बिहार में शराबबंदी क़ानून कई वजहों से चर्चा में रहा है. ज़हरीली शराब से मौत और अरबों रुपये के राजस्व के नुक़सान पर सियासी दल नीतीश सरकार पर सवाल खड़े करते रहे हैं.