ऐतिहासिक लाल किले के बाहर हुए धमाके से इलाके में चीख-पुकार मच गई। धमाका इतनी तेज था कि लोगों की आंखें बंद हो गईं और कुछ देर तक किसी को समझ ही नहीं आया कि क्या हुआ।