इन दिनों दिल्ली और आसपास के इलाकों की हवा में जहर घुला हुआ है. एयर क्वालिटी इस कदर खराब हो चुकी है कि सांस लेना भी मुश्किल हो गया है. ऐसे में लोग घर से बाहर निकलने से पहले अपने फोन में AQI को चेक कर रहे हैं. आपने देखा होगा कि अलग-अलग फोन में एयर क्वालिटी को लेकर अलग-अलग रीडिंग दिखाई जाती हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि मोबाइल कंपनियां अलग-अलग डेटा प्रोवाइडर्स से मौसम का डेटा ले रही हैं. आइए जानते हैं कि कौन-सी कंपनी कहां से मौसम का डेटा लेती है. सैमसंग, वनप्लस, रियलमी और ओप्पोसैमसंग के डिवाइस द वेदर चैनल के प्लेटफॉर्म Weather.com से डेटा लेते हैं. यह सरकारी सेंसरों और ग्लोबल मॉनिटरिंग स्टेशनों से मिले डेटा को कंबाइन कर AQI रीडिंग देता है. इसकी मदद से सैमसंग यूजर्स को GPS लोकेशन के आधार पर पॉल्यूशन डेटा देखने को मिलता है. सैमसंग के अलावा वनप्लस, रियलमी और ओप्पो भी इसी प्लेटफॉर्म से पॉल्यूशन का डेटा लेते हैं. इस वजह से अधिकतर समय इनकी रीडिंग एक जैसी होती है.ऐप्पलऐप्पल अपने आईफोन के लिए इजरायली कंपनी BreezoMeter से एयर क्वालिटी डेटा लेती है. यह कंपनी मशीन लर्निंग मॉडल्स के साथ-साथ ग्राउंड पर लगे सेंसर और सैटेलाइट डेटा की मदद से AQI रीडिंग प्रदान करती है. यह हवा में PM2.5 और PM10 जैसे प्रदूषक तत्वों की भी जानकारी देती है. इससे मिले डेटा से वेदर ऐप और सिरी पर AQI रीडिंग दिखती है. गूगलपिक्सल डिवाइस और वेदर सर्विस गूगल के खुद के डेटा एग्रीगेशन सिस्टम का यूज कर रीडिंग दिखाते हैं. गूगल कई सरकारी और प्राइवेस सोर्सेस से मौसम का डेटा लेती है और उन्हें कंबाइन कर यूजर को उसके इलाके का हाल बताती है. यह हाइपरलोकल की जगह शहरों के हिसाब से हवा का हाल बताती है. शाओमी, रेडमी और पोकोये तीनों चाइनीज स्मार्टफोन कंपनियां AccuWeather से AQI और मौसम का डेटा लेती है. AccuWeather सरकारी एजेंसियों और ग्लोबल मॉनिटरिंग स्टेशन से मौसम से जुड़ा डेटा इकट्ठा करती है. इस डेटा के आधार यह कंपनी शहरों के हिसाब से एयर क्वालिटी रीडिंग को अपडेट करती रहती है.ये भी पढ़ें-OnePlus 15: दमदार बैटरी और पावरफुल प्रोसेसर के साथ आज होगा लॉन्च, पहले ही लीक हो गई कीमत