करनाल में स्पेन भेजने के नाम पर 9 लाख हड़पे:​​​​​​​फर्जी डॉक्यूमेंट बनाकर वीजा दिलाने का झांसा, दिल्ली के दंपती पर आरोप

Wait 5 sec.

करनाल जिले के शांति नगर में पिता से बेटे को स्पेन भेजने के नाम पर करीब 9 लाख रुपए की ठगी का मामला सामने आया है। पीड़ित पिता अपने बेटे को स्पेन में डॉक्टरी की पढ़ाई करवाना चाहता था। ठगो ने पिता को एडमिशन और वीजा की प्रोसेस में पूरा भरोसा दिलवाया और फर्जी यूनिवर्सिटी डॉक्यूमेंट बनवाकर दिखाए गए। जब वीजा रिफ्यूज हुआ और पैसे मांगने की बात आई, तो ठगों ने धमकी दी कि पैसे भूल जाओ, वरना बेटे से हाथ धो बैठोगे। मामला सामने आने पर पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है। विदेश भेजने की चाहत बनी मुसीबत मार्च 2023 में शांति नगर के अलोक ने अपने बेटे तोयेश को स्पेन भेजने का फैसला किया। पिता की इच्छा थी कि बेटा एमबीबीएस की डिग्री लेकर एक अच्छा डॉक्टर बने। इसी दौरान उनकी पहचान दिल्ली के मंगोलपुर कला में रहने वाली रानी काला और उसके पति विपिन डबास से हुई। दोनों ने दावा किया कि वे विदेश में पढ़ाई के एडमिशन और वीजा की प्रक्रिया करवाते हैं। उन्होंने अलोक संधू को भरोसा दिलाया कि उनका बेटा जून 2023 में स्पेन रवाना हो जाएगा। गिरोह ने बनाई ठोस प्लानिंग रानी काला और विपिन डबास ने बातचीत के दौरान बताया कि 2.50 लाख रुपए उनका खर्चा और 7 लाख रुपए कॉलेज फीस लगेगी। अलोक संधू को यह डील सही लगी और उन्होंने जून 2023 में 7600 यूरो यानी करीब 6.80 लाख रुपए कॉलेज फीस के रूप में भेज दिए। यह रकम करनाल की सेक्टर-12 स्थित पंजाब नेशनल बैंक से ऑनलाइन ट्रांसफर की गई थी। ठगों ने कहा कि यह कॉलेज का खाता है, लेकिन बाद में पता चला कि वह खाता सुष्मिता नंदा नामक महिला का था, जो इसी गिरोह की साथी थी। पिता ने अलग-अलग खातों में भेजे पैसे इसके अलावा अलोक संधू ने 50 हजार रुपए गूगल पे से और 2 लाख रुपए नेट बैंकिंग के जरिए रानी काला के खाते में ट्रांसफर किए। इस तरह कुल 9.30 लाख रुपए आरोपियों के पास पहुंच गए। शुरुआत में सबकुछ सही लगता रहा। रानी काला ने तो यहां तक कहा कि एम्बेसी में उनके बेटे को दिपांशु त्यागी नामक व्यक्ति मिलेगा, जो उसे वीजा प्रक्रिया में मदद करेगा। फर्जी डॉक्यूमेंट बनाए, वीजा रिजेक्ट जब तोयेश संधू एम्बेसी पहुंचा, तो वहां दिपांशु त्यागी नामक व्यक्ति मौजूद था। उसने फाइल में स्पेन यूनिवर्सिटी का इनविटेशन लैटर, रजिस्ट्रेशन डॉक्यूमेंट और फीस इनवाइस लगाए। बाद में ये सभी दस्तावेज फर्जी निकले। इन्हीं जाली कागजातों के कारण तोयेश का वीजा रिजेक्ट हो गया। वारसा पुलिस तक पहुंची शिकायत, फर्जी नाम जब ठगों ने रकम लौटाने से मना कर दिया, तो अलोक संधू ने सितंबर 2024 में वारसा (पोलैंड) पुलिस में ऑनलाइन शिकायत दर्ज करवाई। जांच के बाद वारसा पुलिस ने ईमेल के जरिए बताया कि सुष्मिता नंदा नाम का कोई व्यक्ति वहां मौजूद ही नहीं है। इससे यह साफ हो गया कि गिरोह ने फर्जी नाम और खाते के जरिए रकम मंगवाई थी। धमकियों से और बढ़ी परेशानी वारसा पुलिस की रिपोर्ट के बाद जब अलोक संधू ने विपिन डबास से पैसे मांगने की कोशिश की, तो उसने धमकी दी कि इन पैसों को भूल जाओ, वरना तुम्हारा बेटा नहीं बचेगा। यह सुनकर परिवार के होश उड़ गए। परेशान होकर अलोक संधू ने इस पूरे गिरोह के खिलाफ पुलिस अधीक्षक करनाल को शिकायत दी। पहले दी गई थी शिकायत, नहीं समाधान अलोक संधू ने इससे पहले भी बीती 2 अप्रैल को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी। उस समय तीनों आरोपी रानी काला, विपिन डबास और दिपांशु त्यागी जांच में शामिल हुए थे। उन्होंने 15 जुलाई तक पूरी रकम लौटाने का वादा किया था, लेकिन बाद में वे अपने वादे से मुकर गए। आर्थिक अपराध शाखा की जांच में खुलासा मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा करनाल को सौंपी गई। जांच अधिकारी ने शिकायत, बैंक ट्रांजैक्शन और इलेक्ट्रॉनिक सबूतों के आधार पर पाया कि आरोपियों ने सुनियोजित तरीके से ठगी की है। गिरोह ने जाली दस्तावेज बनवाकर और फर्जी खाते के जरिए रकम हासिल की। जांच रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि शिकायतकर्ता के खाते से जो राशि पोलैंड के खाते में भेजी गई थी, वह भी धोखाधड़ी का हिस्सा थी। एक हिस्से की रकम लौटाई, बाकी हड़पी लगातार दबाव के बाद आरोपियों ने सितंबर 2024 में 1 लाख रुपए रानी काला के खाते से और 1.81 लाख रुपए सुष्मिता नंदा के खाते से लौटाए। लेकिन बाकी 6.49 लाख रुपए आज तक वापस नहीं किए। यही रकम गिरोह ने ठगी के तौर पर हड़प ली। केस दर्ज कर जांच में जुटी पुलिस आर्थिक अपराध शाखा की रिपोर्ट के आधार पर थाना रामनगर में एफआईआर दर्ज की गई है। केस में रानी काला, विपिन डबास और दिपांशु त्यागी पर धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र के आरोप लगाए गए हैं। पुलिस ने बताया कि आरोपियों ने विदेश भेजने के नाम पर कई लोगों को झांसा दिया है और गिरोह का नेटवर्क दिल्ली व गुड़गांव तक फैला हुआ है।