हाल ही में ई-सिम (eSIM) अपग्रेड के नाम पर फ्रॉड का एक नया मामला सामने आया है। साउथ मुंबई के एक डॉक्टर से करीब 11 लाख रुपए की ठगी हुई। जालसाज ने खुद को टेलिकॉम कंपनी का प्रतिनिधि बताकर डॉक्टर को फिजिकल सिम से ई-सिम में अपग्रेड करने के लिए राजी किया। स्कैमर ने इसके लिए डॉक्टर से OTP लेकर उनके खाते से 10.5 लाख रुपए ऐंठ लिए। पुलिस ने इस मामले में पुणे से एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, जिसने अपना बैंक खाता साइबर धोखेबाजों को किराये पर दे रखा था, जबकि मुख्य सरगना की तलाश जारी है। आजकल बहुत से लाेग अपने मोबाइल फोन में ई-सिम एक्टिवेट कराते हैं। ऐसे में थोड़ी सी लापरवाही या जागरूकता की कमी उन्हें साइबर फ्रॉड का शिकार बना सकती है। तो चलिए, आज साइबर लिटरेसी कॉलम में हम आपको बताएंगे कि ई-सिम अपग्रेड के नाम पर कैसे फ्रॉड को अंजाम दिया जाता है। साथ ही जानेंगे कि- एक्सपर्ट: राहुल मिश्रा, साइबर सिक्योरिटी एडवाइजर, उत्तर प्रदेश पुलिस सवाल- ई-सिम क्या है और यह कैसे काम करता है? जवाब- ई-सिम (eSIM) का मतलब ‘एंबेडेड सब्सक्राइबर आइडेंटिटी मॉड्यूल’ है। यह एक डिजिटल सिम कार्ड है, जो मोबाइल या डिवाइस में पहले से इनबिल्ट रहता है। इसे किसी फिजिकल सिम कार्ड की तरह निकालने या डालने की जरूरत नहीं होती है। जब आप किसी टेलिकॉम कंपनी (जैसे Jio, Airtel, Vi आदि) से ई-सिम एक्टिवेट करवाते हैं तो वे एक QR कोड या एक्टिवेशन कोड भेजते हैं। इसे स्कैन करने पर मोबाइल में नेटवर्क प्रोफाइल डाउनलोड हो जाती है। इस प्रोफाइल से मोबाइल में कंपनी की सारी जानकारी (जैसे नंबर, नेटवर्क सेटिंग्स, डेटा प्लान) सेव हो जाती है। ई-सिम की मदद से एक ही फोन में कई नंबर रख सकते हैं और जरूरत के अनुसार उन्हें स्विच कर सकते हैं। मोबाइल चोरी होने या सिम खोने पर इसे आसानी से लॉक या ट्रांसफर किया जा सकता है। सवाल- ई-सिम अपग्रेड के नाम पर कैसे फ्रॉड को अंजाम दिया जाता है? जवाब- पिछले कुछ समय से ई-सिम के नाम पर कई तरह के फ्रॉड तेजी से बढ़े हैं। साइबर क्रिमिनल्स लोगों को झांसा देकर ई-सिम कन्वर्जन या एक्टिवेशन के बहाने उनके मोबाइल नंबर पर कंट्रोल हासिल करने की कोशिश करते हैं। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- सवाल- डॉक्टर के साथ कैसे स्कैम हुआ? जवाब- स्टेप-बाय-स्टेप समझिए कि पूरा मामला क्या है। सवाल- ई-सिम रिक्वेस्ट कॉल को कैसे वेरिफाई करें कि यह सही है या स्कैम? जवाब- अगर किसी अनजान नंबर से ई-सिम अपग्रेड या एक्टिवेशन की कॉल आती है तो पहले यह सोचें कि आपने खुद ऐसी कोई रिक्वेस्ट की थी या नहीं। टेलिकॉम कंपनियां ग्राहक को फोन नहीं करतीं, बल्कि आपको खुद एप या वेबसाइट के जरिए इसके लिए रिक्वेस्ट भेजना पड़ता है। किसी भी कॉल पर अगर OTP, QR कोड या लिंक शेयर करने के लिए कहा जाए तो समझ लें यह स्कैम है। सही कॉल की पुष्टि के लिए खुद कंपनी के आधिकारिक कस्टमर केयर नंबर पर कॉल करें या उनके एप से जांचें। कभी भी जल्दबाजी या दबाव में अपनी निजी जानकारी न दें। सवाल- ई-सिम अपग्रेड के असली प्रोसेस में कौन से स्टेप होते हैं? जवाब- ई-सिम सभी फोन के लिए नहीं होता है। इसके लिए डिवाइस