धर्मधानी उज्जैन में भैरव उपासना के लिए विशेष मानी गई है। स्कंद पुराण के अवंतिखंड में यहां अष्ट महाभैरव का उल्लेख मिलता है। भैरव इस नगर की सुरक्षा करते हैं। इसलिए कालभैरव को महाकाल का सेनापति कहा जाता है। भैरव वैदिक तंत्र के भी अधिष्ठात्र देव हैं, इसलिए भी यहां उनका उच्च स्थान माना गया है। भैरव ही भय से मुक्त करते हैं, इसलिए इनकी साधना नित्य मानी गई है।