फ़्री या रियायती सेवाएं देने के लिए आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस कंपनियाँ भारतीय कंपनियों के साथ साझेदारी कर रही हैं. विश्लेषक कहते हैं कि ऐसे ऑफ़र को कंपनियों की उदारता या मुफ़्त दान समझने की भूल नहीं करनी चाहिए.