eSIM-कम्पैटिबल होना चाहिए। इसके साथ ही इस पूरी प्रक्रिया में EID (एम्बेडेड आइडेंटिटी डॉक्यूमेंट) नंबर की जरूरत होती है। इसे चेक करने के लिए *#06# डायल कर सकते हैं। आपका रजिस्टर्ड ईमेल ID आपके मोबाइल नंबर से लिंक होना चाहिए क्योंकि एक्टिवेशन के लिए QR कोड वहीं भेजा जाएगा। इसके साथ एक्टिवेशन की अंतिम प्रक्रिया में eSIM प्रोफाइल डाउनलोड करने के लिए Wi-Fi कनेक्शन होना जरूरी है। नीचे दिए ग्राफिक से इसकी पूरी प्रक्रिया समझिए- सवाल- ई-सिम स्कैम से बचने के क्या तरीके हैं? जवाब- स्कैम से बचने के लिए किसी भी अनजान कॉल, लिंक या QR कोड पर भरोसा न करें। हमेशा ई-सिम अपग्रेड केवल अपने टेलिकॉम ऑपरेटर की आधिकारिक साइट या एप से ही करें। इसके अलावा कुछ और बातों का ख्याल रखें। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- सवाल- संभावित फ्रॉड के साइन क्या हैं? कौन से संकेत दिखें तो सावधान हो जाना चाहिए? जवाब- स्कैमर आमतौर पर यूजर को विश्वास में लेकर उनसे सेंसिटिव जानकारी हासिल करना चाहते हैं। वह कंपनी या बैंक के आधिकारी बनकर कॉल कर सकते हैं। इसके अलावा फ्रॉड के कुछ और भी साइन हैं। इसे नीचे दिए ग्राफिक से समझिए- सवाल- अगर गलती से किसी संदिग्ध लिंक पर क्लिक कर दिया या OTP शेयर कर दिया तो क्या करें? जवाब- अपने मोबाइल ऑपरेटर (Airtel/Jio/Vi आदि) के कस्टमर केयर प्रतिनिधि को तुरंत कॉल करके सिम/ई-सिम ब्लॉक करवाएं। सभी महत्वपूर्ण अकाउंट्स (बैंक, ई-मेल, सोशल मीडिया) के पासवर्ड बदलें और टू-स्टेप वेरिफिकेशन (2FA) बदलें। सवाल- ई-सिम फ्रॉड होने पर किससे शिकायत करें? जवाब- नजदीकी पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज कराएं और साइबर सेल या नेशन साइबर क्राइम पोर्टल (www.cybercrime.gov.in) पर शिकायत करें। अगर संभव हो तो अपने डिवाइस पर लॉग्स या मेसेज सुरक्षित रखें। ये बाद में सबूत के तौर पर काम आ सकते हैं। सवाल- फोन, बैंक अकाउंट या UPI डिटेल्स सुरक्षित रखने के जरूरी कदम क्या हैं? जवाब- इसके लिए हमेशा मजबूत पासवर्ड और टू-स्टेप वेरिफिकेशन (2FA) का इस्तेमाल करें। अपने बैंक या पेमेंट एप्स को लॉक रखें और पब्लिक वाई-फाई से ट्रांजैक्शन न करें। किसी भी कॉल, लिंक या एप के जरिए OTP या PIN कभी शेयर न करें और समय-समय पर अपने पासवर्ड अपडेट करते रहें। सवाल- आजकल टेलिकॉम कंपनियां क्या फिजिकल सिम को ई-सिम में बदलने की सुविधा दे रही हैं? ऐसा करना कितना सुरक्षित है? जवाब- हां, अगर आपके फोन में ये सुविधा उपलब्ध है तो इसका इस्तेमाल करना पूरी तरह सुरक्षित है। बशर्ते ई-सिम कन्वर्जन की प्रक्रिया आधिकारिक वेबसाइट, एप या स्टोर से ही करनी चाहिए। ………………… साइबर लिटरेसी से जुड़ी ये खबर भी पढ़िए साइबर लिटरेसी- एक लापरवाही से वॉट्सएप हो सकता है हैक: फ्रॉड होने का रिस्क, वॉट्सएप को ऐसे रखें सिक्योर, न करें ये 6 गलतियां साल 2024 के पहले तीन महीनों में वॉट्सएप के माध्यम से साइबर स्कैम को लेकर कुल 43,797 शिकायतें दर्ज हुईं। इसके बाद टेलीग्राम के खिलाफ 22,680 और इंस्टाग्राम के खिलाफ 19,800 शिकायतें मिलीं। इसलिए वॉट्सएप यूजर्स को सतर्कता बरतने की ज्यादा जरूरत है। पूरी खबर पढ़िए...