फिल्मों में अगर विलेन न हो तो उनका स्वाद अधूरा लगता है, क्योंकि जब तक कहानी में खलनायक नहीं होगा, तब तक हीरो का जलवा भी फीका पड़ जाएगा। आज के दौर में भले ही फिल्मों में हीरो का बोलबाला है, लेकिन 70 से 90 के दशक में विलेन ही पर्दे पर राज करते थे।